शिव, शंकर, भोलेनाथ, उमापति, महाकाल और न जाने कितने ही नाम हैं प्रभु के। भोले की महिमा जितनी गई जाए उतनी ही कम होगी। उन्हीं की कृपा से मैंने उनकी महिमा के गुणगान में कुछ शेर लिखने का प्रयास किया है। कोई त्रुटी हो तो उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। और वो त्रुटी कमेंट बॉक्स में लिख कर अवश्य बताएं। तो आइये पढ़ते हैं उनकी महिमा के गुणगान करती हुयी पढ़ते हैं ‘ भगवान शिव शायरी ‘ :-
भगवान शिव शायरी
1.
हर दम लिए रहो तुम आसन
शंकर हो संकट के नाशन
खुशियाँ हर पल हैं तुमसे
तुम विघ्न विनाशन मंगल कारन।
2.
दिन रात एक ही आस रहे
सिर पे भोले का हाथ रहे
मुझे किसी चीज की चाह नहीं
बस हर पल उनका साथ रहे।
3.
शरण में शिव के जाने से
तेरे सारे काम हो जायेंगे
जीवन में तेरी खुशियों के
सभी इंतजाम हो जायेंगे।
4.
अंत भी शिव आरंभ भी शिव
इस जग का आधार भी शिव हैं
शिव ही हैं सब जनमानस में
करते सबका उद्धार भी शिव हैं।
5.
नीलकंठ हैं मेरे प्यारे, मेरे सारे काज संवारे
कष्ट कोई न हो जीवन में, डूबते को भी पार उतारें
नाम जपे जो सुखी रहे वो, कलेश कभी न उसे सताए
ऐसे हैं मेरे प्रभु प्यारे, कर देते सब के वारे न्यारे।
6.
लगा ध्यान वो बैठे रहते,
सुनते सबकी पर कुछ न कहते
उनकी महिमा अपरम्पार,
कर देते सब का उद्धार।
7.
शिव का सुमिरन जो नित करता
कष्ट न कोई उसको पड़ता,
उसका हो जाता कल्याण
सुखमय जीवन आगे बढ़ता।
8.
भोले की महिमा है ऐसी
इच्छा पूरी सबकी होती
सब को देते फल भक्ति का
कमी कभी न कोई होती।
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9.
शिव शंकर का नाम जपूँ
मैं तो सुबह शाम,
वही हैं मेरे तीरथ सारे,
वही हैं चारों धाम।
10.
सुख शांति जीवन में भरते
हरते सभी कलेश,
बसते हैं कैलाश में
उमापति महेश।
11.
नाम जपे सब दुःख कट जाए
कोई विपदा कभी न आये,
शिव भोले की महिमा है ऐसी
भवसागर से सब तर जाएँ।
12.
जप रे मनवा शिव का नाम
हो जायेंगे तेरे सारे काम,
सुखमय जीवन हो जाएगा
तुझे मिल जाएँगे चारों धाम।
13.
क्या महिमा मैं शिव की गाऊं
वो तो हैं अनंत अविनाशी
वही हैं बैठे अमरनाथ में
वही हैं बैठे जाकर काशी।
14.
बेल पत्र और एक लोटा जल
जो कोई श्रद्धापूर्वक चढ़ाता है,
कृपा प्रभु की उस पर होती
वो आगे ही बढ़ता जाता है।
15.
घास बन कर भी जिन्दगी काट लेंगे
मेरी ख्वाहिश नहीं है की फूल बन जाऊं,
मुझ पर अपना हाथ बनाये रखना प्रभु
तमन्ना यही है कि तुम्हारे चरणों की धूल बन जाऊं।
16.
वो शांत भी हैं प्रचंड भी हैं
आरम्भ भी हैं और अंत भी हैं,
इस जग की रक्षा जो करते
वो योद्धा और संत भी हैं।
17.
शरण में इनके जो भी जाता
उसका बांका न होता बाल
काल भी उसको छू न पाये
जिसे स्वयं बचाएं महाकाल।
18.
जिनकी कृपा से हो जाते
मेरे सारे काम हैं,
उन भोले शिव शंकर को
ह्रदय से मेरा प्रणाम है।
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भगवन शंकर को समर्पित ‘ भगवान शिव शायरी ‘ शायरी संग्रह के बारे में अपनी राय जरूर दें।
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धन्यवाद।
आंखों के रास्ते दिल में उतर कर नही देखा,
तूने मेरे सीने में अपनी यादों का घर नही देखा,
तेरे इश्क की वहशत ने पागल बना दिया है मुझे,
तेरी गलियों की खाक के सिवा मैंने कुछ नही देखा? ?
बहुत बढ़िया परविंदर यादव जी।
Very nice post Thank you for sharing with us
धन्यवाद रवि जी।