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प्रेरणादायक लघु कहानी :- जिन्दगी के चिड़ियाघर में कैद इन्सान की कहानी

by Sandeep Kumar Singh
6 minutes read

ये कहानी उन लोगों के लिए है जो अक्सर ही कहते हैं कि मुझे ये आता है, मुझे वो भी आता है लेकिन अपने आराम को छोड़ कर मेहनत का कोई काम करना ही नहीं चाहते। किसी और के लिए काम करते हुए वे उनके बनाये चिड़ियाघर के जानवर बन जाते हैं। उन्हीं के अनुसार काम करते हैं। फिर कहते फिरते हैं कि हमारी तो किस्मत ही ऐसी है। इन्सान के जीवन में मजबूरी नाम की कोई चीज नहीं होती। मजबूरी के नाम पर होते हैं तो कुछ बहाने। इसी सन्दर्भ में आइये पढ़ते हैं प्रेरणादायक लघु कहानी :-

प्रेरणादायक लघु कहानी

प्रेरणादायक लघु कहानी

एक बार एक ऊंटनी और उसका बच्चा एक साथ बैठे हुए थे। तभी ऊंटनी के बच्चे के मन में एक सवाल आया और उसने अपनी माँ से पूछा,

“माँ, हमारे पीठ पर ये जो कूबड़ है ये किसलिए होती है ?”

ऊंटनी ने जवाब दिया,

“बेटा, जब हम रेगिस्तान में दूर का सफ़र करते हैं तो रास्ते में हमें खाने-पीने की चीजें नहीं मिलती। उस समय के लिए खाना हमारे कूबड़ में सुरक्षित रहता है और सफ़र के दौरान हमें खाने की कमी न हो इसलिए हमारी पीठ पर ये कूबड़ होती है।”

माँ का जवाब सुन कर बच्चा कुछ देर शांत रहा। लेकिन अभी कोई और सवाल उसके मन में हिलोरे मार रहा था उसके बाद वो फिर से बोला,

“माँ हमारे पैर इतने चौड़े क्यों होते हैं?”

“वो इसलिए बेटा कि रेगिस्तान में चलते समय हमारे पैर रेत में फंसे नहीं और हम आसानी से आगे बढ़ते रहें।

इस तरह फिर से जवाब सुन कर बेटा कुछ देर शांत रहा और फिर बोला,

“माँ हमारी बरौनी के बाल इतने मोटे और ज्यादा क्यों हैं?”

“बेटा वो इसलिए कि रेत के कण उड़ कर हमारी आँखों में न पड़ें। और हमारी आँखें सुरक्षित रहें।”

अब बेटा सोच में पड़ गया। फिर थोडा उदास होते हुए बोला,

“माँ अगर ये सब रेगिस्तान के लिए है तो हम इस चिड़िया घर में क्या कर रहे हैं?”

इस बात का उस ऊंटनी के पास कोई जवाबी नहीं था क्योंकि उसके जीवन पर उसका नियंत्रण नहीं था। वो इन्सान के द्वारा बनाये गए चिड़ियाघर में रह रही थी। ये उसकी इच्छा नहीं थी। ये तो उसकी मजबूरी थी। क्योंकि उसके पास इन्सान जैसा दिमाग नहीं होता।  लेकिन हम इन्सान किसी और के बनाये चिड़ियाघर में क्यों रह रहे हैं।

अपने सपनों को दबा कर क्यों हम किसी और के सपने पूरे करने में दिन-रात एक करने में लगे हुए हैं। इन्सान का जीवन उसे अपने ढंग से जीने के लिए मिला हुआ है। लेकिन चुनौतियों के रेगिस्तान से डरे हुए हम अपनी काबिलियत को न जाने क्यों ऐसे ही जाने देते हैं।

यदि हमें जीवन में आगे बढ़ना है तो चुनौतियों के रेगिस्तान को पार कर हमें कामयाबी की मंजिल तक पहुँचना ही होगा। उसके लिए हमें अपने हुनर को सही ढंग से और सही स्थान पर दिखाना होगा। तभी हम जीवन में अपने मनचाहे ढंग से जी सकते हैं। अन्यथा हमारी सारी जिंदगी दूसरों के यहाँ नौकरी करते ही बीतेगी। या यूँ कहें कि आप किसी और के सपने पूरे करने में ही लगे रहेंगे।

इस प्रेरणादायक लघु कहानी का विडियो यहाँ देखें :-

https://youtu.be/Lj8TlZbSodg

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की यह बेहतरीन प्रेरणा देने वाली 5 कहानियां :-

तो जितनी जल्दी हो सके पहचानिए अपने हुनर को। निकलिए बाहर अपनी आरामदायक जिंदगी से और दिखा दीजिये दुनिया को कि आप सबसे बेहतर हैं। इस दुनिया को आपकी जरूरत है और बदल दीजिये अपनी जिंदगी।

इस ( Prernadayak Kahani ) प्रेरणादायक लघु कहानी के बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें

धन्यवाद।

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1 comment

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Aryan जून 9, 2022 - 11:31 पूर्वाह्न

Very motivational story it have deep sense of meaning loving it and it motivate me to finding my talent and show the people that i am very useful for him

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