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हिंदी गीत – खुशियाँ By संदीप कुमार सिंह | गीत किसी ख़ास के आने की ख़ुशी का


कभी-कभी कई ऐसे ख़ास मौके आते हैं, अब हम अपने किसी ख़ास का बेताबी से इन्तजार करते हैं। उसके बिना लोगों से भरी महफ़िल में भी एक तन्हाई का एहसास होता है और कहीं भी दिल नहीं लगता। लेकिन जैसे ही वो महफ़िल में आता है। महफ़िल में एक अलग सी रौनक आ आती है। उस वक़्त जो दिल कि हालत होती है उसे मैंने एक गीत के जरिये बयां करने की कोशिश की है हिंदी गीत – खुशियाँ ।

हिंदी गीत – खुशियाँ

हिंदी गीत - खुशियाँ By संदीप कुमार सिंह | गीत किसी ख़ास के आने की ख़ुशी का

इक रौनक महफ़िल में गजब सी छायी है
खुशियाँ दरवाजे पर दस्तक ले आयी हैं,
मैंने सोचा ना था जो वो रौनक आयी है
खुशियाँ दरवाजे पर दस्तक ले आयी हैं।

क्या वक़्त ये गुजरा है कैसे ये बताएं हम
तुम आये जो महफ़िल में तो थिरके हैं ये कदम,
इक ख़ुशी सी इस दिल में तेरे आने से आई है
खुशियाँ दरवाजे पर दस्तक ले आयी हैं।

अहसान बड़ा हम पर है आपके आने का
मौका भी आज ही है ये जश्न मानाने का,
जो खुदा से मांगी थी वो दौलत पायी है
खुशियाँ दरवाजे पर दस्तक ले आयी हैं।

नाचेंगे गाएँगे हम जश्न मनाएंगे
मिल कर आज हम सब रंग जमाएंगे,
हमने फूलों की बारिश बरसाई है
खुशियाँ दरवाजे पर दस्तक ले आयी हैं।

इक रौनक महफ़िल में गजब सी छायी है
खुशियाँ दरवाजे पर दस्तक ले आयी हैं,
मैंने सोचा ना था जो वो रौनक आयी है
खुशियाँ दरवाजे पर दस्तक ले आयी हैं।

आपको यह हिंदी गीत – खुशियाँ कैसा लगा? अपने विचार हम तक जरूर पहुंचाएं। धन्यवाद।

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