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माँ की अहमियत :- माँ की याद में रुला देने वाली हिंदी कविता

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

माँ की याद में आप इस ब्लॉग पर पहले ही कुछ कविताएँ पढ़ चुके हैं। पर माँ के बारे में जितना भी लिखते जाओ उतना ही कम होगा। फिर भी एक और छोटी सी कोशिश उन लोगों के लिए की है जो आज भी जब अपनी माँ को याद करते हैं तो आँखों में आँसू अपने आप आ जाते हैं। आशा करता हूँ की ये कविता आपकी रूह को जरूर छू कर जायेगी। तो आइये पढ़ते हैं माँ की अहमियत पर कविता :-

माँ की अहमियत

माँ की अहमियत

हर रोज रात को अक्सर
मैं छुपके अकेले रोता हूँ
कोई होता न है पास मेरे जब
संग तेरी यादों के होता हूँ,
तू आएगी यूँ लगता है पर
उम्मीद नहीं है आने की
अब तो आदत सी पड़ती जाती है
रो-रो कर सो जाने की।

कभी डांट के मुझे खिलाती थी
रूठूं तो मुझे मनाती थी
अब फिक्र कहाँ कोई करता है
बस हंस के जमाना मिलता है,
एक खालीपन सा रहता है
मेरे मन के किसी एक कोने में
अब फर्क ही क्या पड़ता है
मेरे होने या न होने से,

लग गयी है बीमारी अब
तेरे ख्यालों में खो जाने की
अब तो आदत सी पड़ती जाती है
रो-रो कर सो जाने की।

तेरे जाने के बाद कहीं
लापता सा मेरा बचपन है
खामोश दीवारें हैं घर में
और एक अधूरापन है,
सहेज के रखता हूँ उन चीजों को
जो तेरे करीब हुआ करती थीं
अक्सर बैठ जाता हूँ वहाँ
जहाँ मेरे लिए तू दुआ करती थी,

तेरे सिवा याद कहाँ कुछ रहता है
भूल चुका हूँ मैं अदा भी मुस्कुराने की
अब तो आदत सी पड़ती जाती है
रो-रो कर सो जाने की।

माँ की अहमियत जीवन में
अब जाकर समझ आयी है
माँ, कितने ही जन्मों के
किये हुए पुण्यों की कमाई है,
माँ होती है तो एक मकान को
स्वर्ग सा घर बना देती है
किसी चीज की कमी नहीं होती
ऐसा वो दर बना देती है,

बिन माँ संसार वीरान लगता है
ख्वाहिश नहीं रहती कुछ पाने की
अब तो आदत सी पड़ती जाती है
रो-रो कर सो जाने की।

तू आएगी यूँ लगता है
पर उम्मीद नहीं है आने की
अब तो आदत सी पड़ती जाती है
रो-रो कर सो जाने की।

पढ़िए :- माँ पर बेहतरीन दोहे

देखिये इस कविता का विडियो :- 

अगर इस कविता ‘ माँ की अहमियत ‘ ने आपके दिल को छुआ हो तो अपने विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

पढ़िए माँ पर ये बेहतरीन रचनाएं :-

Image Source :- Akhand Gyan

धन्यवाद।

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6 comments

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Shooter sarla जनवरी 19, 2022 - 1:27 अपराह्न

Mujhe duniya ki sbse bdi khusi tb milti h jb meri maaa Hasti h I miss u maaa

Reply
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Anchor Kanhai Kumar जनवरी 15, 2019 - 10:40 अपराह्न

वाकई आपने रुला दिया, बहुत ही बेहतरीन रचनाएं हैं आपकी! धन्यवाद!

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Himanshu Sao जनवरी 14, 2019 - 3:41 अपराह्न

माँ अगर ये कहदे की मेरे को छोड़ के कहीं मत जाना बेटा तू ही तो है मेरा सहारा जो हर वक़्त मेरी ख़याल रखे तो मैं अपनी पूरी ज़िन्दगी अपने माँ के पास गुजार दूं

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 14, 2019 - 5:35 अपराह्न

बहुत बढ़िया हिमांशु जी…..

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शिवम श्रीवास्तव अक्टूबर 11, 2018 - 9:47 अपराह्न

अति सुंदर मित्र क्या खूब लिखा है प्रणाम है ऐसे माँ के लाल को

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 12, 2018 - 11:03 पूर्वाह्न

धन्यवाद शिवम श्रीवास्तव जी।

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