माता-पिता जो हमारे पालनहार होते हैं। उन्हीं के प्रयासों से हम एक अच्छे और कामयाब इन्सान बन पाते हैं। माता-पिता का स्थान जीवन में भगवान् के बराबर होता है। उनके बारे में कोई कितना भी कहे उतना ही कम लगता है। फिर भी हमने माता-पिता को समर्पित एक कविता लिखने का प्रयास किया है। आइये पढ़ते हैं माता पिता पर कविता :-
माता पिता पर कविता
न जाने वो दिल में अपने
कितने दर्द छिपाते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं,
होते हैं परेशां जब भी
जरा न हमको जताते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।
कोशिश करते हैं सदा यही
जीवन हमारा खुशहाल रहे
इस बात की उनको फिकर नहीं
खुद चाहे जिस हाल रहें,
कमी न कोई हो पाती
हर ख्वाहिश पूरी करते हैं
हर पल वो बस अपने ही
परिवार की चिंता करते हैं,
पास बैठ कर साथ हमारे
वो अपना समय बिताते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।
दुःख आन पड़े जब कोई
जरा भी न वो डरते हैं
कितनी भी बड़ी मुसीबत हो
वो कमजोर न पड़ते हैं,
टकरा जाएँ वो आंधी से
दम तूफान सा रखते हैं
दिन रात एक कर देते है
फिर भी कभी न थकते हैं,
हमारी हर ख़ामोशी को
वो अच्छी तरह पढ़ जाते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।
गुण उनके दुनिया है गाती
चरणों में उनके शीश नवाती
वो ही हैं पालनहार हमारे
शिक्षा ये हमको बात सिखाती,
चाहे सौ-सौ जन्म लें हम
न उनका कर्ज उतरता है
वो ही पाता है स्वर्ग यहाँ
जो उनकी सेवा करता है,
दुनिया तो ठोकर मारती है
माँ-बाप ही हमें उठाते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।
न जाने वो दिल में अपने
कितने दर्द छिपाते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।
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धन्यवाद।
बहुत सुन्दर
Very very nice kavita 🤩👌👌👌🤩
Thanks You Kiran ji
बहुत अच्छी कविता।