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माँ की ममता पर कौन प्रश्न उठा सकता है? अपने बच्चे पर माँ अपना सारा प्यार लुटा देती है। लेकिन तब क्या जब माँ ही सौतेली हो? ऐसी माँ की ममता ज्यादातर ममत्व का एहसास ही ख़तम कर देती है। इसी विषय पर आधारित है यह कविता ” माँ की ममता पर कविता ”
माँ की ममता पर कविता
जिस माँ की ममता पाने से
अपमान ममत्व का होता हो,
उस ममता की प्यास से
प्यासा मर जाना बेहतर है,
पग-पग पर साथ निभाती जो
निराश कभी ना होने देती,
उस ममता के आँचल में
ईश्वर का ना होना बेहतर है।
जब तूफाँ जिद पर अड़ जाए
नाव डुबोने के ख़ातिर,
लहरे फन फैला ले नागिन सा
जहर उगलने के ख़ातिर,
ऐसे में भीख ना मांगों तुम
चाहे किनारे हो दूर सही,
पागल तूफाँ से ना फरियाद करो
माँ को आवाज लगाना बेहतर है।
काँटों की क्या बात करें
आदतन मजबूर नुकीले,
फूलों में भी कुछ है ऐसे
काँटों से ज्यादा जहरीले,
जब जब माली आँखें मीचे
मधु के बदले विष सींचे,
ऐसी डाली पे खिलने से
पहले मुरझाना बेहतर है।
वो दीप उजाला क्या देगा
जो तम के चरणों का दास रहे,
अंधियारी रातों में जो सोता
दिन में सविता के पास रहे,
जो हरदम धुआँ उगलता हो
अर्क पर कालिख मलता हो,
ऐसे दीपक का जलने से पहले
बुझ जाना ही बेहतर है।
उडा़न परिंदो की देखो तुम
इक लय में उड़ते जाते है,
ममता की इक आस लिए
धूप में जलते जाते है,
शगुन – अपशगुन, भूत – प्रेत
जादू-टोनों से अनजाने है,
बस ममता की छाँव तले
प्रेमामृत पीना ही बेहतर है।
जिस माँ की ममता पाने से
अपमान ममत्व का होता हो,
उस ममता की प्यास से
प्यासा मर जाना बेहतर है।
पढ़िए :- माँ की महिमा पर कविता “न जाने कितने त्याग वो करती है”
मेरा नाम प्रवीण हैं। मैं हैदराबाद में रहता हूँ। मुझे बचपन से ही लिखने का शौक है ,मैं अपनी माँ की याद में अक्सर कुछ ना कुछ लिखता रहता हूँ ,मैं चाहूंगा कि मेरी रचनाएं सभी पाठकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनें।
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धन्यवाद।
3 comments
Very Nice ????
बहुत अच्छा लिखा है
धन्यवाद ऊषा जी।