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Dushman Shayari | दुश्मन को जलाने वाली शायरी | Dushman Ke Liye Shayari

by Sandeep Kumar Singh
5 minutes read

Dushman Shayari – जब सफलता आपके कदम चूमने लगती है तो दुश्मन खुद-ब-खुद बन जाते हैं। ऐसे में आपको जरूरत होती है बस अपने लक्ष्य पर ध्यान देने की। अगर आप अपने दुश्मनों की चाल में फंस जाते हैं तो आप फिर से नीचे गिर सकते हैं। ऐसे ही दुश्मनों को जलने के लिए लिखा है हमने यह ( Dushman Shayari ) ‘ दुश्मन शायरी ‘ शायरी संग्रह :-

Dushman Shayari
दुश्मन शायरी

Dushman Shayari

1.
ज़ख्म भर रहे हैं
जरा सी चोट खाए हैं,
हमारे दुश्मनों
चेहरे पर मुसकुराहट रखना
एक मुद्दत बाद ही सही
हम लौट आए हैं।

2.
हमें देख दुश्मनों के चेहरे का नूर जायेगा,
सब्र रखिये जनाब हमारा भी दौर आयेगा।

3.
जो हम तक पहुँच नहीं सकते
वो हमको क्या गिराएंगे,
हमारे दुश्मनों से कहो अपना कद ऊँचा करें
बराबरी होगी तो हम भी दुशमनी निभाएँगे।

4.
अपने दिल में हम
शेरों सा हौसला मौजूद रखते हैं,
छूकर हमें कहीं ख़ाक ना हो जाना
हम रगों में लहू नहीं बारूद रखते हैं।

5.
एक अलग शख्सियत है हमारी
हर किसी को हमारे अंदाज कहाँ भाते हैं,
हर बार टकरा कर गिरते हैं औंधे मुँह मगर
मेरे दुश्मन अपनी हरकतों से बाज कहाँ आते हैं।

6.
मेरे टूट कर बिखर जाने का
बड़ी शिद्दत से जो इंतजार करते हैं,
मेरे दुश्मन इतने कम अक्ल हैं
कि अपना वक़्त बेकार करते हैं।

7.
बदलते वक़्त ने रिश्तों का
झूठा सच हमें दिखाया है,
हर रिश्ता जिसे अपना समझा
उन में दुशमनों को ही पाया है।

8.
ख़ाक बराबर भी औकात नहीं है उनकी
हमें धमकी भरे जो पैगाम दिया करते हैं,
मिल जाता खुदा उन्हें अगर वो याद करते
जितनी बार वो लबों पर हमारा नाम लिया करते हैं।

Dushman Shayari

9.
वो शौक से छोड़ सकते हैं जहान
जिनकी आँखों में हम खटकते हैं,
हम तो वो खौफ हैं जो
दुश्मनों के दिल में धड़कते हैं।

10.
किसकी मजाल थी जो हमें बर्बाद करता
दुश्मनों को क्या खबर थी क्या अजीज हैं हमें
अपनों के सितम सह कर भी चुप रहे
कैसे निभाते हैं रिश्ते इसकी तमीज है हमें।

11.
मेरी शख्सियत क्या है, गर तुम जान लोगे
अपनी औकात को फिर तुम पहचान लोगे,
मुझसे दुश्मनी के लिए चाहिए एक अलग सा हुनर
उसके काबिल नहीं हो तुम ये मान लोगे।

12.
कल तक जो अपना था
आज अफ़साना हो गया,
सफलता ने कदम क्या चूमे
दुश्मन ज़माना हो गया।

13.
ये सुन कर ज़माने के कई लोग घायल हो रहे हैं,
हमारे दुश्मन भी हमारे अंदाज के कायल हो रहे हैं।

14.
जिन्होंने बता औकात हमारी
हमें सही रास्ता दिखाया है,
शुक्रगुजार हूँ उन दुश्मनों का जिनकी
बातों ने मुझे बुलंदियों पर पहुँचाया है।

15.
हमारे हालातों के जो
अकसर मजे लेते हैं,
अपने ही दुश्मन हैं यहाँ
अपने ही धोखा देते हैं।

दुश्मनों के लिए लिखा गया यह ‘ दुश्मन शायरी ‘ ( Dushman Shayari ) शायरी संग्रह आपको कैसा लगा? Dushman Shayari के बारे में अपने विचार हम तक कमेंट बॉक्स के जरिये जरूर पहुंचाएं।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग के यह बेहतरीन शायरी संग्रह :-

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धन्यवाद।

आपके लिए खास:

4 comments

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Rakesh rajpura सितम्बर 7, 2022 - 8:20 पूर्वाह्न

Very good

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Rangesh Chauhan जनवरी 24, 2022 - 2:31 अपराह्न

Khatarnak Bhai maza aagya love you 🙏

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अर्जुन जनवरी 30, 2021 - 5:33 अपराह्न

ये सही बात है

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Uvais Kalandar जुलाई 7, 2020 - 11:38 अपराह्न

1 number sir superb

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