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सुना है बहुत मशहूर हो तुम | इंसानियत पर एक छोटी कविता हिंदी में


सुना है बहुत मशहूर हो तुम – आज देश में हमारा समाज बंट चुके हैं। धर्म, जाति और रसूख के आधार पर सब एक दूसरे से दूर होते जा रहे हैं। ऐसे में उन लोगों की असलियत प्रस्तुत कर रही है यह Hindi Kavita – Suna Hai Bahut Mashahur Ho Tum । Ab Padhiye Hindi Aur English Font Me.

हिंदी कविता – सुना है बहुत मशहूर हो तुम

सुना है बहुत मशहूर हो तुम

सुना है बहुत मशहूर हो तुम दिल बहलाने में
कभी तशरीफ लाओ हमारे गरीबखाने में।
यहाँ मंदिर में आरती
मस्जिद से अजां की अवाजें आती हैं
मज़हब के नाम पर तलवारें तन जाती हैं।
मर चुकी है इन्सानियत जिन्दा इन इन्सानों में
है दामन सबका मटमैला फिर भी
गर्व महसूस करते हैं खुद का धर्म बताने में।

कोशिश करके देख लो तुम भी
शायद ये गले लग मिल जाएं
हम भी कसर न छोड़ेंगे अब तुमको अजमाने में।
सुना है बहुत मशहूर  हो तुम दिल बहलाने में
कभी तशरीफ लाओ हमारे गरीबखाने में।

पढ़िए-हिंदी कविता – थक चुका हूँ मैं 


Suna Hai Bahut Mashahur Ho Tum Dil Bahlane Me,
Kabhi Tashrif Lao Hamare GareebKhane Me.
Yahaan Mandir Me Aarti,
Masjid Se Ajaan Ki Awaaje Aati Hai,
Majahab Ke Naam Par Talware Tan Jati Hai.
Mar Chuki Hai Insaniyat Jinda In Insano Me,
Hai Daman Sabka Matmaila Fir Bhi,
Garv Mehsus Karte Hai Khud Ka Dharm Batane Me.

Koshish Karke Dekh Lo Tum Bhi,
Shayad Ye Gale Lag Mil Jaye,
Ham Bhi Kasar Naa Chhodenge Ab Tumko Aajmane Me.
Suna Hai Bahut Mashahur Ho Tum Dil Bahlane Me,
Kabhi Tashrif Lao Hamare GareebKhane Me.

Padhiye- मुश्किलें इस जहान में – Poem On Situation Of Country


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