वक्त, जो हर वक्त चलता रहता है। गर्मी-सर्दी, दिन-रात आदि का इस पर कोई फर्क नहीं पड़ता। ये अपनी रफ़्तार से लगातार चलता रहता है। ऐसा भी नहीं है कि कोई इस से आगे निकल जाए लेकिन अगर पीछे छूट गए तो ये आपकी गलती है। बीता हुआ वक्त वापस आता है लेकिन अपने साथ बहुत सी चीजें बदल देता है। कई फिल्मों में तो आपने डायलाग भी सुना होगा, “आज फिर वही वक्त आया है बस किरदार बदल गए हैं।” बस इस शायरी संग्रह का शीर्षक ‘ वक्त पर शायरी ‘ भी वक्त से ही सम्बंधित है। तो आइये पढ़ते हैं :-
वक्त पर शायरी
1.
कभी मिली खुशियाँ कभी ग़मों का सैलाब मिला
रिश्तों की भरमार थी पर कोई अपना न दिखा,
जिंदगी में दौड़ लगी थी आगे बढ़ने की हर तरफ
मिल रहा था वही सबको जो था वक्त ने लिखा।
2.
कभी हाथों में उसका हाथ था
जिंदगी में उसका प्यारा सा साथ था,
आज बदल गए हैं दिन और बिखरे जज़्बात हैं
वो भी वक्त की बात थी ये भी वक्त की बात है।
3.
बीते वक्त को याद कर यूँ अश्क न बहाया कर
अपने दिल पर लगे जख्म सबको न दिखाया कर
ये जो चल रहा है वक्त कुछ कर गुजर इसमें
पानी है मंजिल तो मेहनत से न घबराया कर।
4.
वक्त ही कहाँ है किस्मत को अजमाने के लिए
वक्त से ही दौड़ लगा रहे हैं वक्त को पाने के लिए।
5.
वक्त ने फंसाया है, लेकिन मैं परेशान नहीं हूँ
हालातों से हार जाऊं मैं वो इन्सान नहीं हूँ।
6.
हार जाते हैं वो जो वक़्त के आगे
घुटने टेक दिया करते हैं,
जीत उन्हीं की होती है जो बहानों के
लिबासों को उतार फेंक दिया करते हैं।
7.
ये जरूरी नहीं कि वक्त के हाथों
हर दफा जफा हो,
कई मजबूरियां भी होती हैं किसी की
हर शख्स बेवफा नहीं होता।
8.
चलो मान लिया कि तुम याद करते हो
मगर इस तरह क्यों अपना वक़्त बर्बाद करते हो।
9.
कुछ लोग वक्त के नहीं अपनों के सताए होते हैं
अपने ही अहसास दिलाते हैं पराया होने का
पराये तो पराये होते हैं।
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10.
दौर भी बदलेगा और लब भी मुस्कुराएँगे
वक्त के फ़रिश्ते जब खुशियाँ लेकर आयेंगे।
11.
दिल को उदास करने जब तन्हाई आती है
वक्त गुजर जाता है बस यादें साथ निभाती हैं।
12.
कभी मचलता था ये दिल आज कल सुधर गया है,
जबसे जिंदगी का अच्छा वक्त गुजर गया है।
13.
मोहब्बत के भी अपने दायरे हैं हुजूर
वक्त अच्छा हो तो बेपनाह मिलती है
वर्ना ये तन्हाई में तनहा तड़पती है।
14.
आगे वही बढ़ पायेगा
जो जिंदगी को अपने हिसाब से चलाएगा,
कौन रहेगा मैदान में कौन बाजी हारेगा
किसमें है कितना दम अब ये वक्त बताएगा।
15.
अब वक्त की कोई भी चाल न चल पाएगी,
मेरी जिद और मेरी कोशिशों से हर स्थिति बदल जायेगी।
16.
आगे तुम्हीं को बढ़ना है नियति का यही इशारा है
ये हालात तुम्हारे हैं ये संघर्ष भी तुम्हारा है
तुम्हें खुद ही बदलना होगा सब क्योंकि
ये जिंदगी तुम्हारी है और ये वक्त भी तुम्हारा है।
17.
सो रही है दुनिया
बस एक सपनों का तलबगार जाग रहा है,
दिन भी छोटे और रातें भी छोटी लगती हैं
वक्त जैसे जिंदगी से भी तेज भाग रहा है।
18.
दुनिया समझती है बेकार जिसे
वो खोटा सिक्का भी एक दिन चल जायेगा,
मंजिल चुन कर बढ़ चुका हूँ मैं
हौसले बढ़ रहे हैं मेरे वक्त भी बदल जायेगा।
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धन्यवाद।
Behtarin shayri ki h aapne
धन्यवाद पूजा मिश्रा जी….
Mr. Genius aapki shayri bahut hi gahere aarth wali hain…very nice keep it up
Thank You very much Neha Sachan ji…..
lovely
Thanks Anuj Sharma ji..
Very good Thoughts
Thanks Ganesh Ghawat ji….
जय हो
Very nice lines
धन्यवाद अशोक जी।
Classic collection
waqt ka kaam hai guzarna guzar jayenga
Hame abhi hai kuch karna waqt dobara na aayenga