पूरे परिवार के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाला एक ही इंसान होता है और वो है ‘ पिता ‘। जब तक पिता हमारे साथ रहते हैं तब तक वो सारी जिम्मेवारी निभाते हैं। लेकिन हमने इस बात का अहसास नहीं होता। इस बात का अहसास हमें उनके चले जाने के बाद होता है। उसके बाद कुछ बाकी रह जाता है तो बस उनके साथ बिताई यादें और उन्हें न समझ पाने का पछतावा। उन्हीं यादों और पछतावों को शब्दों का रूप देकर मैंने ये शायरी संग्रह ‘ पिता की याद में शायरी ‘ लिखने का प्रयास किया है। आशा करता हूँ ये शायरियाँ आप सब के दिल को अवश्य छू जाएँगी। तो आइये पढ़ते हैं ‘ पिता की याद में शायरी ‘ :-
पिता की याद में शायरी
1.
यूँ तो दुनिया के सारे गम
मैं हंस के ढो लेता हूँ,
पर जब भी आपकी याद आती है
मैं अक्सर रो देता हूँ।
2.
मार-मार के पत्थर को
एक जौहरी हीरा बनाता है,
आपकी डांट का मतलब हमको
आज समझ में आता है।
3.
हाँ मैं खुश था उस बचपन में
जब आपके कंधे पर बैठा था,
मगर बहुत रोया था जब
मेरे कंधे पर आप थे।
4.
हर पल अहसास होता है
आप यहाँ ही हों जैसे,
काश ये हो जाये मुमकिन
मगर ये मुमकिन हो कैसे?
5.
गिर-गिर कर आगे बढ़ता था जब मैं बचपन में
ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया
और पढ़ा लिखा कर बड़ा किया,
याद है मुझे आपने अपनी कई ख्वाहिशें भुला कर
मेरी हर जरूरत को पूरा कर
मुझे मेरे पैरों पर खड़ा किया।
पढ़िए पिता पर कविता :- बंजर है सपनों की धरती
6.
कब का बर्बाद हो गया होता मैं
इस मतलबी दुनिया में,
सफल होने में काम आये
सबक जो पिता ने पढ़ाये थे।
7.
जब भी कमी खलती है आपकी
आपकी यादों से मुलाकातें कर लेता हूँ,
अब आपसे मिलना मुमकिन कहाँ
इसलिए आपकी तस्वीर से बातें कर लेता हूँ।
8.
सुधार लूँ मैं गुस्ताखियाँ जिन्दगी की
अब गलती करने पर मुझे कहाँ कोई डांटता है,
अकेले ही जूझता हूँ अब मैं जिन्दगी से
आपकी तरह मेरे दर्द कहाँ कोई बांटता है।
9.
एक पिता की अहमियत क्या है
इसका जवाब वक़्त मेरे सामने लाया है,
किन हालातों से गुजरे होंगे
मुझे पालने के लिए आप
ये मुझे खुद
पिता बन कर समझ आया है।
10.
कभी डर लगता था आपकी डांट से
आज आपकी ख़ामोशी मुझे सताती है,
मुझे मालूम है कि अब आप नहीं आने वाले
फिर भी आपकी यादें अक्सर मुझे रुलाती हैं।
11.
जिन्दगी के अंधेरों में वो जलती मशाल थे,
मुसीबतों से बचाने को वो परिवार की ढाल थे,
कहाँ जी पाये थे वो अपनी जिन्दगी अपने हिसाब से
पिता हमारे कोई आम शख्स नहीं त्याग की एक मिसाल थे।
12.
वक़्त बीत गया लेकिन रह गयी हैं वक़्त की परछाईं
आपके जाने के बाद कुछ बची है तो बस तन्हाई
निकल पड़ते हैं आँख से आँसू और दिल बैठ जाता है
जब भी याद आती है बातें जो आपने थी बताई।
13.
किसी चीज की कमी न थी
आप थे तो दुनिया कितनी प्यारी थी
आज परिवार की जरूरतों में जिन्दगी कट रही है
तो अहसास होता है
आपके कन्धों पर जिम्मेवारी कितनी भारी थी।
14.
बिन पिता के तो ये सारा जहान वीरान लगता है
ये जग भी चलते फिरते लोगों का श्मशान लगता है,
जब तक रहता है संग किसी चीज की जरूरत नहीं होती
दूर हो जाता है तो बेगाना ये सारा जहान लगता है।
15.
कैसे चुकाऊंगा कर्ज उस पिता का इस जन्म में
जिनके बूढ़े हाथों ने मेरी तकदीर बनायी थी,
अपने जीवन के सारे रंग छोड़
मेरे भविष्य की सुनहरी तस्वीर बनायीं थी।
16.
ये वादा है कि जब तक जी रहा हूँ
आपके दिये संस्कारों पर चलना मेरा काम रहेगा,
हाँ मानता हूँ जिन्दगी में आपका साथ नहीं
मगर मरते दम तक मेरे नाम के साथ आपका नाम रहेगा।
इस शायरी संग्रह का विडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :-
पढ़िए पिता से संबंधित ये खूबसूरत रचनाएं :-
- पिता पर सुविचार | पिता पर 20 अनमोल वचन | Father Quotes In Hindi
- पिता की याद में कविता ” तुमको आवाज़ लगाता हूँ “
- पिता, पापा और डैडी पर छोटी कवितायें
- पिता और पुत्र पर कविता ” पिता पुत्र की पहचान होता है ” | बाप-बेटे के रिश्ते पर कविता
- पापा की याद में कविता “खाली कुर्सी देख के पापा” | Father’s Day Special
आपको यह शायरी संग्रह ‘ पिता की याद में शायरी ‘ कैसा लगा? इस बारे में कमेंट बॉक्स में निःसंकोच लिखें।
धन्यवाद।
पापा आपकी बहुत याद आती है रात में आँख से पानी निकलता है पापा ऐसा क्या होगया जो आप हम सब को छोड़ कर चले गए पापा दुनिया की हर सोख आपने मेरे किये आप धूप में चलते रहे मुझे धूप में नही रहने दिया पापा में भगवान से एक ही चीज़ मांग रहा हूं हर जन्म में आप ही मेरे पापा हो
Love you papa
Miss you so much papa❤️😭😭😭
I miss you papa ji
Kaha hai aap
Ek bar aa jao
Please
🙏🙏
Miss you daddy 😭😭😭😭😭
Bahut achchi kavita papa ki yaad aa gayi
Khusiyose bhara har pal hota h…
Jindagime sunhara har kal hota h…
Milati h ..kamyabi unko..
Jinke SAR par papa ka Hath hota h.. miss you so much papa …
Miss you papa ji
sandeepji bahut hi marmsparshi shayri hai.. mere pita ko 29 Jan 2020 ko maine kho diya.
Aur ye padkar laga jaise mere aaspass hi ho.. rula diya bhai .. I Love & Miss you PAPA..!
मेरे मम्मी पापा ने मेरे बचपन में साथ छोड़ दिया था मेरे चाचा ने कभी मम्मी पापा याद महसूस नहीं होने दी इस पर ऐक शायरी बनाओ
मा, संदीप जी कुछ शब्द ऊन पर भी लाखो जो पिता न होने का एहसास भी नही होने देते,। मैं इस लिये कह रहा हु क्युके मेरे पिताजी 2008 मे गुजर गये थे, तब से लेकर आज तक मेरे 3 चाचाजी ओर बाकी परिवार के सदस्य ने हमे पिता न होने का एहसास भी नही होणे दिया, हाल हि में मेरे दीदी कि शादी हुई , काश मेरे पिता जी भी होते तो इतनी अछि शादी नही होती ती जितनी मेरे चाचा जी ओर परिवार के सदस्य ने कि….
I love you papa alot miss you god wapas kr do mere papa ko plss god
आप का कविता रुला देता है मुझे बहुत मिस karta हू उन्हें
Bhut hi emotional baatein ki gai muje mere Papa bhut yaad aaye or aage bhi aate rhenge I miss u I love u
मैं भले ही पापा आप की कुर्सी पर बैठ जाता हूं पर अनुभव के मामले में तो आपके घुटनों तक ही आता हूं आई मिस यू पापा😢😢
I miss my dear father
i miss you papa.
बहुत ही हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ हैं आँखों से आंसू बह गए और मुझे मेरे पिता जी बहुत याद आये।
धन्यवाद प्रीती सिंह जी…
right talk i also like dad thanks
Koi aisee shary likhe Jo parivar ko log par bhi rahe jab apne chacha our buaa par ho our pita ko dakhall andaz kare our pita khud ko bhar jake rahene lage kirayedar par phir wo apna ghar kkhudka banale
करीम भाई आपके दिए गए विचार पर हम काम करने का जरूर प्रयास करेंगे..धन्यवाद…
Pita ke hone ka Ahsas bhale na ho kintu Pita ke na hone ka ahsas bahu5 hota h bahut hi sundae rachaye h
धन्यवाद देवेन्द्र पाण्डेय जी…..
बहुत खुश नसीब होते हो बो जिनके सर पर बाप का हाथ होता ह सब हसरते पूरी हो जाती ह जब बाप का साथ होता
I miss my father
I love him very much 😢😢😢😢
दुनिया मे माता पिता से बढ़ कर कोई नही उनका प्यार मुझे याद आता आँख भर आता है
पापा आप मुझे यू छोड़ कर नही कर जाते आपके बिन में अधूरा हूँ
आकाश से भी ऊँचा पिता,
पिता के गुज़रने के बाद अहसास हुआ,
सागर से भी गहरा माँ की ममता,
माता से वियोग होने के बाद पता चला,
काश माता-पिता से दोबारा मिल पाती,
मैं आकाश और पाताल को जोड़ देती ।
बहुत बढ़िया Pavitra जी
आंखों से आंसू निकल आये
दिल को छू लेने वाली काव्य रचना।
धन्यवाद ऋषभ भदानी जी।
वाकाई गजब पापा की याद आ गयी
धन्यवाद आलोक जी।
nice
धन्यवाद राजेश जी।
सही कहा आपने, कविता कोई हलवा नहीं जो मुँह में रखते ही गटक जाए। इसके लिए पाठको को भी थोड़ा तपना पड़ता है।
विनय कुमार जी बिलकुल सही बात कही आपने। पाठकों के धैर्य और संयम के कारण ही हम भी आगे बढ़ पाते हैं। अगर एक कवि काव्य की रचना करता है तो एक पाठक उसकी रचना को सार्थक करता है। इसी तरह अपने अमूल्य विचार हम तक पहुंचाते रहें। धन्यवाद।
आपकी कविताएं अच्छी लगी।
एक बेहतरीन एवं दिल को छू लेने वाली रचना, वो भी साधारण से शब्दों में | साधुवाद इसके लिए |इससे ज्यादा कहने को मेरे पास शब्द ही नहीं है, भावनाएं समुद्र की उन्मत तरंगों की तरह उठ रही है पर उन्हें शब्दों में बयां करने के लिए शब्दों की कमी महसूस हो रही है |
ठाकुर सीमांत कुमार स्नेही जी पाठकों का यही प्यार है जो हमें लिखने की प्रेरणा देता है। आप बस इसी तरह हमारे साथ बने रहें ताकि हम आप के समक्ष ऐसी रचनाएँ लाते रहें। एक बार फिर आपका धन्यवाद।
आपकी कविता हमें पढ़ के बहुत ही अच्छा लगा। लेकिन आप इस कविता का अर्थ बताते तो और आसान हो जाता हमें समझने में।।
DASMAT MURMU जी पहली बात तो ये कि ये शायरी है और यदि आप कविता की बात कर रहे हैं तो उनके भावार्थ तो बच्चों की किताबों में ही अच्छे लगते हैं। यहाँ तो हम सीधा कविताओं के माध्यम से आप लोगों से जुड़ना चाहते हैं।