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पिता पापा डैडी पर छोटी कविताएँ | पिता के चरणों में एक भेंट


पिता, जिनके नाम से ही एक परिवार का नाम जाना जाता है। हमारे नाम को भी उन्हीं के नाम से पहचान मिलती है। पिता का प्यार तो उनकी डांट में छिपा होता है। जिसकी कीमत उनके न होने पर ही पता चलती है। इन्सान के जीवन में पिता एक आदर्श होता है जो उसे जीवन जीने की कला सिखाता है और उसे अनुशासन में रखता है। पिता को हम पिता जी के आलावा पापा और डैडी भी कहकर बुलाते हैं। इसीलिए संसार भर के सभी पिताओं को समर्पित तीन छोटी कविताएं ‘ पिता पापा डैडी ‘ आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ।

पिता पापा डैडी

पिता पापा डैडी

पिता

घर की खुशियाँ जुड़ी हैं जिससे
जो अपना हर फर्ज निभाता है,
सिंदूर है माँ के माथे का
परिवार पर जान जो लुटाता है,
गम किसी को न कोई होने देता
अपना हर दर्द छिपाता है,
जिसके नाम से नाम हमारा
वही पिता कहलाता है।

माँ देती है संस्कार
अनुशासन पिता सिखाता है,
दिल में प्यार बहुत होता
पर सामने न वो दिखाता है,
जीवन में समस्या हो जब कोई
वो उसका हल ढूंढ लाता है
जिसके नाम से नाम हमारा
वही पिता कहलाता है।

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पापा

पापा पर कविता हिंदी में

पापा मेरे जान से प्यारे
सारे जग से हैं वो न्यारे,

बहुत प्यार वो हमको करते
डांट से उनकी हम हैं डरते
सच्चाई का पाठ सिखाते
सही राह पर हमें चलाते,
कर्ता-धर्ता हैं वो घर के
वही हमारे पालनहारे
पापा मेरे जान से प्यारे
सारे जग से हैं वो न्यारे।

उनके जैसा बनूँगा मैं भी
जब मैं बड़ा हो जाऊंगा
इक दिन मेहनत से अपने
पैरों पर खड़ा हो जाऊंगा,
पापा ही तो हैं शान हमारी
और हम हैं उन के दुलारे
पापा मेरे जान से प्यारे
सारे जग से हैं वो न्यारे।


डैडी

डैडी मेरे डैडी
मुझको जान से प्यारे हैं
उनके आगे क्या ये
चाँद सितारे हैं
डैडी मेरे डैडी
मुझको जान से प्यारे हैं,

मुझको गोदी में खिलाया है
काँधे पर बिठा घुमाया है
जो डरा कभी अंधेरों से
तो बहादुर बनना सिखाया है,
प्यार बहुत वो करते हैं
हम भी उनके दुलारे हैं
डैडी मेरे डैडी
मुझको जान से प्यारे हैं।

हर कदम पर वो हैं साथ खड़े
उनके ही साये में हम हैं बढ़े
हिम्मत उनसे ही पाकर
हम हैं हर मुसीबत से लड़े
कोई और नहीं खुद भगवान ही
आये हैं इनका रूप धारे
डैडी मेरे डैडी
मुझको जान से प्यारे हैं।

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इन छोटी कविताओं ‘ पिता पापा डैडी ‘ के बारे में अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर अवश्य बतायें।

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धन्यवाद।

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