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चल छोड़ दे रोना तू जरा मुस्कुरा दे – जिंदगी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणादायक कविता

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

चल छोड़ दे रोना तू जरा मुस्कुरा दे :- परेशानियां किसके जीवन में नहीं आती? सबके जीवन में आती हैं, सब परेशान होते हैं। कुछ लोग इसके लिए तैयार रहते हैं और इसका सामना कर अपनी उदास-बेरंग दुनिया में खुशियों के रंग भर देते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसी परिस्थितियों में हौसला छोड़ देते हैं और अपनी हालत को किस्मत के भरोसे छोड़ देते हैं। उन्हें लगता है कि वो हार गए हैं लेकिन हार उनकी नहीं होती जो किसी कराया में असफल हो जाएँ। हारते तो वो लोग हैं जो दुबारा प्रयास नहीं करते।

खुशियों का कोई शॉर्टकट नहीं होता। इसलिए अपने प्रयासों को और बढाइये। और इसकी शुरुआत होती है एक मुस्कराहट से। अब आप मुस्कुरा देते हैं तो कई अद्भुत शक्तियां आपके अन्दर आ जाती हैं और आपको सकारात्मक होकर आपने ईवन में आगे बढ़ने लगते हैं। बस उसी परिस्थिति को कविता के रूप में प्रस्तुत करने जा रहा हूँ इस कविता में

चल छोड़ दे रोना तू जरा मुस्कुरा दे

 चल छोड़ दे रोना तू जरा मुस्कुरा दे

चल छोड़ दे रोना तू जरा मुस्कुरा दे
न रुकना राहों में तू कदम बढ़ा दे,
मुश्किलों का है जो तूफ़ान उसको हरा दे,
दिखा दे दुनिया को तू है क्या?
अपनी पहचान से वाकिफ करा दे,
चल छोड दे रोना तू ज़रा मुस्कुरा दे।

ये जीवन भी खेल ही है तो है
क्यों हार मानें?
हम भी हटें ऐसे कैसे जिद हैं ठाने,
जब तक न जीतेंगे मैदान न छोड़ेंगे,
हम तो भरम सब लोगों के अब तोड़ेंगे,
लाज शर्म के परदे अब तू गिरा दे,
चल छोड़ दे रोना तू जरा मुस्कुरा दे।

गिर जो गया तो बात क्या? कोशिश है जारी
आज नहीं तो कल को होगी अपनी भी बारी
पा लेंगे मंजिल अपनी आसमान छू लेंगे
एक नई मिसाल हम इस जग को देंगे,
बस हौसलों की लौ तू अब जला ले
चल छोड दे रोना तू ज़रा मुस्कुरा दे।

जिन्दा तो है सारी दुनिया
तुझे जिंदगी जीनी है,
दिखा दे दुनिया को कैसे
किस्मत से खुशियाँ छीनी हैं,
रच दे अब इतिहास नया सबको अपना बना ले
चल छोड दे रोना तू जरा मुस्कुरा दे।

पढ़िए :- सपने पूरे कर छोडूंगा | प्रेरक हिंदी कविताएँ

आपको यह कविता कैसी लगी हमें बताना ना भूलें। 

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धन्यवाद।

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7 comments

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Pushpender फ़रवरी 23, 2020 - 9:04 अपराह्न

मन मे प्रेरना जागी आपकी कविता पढकर

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 7, 2020 - 6:27 अपराह्न

धन्यवाद पुष्पेन्द्र जी। आशा करते हैं ये प्रेरणा यूँ ही आपके साथ बनी रहे।

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आज़ाद दिसम्बर 21, 2019 - 10:31 अपराह्न

बहुत अच्छा लगा आपकी ये प्रेरणा रूपी पंक्तियां पढ़कर।
मुझे खुशी हुई। मेरे लिए इन पंक्तियों ने दवा का काम किया।
आपका बहुत बहुत शुक्रिया दिल से।

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onkar kedia अप्रैल 20, 2019 - 10:52 पूर्वाह्न

प्रेरक रचना

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 20, 2019 - 12:03 अपराह्न

धन्यवाद ओंकार जी….

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विभा रानी श्रीवास्तव अप्रैल 20, 2019 - 1:23 पूर्वाह्न

रचना चर्चा में शामिल की हूँ

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 20, 2019 - 12:03 अपराह्न

धन्यवाद आदरणीया विभा रानी जी….

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