मानव के जीवन में जीत का बहुत महत्व होता है। किसी भी तरह की जीत प्राप्त कर लेने पर मानव को बहुत प्रसन्नता होती है। फिर वह जीत कैसी भी हो। चाहे कोई कक्षा में प्रथम आया हो। किसी प्रतियोगिता में प्रथम आया हो। या फिर किसी ने अपने मोबाइल गेम का कोई लेवल ही पार कर लिया हो। दूसरे शब्दों में कहें तो सफलता का दूसरा नाम जीत ही है।बड़ी सफलता या बड़ी जीत प्राप्त करने के लिए हुआ हमारे प्रयास भी बड़े होने चाहिए।हमें असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए। इसी उद्देश्य से हम आपके लिए लाये हैं जीत की शायरी ( दोहा मुक्तक ) :-
जीत की शायरी ( दोहा मुक्तक )
1.
सबको ताने मारना, है दुनिया की रीत ।
आगे बढ़ना सीख ले, अपना छोड़ अतीत ।।
अपने मन की सुन सदा, करता रह अभ्यास,
हिम्मत कभी न हारना, कर्म दिलाये जीत ।
2.
जीवन में यदि हो गयी, किसी मोड़ पर हार ।
बिना शर्म करना उसे, सहर्ष ही स्वीकार ।।
कोशिश कभी न छोड़ना, गलती करना ठीक,
यही जीत का मंत्र है, मिलती विजय अपार ।
3.
बिना यत्न मिलता नहीं, कभी जीत का ताज ।
कल पर कभी न छोड़िए, जो कर सकते आज ।।
जीवन में आगे बढ़ें, रहती जिनकी सोच,
सारा आलास त्याग दे, करे समय पर काज ।
4.
करते रहो प्रयास तुम, लक्ष्य रखो बस एक ।
हृदय भरो उत्साह से, रखो इरादा नेक ।
जीवन में वह जीतता, रखता जो विश्वास,
किस्मत उसके सामने, घुटने देती टेक ।
5.
घमंड कभी न कीजिए, कितना भी हो ज्ञान ।
बिना लक्ष्य हासिल किये, मिले नहीं सम्मान ।।
कर्म भाग्य बदले सदा, इतना रखना याद,
विजयी मानव को लगे, हर मुश्किल आसान ।
6.
लक्ष्य रखो तुम सामने, क्षमता को पहचान ।
बाधाओं को पार कर, सदा रहो गतिमान ।।
संशय सारे त्याग दो, तभी मिलेगी जीत,
सच्चाई का साथ दो, बनो नेक इंसान ।
7.
साथ समय के जो चले, करता रहे प्रयास ।
हिम्मत कभी न हारता, नहीं छोड़ता आस ।।
दुनिया क्या है सोचती, करता नहीं खयाल,
लड़कर वह है जीतता, रचे वही इतिहास ।
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