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भारत देश पर कविता :- वो भारत देश है मेरा | Bharat Desh Par Kavita

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

मेरा देश भारत, जिसकी जितनी महिमा गाऊं कम होगी। भारत एक ऐसा देश जिसने दुनिया को जीना सिखाया, रहना और पढना-लिखना तक सिखाया। इतना ही नहीं यही वो स्थान है जहाँ महान पुरुषों, संतों और योद्धाओं ने जन्म लिया। आइये पढ़ते हैं ऐसे ही अप्रतिम भारत की महिमा गाती भारत देश पर कविता :-

भारत देश पर कविता

भारत देश पर कविता

हुयी सभ्यता की शुरुआत जहां से
जहां से बढ़ा है विद्या का घेरा,
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा।

हिन्दू-मुस्लिम नहीं कोई यहाँ
सब भारत के रहने वाले
हंस-हंस के झूलते हैं फाँसी
यहाँ आज़ादी के मतवाले,
नहीं पाप हृदय में जरा सा भी
बस प्यार का ही है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा।

पवन सरिता यहाँ गंगा बहे
यमुना करती है पवित्र धरा
यहाँ मस्जिद हैं,यहाँ देवालय
यहाँ चर्च और हैं गुरुद्वारा,
सत्य की यहाँ है जीत सदा
न बुराई का रहता अँधेरा,
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा।

पृथ्वीराज, महाराणा प्रताप
शिवाजी और झांसी की रानी
घर-घर में गाई जाती है
इनके वैभव की कहानी,
ऐसे वीरों से भरा पड़ा है
भारत का इतिहास सुनहरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा।

संस्कार है सबके मन में बसे
यहाँ गुरुओं की होती पूजा
अतिथि का हो वो सम्मान यहाँ
करता होगा न कोई दूजा,
ये साधू संतों की धरती है
यहाँ हुए बुद्ध, नानक और कबीरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा।

यहाँ वेद भी हैं, विज्ञान भी है
हैं किसान भी और जवान भी हैं
ऊंचा है जग में स्थान सदा
मिलते ऐसे प्रमाण भी हैं,
पश्चिम में अँधेरा जब रहता
यहाँ पूरब में होता सवेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा।

होठों पे रहे मुस्कान सदा
हंस के हर दुःख को झेलें
रहती हरियाली बागों में
हम कुदरत की गोद में खेलें,
वेश बदल इस तन का यहाँ
सदा लगता रहता है फेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा।

हुयी सभ्यता की शुरुआत जहां से
जहां से बढ़ा है विद्या का घेरा,
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा।

पढ़िए :- भारतीय मुद्रा ( रुपया ) के जन्म का इतिहास

भारत देश पर कविता आपको कैसी लगी? इस बारे में हमें जरूर बताएं।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की ये देश भक्ति रचनाएं :-

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

6 comments

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Chhavi फ़रवरी 20, 2019 - 7:16 अपराह्न

Very nice poem

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 2, 2019 - 5:24 अपराह्न

Thanks Chhavi ji..

Reply
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leena gole फ़रवरी 14, 2018 - 8:27 अपराह्न

i like it…

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh फ़रवरी 15, 2018 - 8:53 पूर्वाह्न

Thanks Leena Gole…

Reply
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Pardeep Panjathia जनवरी 31, 2018 - 9:05 अपराह्न

VERY NICE POEMS

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 31, 2018 - 9:25 अपराह्न

धन्यवाद Pardeep Panjathia जी।

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