प्रेरणादायक कविताएँ, हिंदी कविता संग्रह

हौसला बढ़ाने वाली प्रेरक कविता | उत्साह बढ़ाने वाली कविता


उत्साह बढ़ाने वाली कविता  मुसीबतें किसके जीवन में नही आती? मुसीबतें हमारे जीवन का एक अभिन्न भाग है। कुछ लोग मुसीबतों का सामना नही कर पाते। कुछ लोग सामना करते है, और थक कर बीच में ही हार मान लेते है। जबकि कुछ लोग कभी हार नही मानते और मुसीबतों से तब तक लड़ते रहते है, जबतक वो जीत ना जाये। बस उन्ही लोगो से प्रेरित हौसला बढ़ाने वाली प्रेरक कविता हम लाये है।

ये शिक्षाप्रद , जोश भरी उत्साहवर्धक और प्रेरणादायक कविताएँ आपका हौसला भी बढ़ाएंगी, और कर्म करने की प्रेरणा भी देंगी।

हौसला बढ़ाने वाली प्रेरक कविता


१.  प्रेरक कविता: मजबूत हौसला

हौसला बढ़ाने वाली प्रेरक कविता | उत्साह बढ़ाने वाली कविता

कमज़ोर दिल हैं वो,
जो सहारों की तलाश करते हैं,
बैसाखियाँ बना बहानों की
मदद की फरियाद करते हैं।

टूट कर बिखर जाते हैं
अकसर ठोकरों से,
जो बता खुद को मजलूम
बर्बाद किया करते हैं।
गर जीना है शान से
तो सीना तान ले,
कर मज़बूत हौंसला
काबिलियत अपनी पहचान ले।

ऊंचाइयों पर जाने वालों का
ये दुनिया इस्तकबाल करती है,
पहुँच जाए जो बुलंदियो पर
ए “गुमनाम”
ये झुक-झुक कर
सलाम करती है।

ये भी पढ़िए- अगर-मगर | भूत की गलतियाँ सुधार भविष्य बनाने की एक प्रेरणा


२.  कर्म की प्रेरणा देती कविता: चट्टान सी मुसीबतें

कर्म की प्रेरणा देती कविता

चट्टान सी खड़ी रही मुसीबतें,
मैं सागर की लहरें बन टकराता रहा।
कठोर छाती ढकेल देती वापस मुझे,
बटोर हिम्मत मैं बार-बार वापिस आता रहा।

धूल धुल गई जब सच के आइने से,
मेरी कोशिशों का असर रंग दिखाता रहा।
टूट रहा था वो पत्थर भी धीरे-धीरे,
साध निशाना मैं वार हर बार बरसाता रहा।

बिखर रहा था वो इस चोट से ज़र्रा-ज़र्रा,
देख साहिल मैं उस पार रास्ता बनाता रहा।
कट गया पत्थर मेरी रुकावटों का,
धुन उमंग के गीतों की मैं गाता रहा।
चट्टान सी खड़ी रही मुसीबतें
मैं सागर की लहरें बन टकराता रहा।

पढ़िए: मंजिल की और बढ़ने की प्रेरणा देती छोटी कविताएँ

ये हौसला बढ़ाने वाली प्रेरक कविता आपको कैसी लगी, हमें जरुर बताये।

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धन्यवाद।

33 Comments

    1. ऋषिकेश त्रिपाठी जी हम कविताएँ नहीं भेजते हैं। ये हमारे ब्लॉग का हिस्सा नहीं है। आपको यहीं आकर कविताएँ पढ़नी पड़ेंगी। जिससे हमारा और आपका प्यार बना रहे। धन्यवाद।

  1. आपकी रचनाएँ बहुत ही दमदार और असरदार हैं, जिन्हें मैं अक्सर अपने चर्चा सत्र में अपने दर्शकों को सुनाया करता हूँ| लेकिन कमाल की बात यह है कि मंत्रमुग्ध होने के बावजूद कोई आपसे मिलने की तमन्ना नहीं करता| जबकि मैं बहाना ढूंढता हूँ कि किस कदर आपसे रूबरू होने का मौका मिले| और अपनी महफ़िल में हम आपको आमंत्रित करें| लेकिन मेरा प्रयास है जैसे ही यह संभव होगा तब आपको अवश्य आमंत्रित करेंगे|

    1. राजेश कुमार बंसल जी,
      किसी को खुशियां मिलती हैं अगर मेरे लफ्जों से,
      तो कोई गम नहीं अगर मैं गुमनाम भी रहा।
      सराहना के लिए धन्यवाद। ईश्वर ने चाहा तो आपसे मुलाकात जरूर होगी।

  2. Sundeep sir ji
    You are a better ideal and motivational teacher and best guidiance poeter. As my thinking that "you will be able to get and touch high top quality level in your life " I bless to God for you .
    I like this best page and click on the right place for you.
    So, next time I hope that you have write many poem and send in this blog.
    Thanks sir ji my name is mehararam jani village kalewa district Barmer state rajasthan.

  3. संदीप जी, नमस्कार
    आपकी कविताएँ बहुत सुन्दर लगी मन प्रसन्न हो गया। इतनी सुन्दर रचनाओं के लिए धन्यवाद
    योगेन्द्र सक्सेना (नोएडा)

    1. बहुत शुक्रिया आपका Naman जी अपनी राय देने के लिए। ये हमारी खुशकिस्मती है जो आप जैसे पाठक इन कविताओं को अपना प्यार देते हैं। और रचनाएं पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहिये। धन्यवाद।

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