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Paropkar Par Dohe | परोपकार पर आधारित 10 दोहे


Paropkar Par Dohe – मानव ने यदि अपने जीवन में यह समझ लिया कि परोपकार करना ही उसके जीवन का उद्देश्य है तो उसे धरती पर ही स्वर्ग की प्राप्ति हो जाएगी। लेकिन आज का इंसान इतना समझदार हो गया है कि वह स्वार्थपूर्ण परोपकार करने लगा है। वह भी मात्र इसलिए कि लोगों में उसे ख्याति प्राप्त हो। इसी तरह परोपकार को लेकर अलग-अलग भावनाओं पर आधारित है यह दोहा संग्रह ” परोपकार पर दोहे “

Paropkar Par Dohe
परोपकार पर दोहे

Paropkar Par Dohe

1.
मिले मान-सम्मान सब, जन-जन में हो नाम।
देव तुल्य मानव करे, परोपकारी काम।।

2.
कंबल एक गरीब को, देते मानव चार।
अखबारों में छप गया, झूठा परोपकार।।

3.
परोपकार की भावना, मानवता का मूल।
जिस उपवन में यह बसे, खिलें प्रेम के फूल।।

4.
बुरे कर्म की भावना होती है अभिशाप।
परहित जीवन सौंप कर, पुण्य कमा लो आप।।

5.
सेवा भाव हृदय बसे, प्रभु चरणों में ध्यान।
परहित सेवा से मिले, धरती पर भगवान।।

6.
परोपकारी बन मिले, सब ही से आशीष।
जैसे – जैसे हम झुकें, उठे गर्व से शीश।। 

7.
है धर्मार्थ उदारता, मानवता का सार।
जितना संभव हो सके, करो सदा उपकार।।

इस दोहा संग्रह का वीडियो यहाँ देखें :-

Paropkar Par Dohe | परोपकार पर दोहे

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