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सफलता – कहानी नजरिये की | नये युग की नयी सोच की प्रेरक कहानी

by Sandeep Kumar Singh
8 minutes read

ये कहानी है उस इंसान की जिसने दुनिया के सामने एक ऐसी उदाहरण रखी जिसे सुन कर कोई भी हैरान हो सकता है। हम अक्सर काम न करने के लिए किसी न किसी बहाने की तलाश करते रहते हैं। इसी कारन हम हेमशा पीछे रह जाते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनका नजरिया बाकी लोगों से अलग होता है और वो ये नहीं देखते कि उनके पास क्या नहीं है बल्कि ये देखते हैं की उनके पास क्या है और वे उस से क्या कर सकते हैं? आइये जानते हैं ऐसे ही एक व्यक्ति की प्रेरक कहानी ” सफलता – कहानी नजरिये की ।”

सफलता – कहानी नजरिये की

सफलता - कहानी नजरिये की

एक बार की बात है अमेरिका में एक व्यक्ति जो कम पढ़ा लिखा था, नौकरी के लिए एक दफ्तर में गया। काम था साफ़-सफाई का। इंटरव्यू के बाद उसे एक-दो काम करने को कहा गया। लड़का गरीब था और उसे नौकरी की जरुरत भी थी तो उसने बड़ी ही लगन से वो काम किये।

काम देखने के बाद मालिक ने कहा,
“शाबाश! मुझे तुम्हारा काम बहुत पसंद आया। मैं तुम्हें ये नौकरी देता हूँ। तुम अपनी E-mail ID मुझे दो मैं तुम्हें अपॉइंटमेंट लैटर भेज देता हूँ।”
“लेकिन सर, मैंने तो ईमेल आईडी बनायीं नहीं।”
“क्यों? आज कल तो सब ईमेल आईडी बना कर रखते हैं इसके बिना तो काम ही नहीं चलता।”

“सर मैं बहुत ही गरीब परिवार से हूँ। और कंप्यूटर चला सकने की मेरी औकात नहीं है। कृपया मुझे इस नौकरी पर रख लीजिये।”
“देखो, मैं मानता हूँ कि तुम इस नौकरी के काबिल हो लेकिन हम जॉइनिंग ईमेल से ही करवाते हैं। इसलिए तुम जा सकते हो।”
इतना सुन लड़का निराश होकर वहां से निकल गया।

रास्ते में चलते-चलते उसने देखा कि एक औरत सब्जी वाले से टमाटर के बारे में पूछ रही थी और उसके पास टमाटर नहीं थे। औरत बूढ़ी थी और बाजार जा नहीं सकती थी। तभी उसे एक ख्याल आया। उसने अपनी जेब में हाथ डाला तो उसने देखा कि उसके पास $10 बचे थे। वह तुरंत बाजार गया और $10 के टमाटर ले आया। उसने वो टमाटर उस बूढ़ी औरत को बेच दिए। कुछ मुनाफा हुआ देख वह दुबारा बाजार गया और कुछ टमाटर और ले आया।

उन टमाटरों को लेकर वह घर-घर गया और उन्हें बेचने की कोशिश की। 2-4 घर घूमने के बाद एक घर में किसी ने $15 में टमाटर खरीद लिए। जब उसने ये देखा की एक बार टमाटर बेचने में उसे $15 का फ़ायदा हुआ है तो वह दुबारा गया और फिर से उन टमाटरों को बेच दिया।

उस दिन उसने अगले दिन टमाटर खरीदने के लिए थोड़े पैसे बचा लिए और बाकी के पैसों से खाने का इंतजाम किया। अगले दिन और उस दिन के बाद कुछ और दिनों तक वह इसी तरह टमाटर बेचता रहा। उसका काम काफी बढ़ चुका था। और आगे-आगे यह बढ़ता ही जा रहा था। टमाटर लाने के लिए पहले वह किराये पर गाड़ी लाने लगा। पैसे इकट्ठे कर उसने अपनी गाड़ी ली।

ज्यादा पैसे हो जाने पर उसने एक और गाड़ी ली और उसके लिए ड्राईवर भी रख लिया। ये कोई किस्मत का खेल नहीं था। यह सब उस लड़के की सूझ-बूझ और हिम्मत का परिचय था। कुछ ही सालों में उसने टमाटर के व्यापार से बहुत बड़ा मुकाम हासिल कर लिया था। अब वह एक संपन्न व्यक्ति बन चुका था।

थोड़े ही दिनों में उसकी शादी हो गयी। शादी किए कुछ वर्षों बाद ही उसके घर में बच्चों की किलकारियां गूंजने लगीं। अब उसे किसी भी चीज की परेशानी नहीं थी। सब चीजों से जब वह बेफिक्र हुआ तो उसने सोचा कि अब उसे अपना बीमा करवा लेना चाहिए। इससे यदि उसे कुछ हो गया तो भविष्य में उसके परिवार वालों को आर्थिक तौर पर कोई परेशानी न हो। बीमा करवाने के लिए उसने बीमा एजेंट को फ़ोन किया।

अगले दिन बीमा एजेंट उस व्यक्ति के पास आया। फॉर्म भरते समय सब कुछ भरने के बाद एक कॉलम खाली रह गया। यह कॉलम था ईमेल आईडी का। उस एजेंट ने पुछा,
“सर आपकी ईमेल आईडी क्या है?”
“सॉरी, मेरी कोई ईमेल आईडी नहीं है।”

एजेंट को लगा कि वो मजाक कर रहा है।
“सर क्या मजाक कर रहें हैं आप भी….”
“नहीं, मैंने कोई मजाक नहीं किया। सचमुच मेरी कोई ईमेल आईडी नहीं है।”
“सर आपको पता है अगर आपने ईमेल आईडी का उपयोग किया होता तो आपका व्यापार और कितना आगे बढ़ सकता था। आपको पता है आज आप क्या होते?”
“एक कंपनी में मामूली सफाई वाला।”

इस उत्तर से वो एजेंट स्तब्ध रह गया। उसे कुछ समझ नहीं आया। तब उस व्यक्ति ने उसे अपनी कहानी सुनाई। जिसे सुन एजेंट को ये एहसास हुआ कि इंसान के अन्दर इच्छा हो तो वो कुछ भी हासिल कर सकता है। और इसके लिए जरुरी नहीं कि उसके पास सभी साधन मौजूद हों।

दोस्तों ऐसे ही परिस्थितियां हमारे जीवन में भी कई बार आती हैं। तब हमें लगता है कि काश अगर ये चीज हमारे पास होती तो आज हम कहीं और होते। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। हमें अपना नजरिया बदलने की जरुरत है। हो सकता है वो चीज भगवान् ने हमें इसलिए न दी हो कि हम उससे ज्यादा प्राप्त करने के काबिल हों। परन्तु हम ज्यादा पाने का प्रयास न कर के मौके तलाशते रहते हैं जो हमें आगे बढ़ा सके।

एक बार खुद कोशिश तो करो। अपना नजरिया बदल कर तो देखो। उस विचार को अपने मन में तो लाओ। छोड़ दो रोना उस चीज के लिए जो तुम्हारे पास नहीं है और बदल दो दुनिया को उन चीजों से जो तुम्हारे पास है। अगर तुम आज हार नहीं मानोगे तो आने वाला कल तुम्हारा होगा और यदि तुमने आज हार मान ली तो आने वाला कल कभी नहीं आ पाएगा। हालातों को दोष देना छोड़िये। कदम बढ़ाइये।

“मंजिले उन्हीं को मिलती हैं जिनकी जिंदगी सफ़र में होती है
छोड़ देते हैं जो कारवां अक्सर किसमतें उन्हीं की सोती हैं। “

पढ़िए- बड़ी सोच का बड़ा जादू: सोच से पाइए सफलता

आपको यह कहानी ” सफलता – कहानी नजरिये की ” कैसी लगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरुर लिखें।

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धन्यवाद।

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16 comments

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Rajni bhasker मार्च 9, 2023 - 1:50 अपराह्न

Beautiful. Very nice story 🤗

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Sanjay Singh Rajput अगस्त 1, 2020 - 7:21 अपराह्न

आप हमेशा बहुत अच्छी अच्छी प्रेरणादायक कहानियां लाते रहते हो मैं हमेशा आपके ब्लॉग पढ़ता हूं । धन्यवाद

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 31, 2021 - 9:45 अपराह्न

धन्यवाद संजय सिंह राजपूत जी …. इसी तरह हमारे साथ बने रहिये।

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Lakhan das bairagi अक्टूबर 14, 2022 - 1:44 अपराह्न

हेलो सर धन्यवाद मैं लखन दास बैरागी मैं आपसे यूं बोल रहा था कि मैं आपकी इन कहानियों का यूट्यूब पर डाल सकता हूं क्या और आप की कहानी को दुनिया के सामने ला सकता हूं इसलिए आपसे बात करना था सर
मैं एक ब्लॉग बनाना बनाना चाहता हूं यूट्यूब पर जिस से चलाओ यूट्यूब पर जिससे मैं आपकी कहानियों को एडिट और मेरी आवाज में उन्हें दुनिया के सामने अच्छी तरह से ला सकूं क्या मैं ऐसा कर सकता हूं इसलिए मैं आपसे बात करना चाहता हूं अगर आप इसमें राजी हो तो कृपया मुझे मेरी ईमेल आईडी पर मैसेज कीजिए
[email protected]

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Kk जून 6, 2020 - 10:32 अपराह्न

ACHHA THAA
BUT Sayari MUJHKO BAHUT ACHHA LAGA
THANKYOU????????

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Sharukh saifi अप्रैल 3, 2020 - 8:05 अपराह्न

Bohot aachi

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Sajjan Vishnoi जून 17, 2019 - 1:34 पूर्वाह्न

Bes very nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 16, 2019 - 2:52 अपराह्न

धन्यवाद सज्जन जी…

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Ayaan PURNRA Bihar दिसम्बर 18, 2018 - 9:47 अपराह्न

Bahut Badiya aapke soch hai sir

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 25, 2018 - 2:17 अपराह्न

धन्यवाद अयान जी।

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Hindi kahani मार्च 9, 2018 - 12:09 पूर्वाह्न

Veri nice post

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 9, 2018 - 7:47 अपराह्न

धन्यवाद….

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Rajesh Shaw नवम्बर 4, 2017 - 9:44 अपराह्न

Nice

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kadamtaal दिसम्बर 18, 2016 - 5:54 अपराह्न

आपका यह लिखा दिल को छू गया – यदि तुमने आज हार मान ली तो आने वाला कल कभी नहीं आ पाएगा। हालातों को दोष देना छोड़िये। कदम बढ़ाइये।

हम अपने आसपास कई बार बहुत ही साधारण व्यक्तित्व, आर्थिक रूप से कमजोर, पारिवारिक परेशानी से जूझने वाले और अल्प शिक्षा प्राप्त लोगों को देखते हैं जो कि विपरीत परिस्थितयों के बावजूद अपनी मेहनत, दृढ इच्छाशक्ति से सफलता का मुकाम हासिल करके सबको अचंभित करते है। ऐसे लोग हम सब के लिए प्रेरणा के स्त्रोत होते हैं।

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Mr. Genius
Mr. Genius दिसम्बर 18, 2016 - 8:58 अपराह्न

जी प्रेरणा के लिए कोई भी वस्तु या इंसान छोटा नही होता। अगर कुछ छोटा होता है तो इंसान की सोच।
इसलिए सबको अपना प्रेरणा स्त्रोत ढूंढ कर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

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Vishal Agrawal जून 9, 2022 - 11:03 अपराह्न

Most beautiful 🥺❤️ this is fact in life…heart touching 💞 motivated me

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