नारी के सम्मान में नारी शक्ति पर दोहे । नारी जिसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वही इस संसार के प्रत्येक मनुष्य को जन्म देती है। एक वृक्ष की भांति कई रिश्तों को जन्म देती है। नारी कभी माँ तो कभी पत्नी है। कभी बहन तो कभी पुत्री है। नारी के अनेकों रूप हैं। हर रूप में नारी सम्माननीय है। आज के समय में तो नारी हर क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर समर्पित है उन्हीं नारियों को यह दोहावली “ नारी शक्ति पर दोहे “
नारी शक्ति पर दोहे
1.
नारी माता, बहन है , नारी जग का मूल ।
नारी चंडी रूप है, नारी कोमल फूल ।।
2.
बिन नारी बनता नहीं, एक सुखी परिवार ।
नारी को सम्मान दो, यह उसका अधिकार ।।
3.
नारी से घरबार है, है रिश्तों में जान ।
सबको करना चाहिए, नारी का सम्मान ।।
4.
नारी लक्ष्मी, शारदा, नारी दुर्गा रूप ।
नारी दुख को सुख करे, नारी शक्ति अनूप ।।
5.
नारी शिशु को जन्म दे, करे जगत विस्तार ।
नारी माता रूप में, स्वयं ईश अवतार ।।
6.
नारी से घर स्वर्ग है, रहता प्रभु का वास ।
विपदा सारी दूर हो, जीवन में उल्लास ।।
7.
अबला से सबला हुई, देखो नारी आज ।
नारी के सहयोग से, उन्नत बने समाज ।।
8.
नारी के गुणगान से, भरा हुआ इतिहास ।
बिन नारी संभव नहीं, होना जगत विकास ।।
9.
माँ बन कर आशीष दे, पत्नी बन दे साथ ।
नारी बहना बन सदा, डोरी बांधे हाथ ।।
10.
जग में जो करता नहीं, नारी का सम्मान ।
उसको नर कहना नहीं, वह है पशु समान ।।
11.
नारी से पारिवार है, नारी से संसार ।
नारी जग का मूल है, जीवन का आधार ।।
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sir एक दोहा जो की आधा पता ःहै कभी आने पुरुष दे प्रीतदी बात की ँमुख्जोर ये पुरा दोहा अर्थ के साथ ःहोमै
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