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ईश्वर भक्ति गीत में पढ़िए प्रभु के सामने की गयी एक भक्तिमय वंदना। भगवान की माया अपरम्पार है। वह सब के मन की जानते हैं। जब भी किसी की जीवन की नैया मझधार में फंसती है तो उसे भगवान ही बाहर निकल साकते हैं। उनका आशीर्वाद प्राप्त कर ही जीवन को साफल बनाया जा सकता है। आइये पढ़ते हैं उसी इश्वर की स्तुति में लिखा गया ईश्वर भक्ति गीत :-
ईश्वर भक्ति गीत
ईश खिवैया जीवन नैया ,ले चल धीरे-धीरे ।
मोह भँवर में डूबी नैया ,ले चल तीरे-तीरे ।।
प्रेम-डोर से बंधकर प्रभु जी,गीत तुम्हारे गाती ।
दशों-दिशाएं गूँजे फिर भी,तुमको ही सुन पाती ।।
धुन वंशी की तुम्हीं सुनाना—-आकर धीरे-धीरे ।।
मीरा को कितना तड़पाया, वो थी प्रेम दीवानी ।
हँसकर पीना जहर का प्याला ,यह भी एक कहानी ।।
नैनों को दर्शन दिखलाना—-आकर धीरे-धीरे ।।
नहीं सम्भाला खुद को जाता, तुमसे आस लगाऊँ।
आओगे मुझको समझाने,ये ही लगन लगाऊँ।।
बिगड़ी मेरी तुम्हीं बनाना—-आकर धीरे-धीरे ।।
✍ अंशु विनोद गुप्ता
पढ़िए :-ईश्वर भक्ति पर कविता “प्रभु ऐसा दो हमको ज्ञान”
अंशु विनोद गुप्ता जी एक गृहणी हैं। बचपन से इन्हें लिखने का शौक है। नृत्य, संगीत चित्रकला और लेखन सहित इन्हें अनेक कलाओं में अभिरुचि है। ये हिंदी में परास्नातक हैं। ये एक जानी-मानी वरिष्ठ कवियित्री और शायरा भी हैं। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें गीत पल्लवी प्रमुख है।
इतना ही नहीं ये निःस्वार्थ भावना से साहित्य की सेवा में लगी हुयी हैं। जिसके तहत ये निःशुल्क साहित्य का ज्ञान सबको बाँट रही हैं। इन्हें भारतीय साहित्य ही नहीं अपितु जापानी साहित्य का भी भरपूर ज्ञान है। जापानी विधायें हाइकू, ताँका, चोका और सेदोका में ये पारंगत हैं।
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