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जिंदगी क्या है – जिंदगी पर कविता | Zindagi Poetry In Hindi Poem On Zindagi

by Sandeep Kumar Singh
7 minutes read

जिंदगी क्या है ? ( Zindagi Poetry In Hindi ) जी हाँ दोस्तों, हम सब के मन में ये बात कभी ना कभी जरुर आता है। खासतौर से तब जब हम किसी तरह की परेशानी में फसे हो,जब जीवन दुखदायी हो रही हो, कही से कोई उम्मीद की रौशनी दिखाई ना दे ऐसे समय में अक्सर हम इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करते है, की आखरी ये जिंदगी है तो है क्या? बस ऐसे ही कुछ भावनाओ को कविता के रूप में उतार के मैंने २ कविताए लिखी है जो आपके सामने पेश है… जिंदगी क्या है कवितायें।

जिंदगी क्या है – जिंदगी पर कविता

जिंदगी क्या है - जिंदगी पर कविता

कविता 1. एक किताब है ज़िन्दगी

बनते बिगड़ते हालातों का
हिसाब है जिंदगी,
हर रोज एक नया पन्ना जुड़ता है जिसमें
वो ही एक किताब है जिंदगी।

हर पल एक नया किस्सा,
तैयार रहता है अपना अंत पाने को,
ग़मों के दौर में खुशियों की
राह 
तकते हैं कई लोग,
तड़पते हैं पेड़ और पंछी पतझड़ में
जैसे 
बसंत पाने को।

कभी कड़ी धूप सी परेशानियाँ
जलाती रहती हैं दर्द की एक आग सीने में,
कभी खुशियों में आनंद मिलता है तो
खुशबू आती है पसीने में,
मजबूरियों का सिलसिला
चलता रहता है सबकी राहों में,
बदल देते हैं वो शख्स कायनात अपनी
होती है जान हौसलों की जिनकी बाहों में।

छिपा कर रखती है कई राज अनजाने से
कहने को वो हिजाब है जिंदगी
हर रोज एक नया पन्ना जुड़ता है जिसमें
वो ही एक किताब है जिंदगी।

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कविता- २. ज़िन्दगी का राज किसने पाया है

कभी धूप कभी छाया है
कभी सत्य कभी माया है
बीत रही इस जिंदगी का
राज़ किसने पाया है?

कभी आस कभी विश्वास है
खुशदिल है कभी उदास है ,
महफ़िलों में नजर नहीं आती है
तन्हाई में दुश्मन जैसे पास है,
कभी हंसाया है इसने
कभी जी भरकर रुलाया है,
बीत रही इस जिंदगी का
राज किसने पाया है?

किसी के लिए सरताज है जिंदगी
कभी दो वक़्त की रोटी की मोहताज है,
कोई रो-रो कर निकाल रहा है
किसी के लिए एक बिंदास अंदाज है जिंदगी
कोई ठोकरों से टूट गया है देखो
किसी ने दूसरों की जिंदगी को सजाया है
इस बीत रही जिंदगी का
राज किसने पाया है?

नफरत की आग लिए दिल में
जलते रहते हैं कई लोग
और कुछ
खुशियों की दवाई बाँट रहे हैं
मिटाने को ग़मों के रोग,
जिंदगी ने अपने रूप से हमें
इस तरह से मिलाया है,
इस बीत रही जिंदगी का
राज किसने पाया है?

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आपको ये कविता ( Zindagi Poetry In Hindi ) जिंदगी क्या है कैसे लगी? आपके क्या विचार है जिंदगी के बारे में? अपने विचार हमें कमेंट के माध्यम से जरुर बताये.. धन्यवाद ।

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70 comments

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Manjeet Nishad जनवरी 13, 2022 - 7:40 पूर्वाह्न

जीना सिर्फ जिंदगी नहीं है जिंदगी में कुछ पाना भी जिंदगी है

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Shrirang G Chaudhari सितम्बर 17, 2021 - 11:08 पूर्वाह्न

बहोत बढ़िया सर जी, जिंदगी पर बहोत अच्छी कविता लिखी आपने

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Anjali जून 19, 2020 - 8:40 अपराह्न

Very useful and helpful poem

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sunil मई 21, 2020 - 7:59 अपराह्न

bahot accha likha hai apne

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 23, 2020 - 12:51 अपराह्न

Thank You Sunil Ji….

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Anmol मार्च 26, 2019 - 8:07 अपराह्न

Best poem

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 2, 2019 - 1:23 पूर्वाह्न

Thanks Anmol ji

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Jagdish thakur जुलाई 27, 2022 - 4:13 अपराह्न

Jindgi jabardast h, eshe jabardasti na jiye,… Jabardast tarike se jiye

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Ghanshyam दिसम्बर 2, 2018 - 4:47 अपराह्न

Thank u sir best poem

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 2, 2018 - 10:21 अपराह्न

घनश्याम जी आपका भी धन्यवाद….

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Shivani Rajput अक्टूबर 24, 2018 - 10:21 अपराह्न

बहुत अच्छी …. कविता

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 26, 2018 - 2:20 अपराह्न

धन्यवाद शिवानी जी।

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Santosh Kumar अक्टूबर 4, 2018 - 9:26 अपराह्न

Sir,,
Bahut kuchh sikhati hai ye aapki Kavita…
Thanks u so much…

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Shaklain mustak जुलाई 28, 2018 - 3:08 पूर्वाह्न

सर अपने जो इस कवित के माध्यम से कहा है लाजवाब लाजवाब है। यही तो जिंदगी है।
सर आपसे अनुरोध है कि एक परेशानी पर कविता लेखे।

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 28, 2018 - 9:18 पूर्वाह्न

धन्यवाद शकलैन मुस्ताक जी। आपका अनुरोध जल्द ही स्वीकार होगा। इसी तरह हमारे साथ बने रहिये।

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Pavan bharti जुलाई 14, 2018 - 7:09 पूर्वाह्न

किसी के आने जाने से life रुकती नही कभी,
इसी का नाम है जीन्दगी

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 15, 2018 - 10:40 पूर्वाह्न

जी पवन जी इसी का नाम जिंदगी है।

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यशवंत कुमार जून 27, 2018 - 2:06 पूर्वाह्न

बहुत बढिया कविता

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 27, 2018 - 3:35 अपराह्न

धन्यवाद यशवंत कुमार जी।

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Nishipadma Nanda जून 19, 2018 - 1:21 अपराह्न

bahutaeeeeeeeeeeeeeeeeeee aacha

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 19, 2018 - 2:24 अपराह्न

Dhanywaad Nishipadma Nanda ji…

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Rajesh Deshmukh जून 10, 2018 - 9:03 अपराह्न

Sir हमें आपकी Blog बहुत अच्छा लगा आपने जिंदगी को बहुत अच्छे तरीके से Difine kiya hai

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 11, 2018 - 1:36 अपराह्न

धन्यवाद राजेश देशमुख जी।

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गोतम चन्द दक मार्च 10, 2018 - 9:16 पूर्वाह्न

जीवन की सच्चाई अच्छी लगी FB पर शेयर की आपका नाम Comment में लिखा क्षमा करें और भी शेयर करूंगा

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 10, 2018 - 7:38 अपराह्न

हाहाहा…..गौतम चंद जी कोई बात नहीं आप ने मेरा नाम लिख दिया इतना ही बहुत है मेरे लिए। बहुत-बहुत धन्यवाद आपका….

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Saqlain फ़रवरी 26, 2018 - 10:58 पूर्वाह्न

zindagi kisi ke liye Jannat Ka Bag hai,
Kisi ke liye jahannam ki agg hai
Kisi ke liye waqt kate nhi kt ta
Kisi ke liye khud ke liye wqt nhi
Kisi ke liye zindgi majboori aur zimmedariyo ka naam hai
Kisi ke liye zindagi chakti mahkta kwab hai
Kisi ke liye zindgi saans lena dushwar hai
Kisi ke liye zindagi gulab hai.

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh फ़रवरी 27, 2018 - 8:59 अपराह्न

बहुत बढ़िया Saqlain जी…..

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niraj kumar फ़रवरी 14, 2018 - 4:38 अपराह्न

Sandeep sir bahut aacha likhhe h aap.

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh फ़रवरी 15, 2018 - 8:44 पूर्वाह्न

धन्यवाद नीरज कुमार जी।

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राजेश जनवरी 3, 2018 - 9:11 पूर्वाह्न

बहुत खूब क्या कहने बेहद उम्दा नायाब बेमिसाल व लाजवाब रचनाएँ ????

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 3, 2018 - 9:56 अपराह्न

धन्यवाद राजेश जी….

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Kapil chaudhary दिसम्बर 27, 2017 - 1:04 अपराह्न

ise maine likha h kaisi aap bta skte ho

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 27, 2017 - 5:16 अपराह्न

Kyunki ye abhi kahi aur available nhi hai ya fir logo ki najron me nhi aya. Fact ye hai jo cheej kisi dwara pahle dikhayi jaati jai usi ki maan lee jaati hai.

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Kapil chaudhary दिसम्बर 27, 2017 - 1:02 अपराह्न

Bante bigdte halato Ka aagaz hai jindki..
Har roj badlne ke liye ek badlaav hai jindki..
Bachpan se budhape tak jeene ke liye ek Raj hai jindki..
sapno ko haqiqat main badlne ke liye ek Aas hai jindki..
gareebo ki galiyon main bdi badnaam hai jindki..
Do dilo ke milan ke liye ek Mukaam hai jindki..
Bhagwaan se mila ek vardaan hai jindki..
kisi ke liye nafrat toh kisi ke liye bdi mahaan hai jindki..
Behisab baate krne wali ek Aawaj hai jindki khud ko badalne ke liye ek Badlaav hai jindki…

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Ajay Tripathi दिसम्बर 8, 2017 - 5:54 अपराह्न

Bahut sundar bhaiya ji

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 9, 2017 - 7:17 अपराह्न

धन्यवाद अजय त्रिपाठी जी।

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soheel नवम्बर 14, 2017 - 6:47 अपराह्न

sir aap ki kavita ka jawab nahi ye kavita la jawab hai. sir

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh नवम्बर 14, 2017 - 7:40 अपराह्न

धन्यवाद soheel जी।

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Anup Bhardwaj अक्टूबर 7, 2017 - 10:52 पूर्वाह्न

आपने बहुत अच्छी कविता लिखी है जिसको पड़कर बहुत से लोगो का तरीका पता चल जायेग की ।
*जिंदगी क्या है*

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 7, 2017 - 10:59 पूर्वाह्न

जी धन्यवाद अनूप भरद्वाज जी।

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Anup Bhardwaj अक्टूबर 7, 2017 - 10:45 पूर्वाह्न

जिंदगी एक खुली किताब है ।
जिसको संभालना हमारे हाथों में है
नही तो दीमक लग जाती है।

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Anup Bhardwaj अक्टूबर 7, 2017 - 10:39 पूर्वाह्न

सही कहा
।।जिंदगी एक खुली किताब है।।
जो हवा के साथ साथ up down होती रहती है।

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rajan kumar सितम्बर 28, 2017 - 5:53 पूर्वाह्न

Hame abhi pata chala Ki jindagi ek khuli kitab hai

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 28, 2017 - 7:27 अपराह्न

जी सही कहा आपने, जिदगी एक ऐसी खुली किताब है जिसमे आप अपनी मेहनत की कलम से अपनी तकदीर लिख सक सकते हैं।

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Ranjan अगस्त 7, 2017 - 8:26 पूर्वाह्न

Very very nice

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 7, 2017 - 8:53 पूर्वाह्न

Thank you very much Ranjan ji…

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poonam जुलाई 17, 2017 - 8:55 अपराह्न

Very nice

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 17, 2017 - 10:36 अपराह्न

धन्यवाद Poonam जी।

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Roshan जुलाई 11, 2017 - 7:19 अपराह्न

ये जिंदगी जीने का सही मायने बता ती है

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Ankit जून 14, 2017 - 9:12 पूर्वाह्न

Super…… Sir ji

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 14, 2017 - 9:51 पूर्वाह्न

Thanks Ankit ji…

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janardan Dixit अप्रैल 29, 2017 - 10:46 अपराह्न

wah kya bat hai… aap jaiso ko padana hi jindagi hai….

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 30, 2017 - 7:45 पूर्वाह्न

ये तो आपका बड़प्पन है janardan Dixit जी…बहुत बहुत आभार आपका।

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अशु अप्रैल 21, 2017 - 4:43 अपराह्न

आपकी ये कविता इतनी अनमोल है कि शब्दकोष खाली हैं क्या कुछ अनमोल लिखूं………………

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 21, 2017 - 4:56 अपराह्न

धन्यवाद अशु जी… एक लेखक के लिए इससे बड़ी तारीफ कुछ नहीं हो सकती…आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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hanif अप्रैल 14, 2017 - 8:51 अपराह्न

Jindagi!!!!!!!

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munim अप्रैल 4, 2017 - 2:02 अपराह्न

Nice poem

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 5, 2017 - 11:40 पूर्वाह्न

Thanks Munim ji…..

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Banshidhar अप्रैल 2, 2017 - 9:47 अपराह्न

Nice one broh =b. Thumbs up

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 2, 2017 - 9:49 अपराह्न

Thanks Banshidhar bro…..

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sanjubhai जनवरी 9, 2017 - 12:09 अपराह्न

Kya hai jindgi

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 9, 2017 - 12:20 अपराह्न

बस यही है जिंदगी sanjubhai.. ..

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Ghanshyam meena दिसम्बर 21, 2016 - 1:52 अपराह्न

आज पहली बार अकेला बैठे हुए सोच रहा था । कि यार ये जिंदगी क्या है? तो google पर डाल दिया तो पाया कि अपने जो कविता लिखी वो सही है

Reply
Mr. Genius
Mr. Genius दिसम्बर 21, 2016 - 3:46 अपराह्न

धन्यवाद Ghanshyam Meena जी।
जिंदगी को शब्दों का रूप देने में हम कामयाब हो गए। जब किसी रचना को सराहा जाता है तभी वह जीवंत मानी जाती है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
इसी तरह हमारे साथ जुड़े रहिये।

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Raju Gupt नवम्बर 8, 2016 - 8:56 अपराह्न

Very….. nice…. poem….
Thank you so much

Reply
Mr. Genius
Mr. Genius नवम्बर 8, 2016 - 9:14 अपराह्न

Thank you for your comment Raju Gupt ji…

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mahendar नवम्बर 7, 2016 - 11:28 पूर्वाह्न

Nice

Reply
Mr. Genius
Mr. Genius नवम्बर 7, 2016 - 5:57 अपराह्न

Thanks Mahendar ji….

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Priya अक्टूबर 28, 2016 - 12:22 अपराह्न

Nice Story Of Lfy

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Mr. Genius
Mr. Genius अक्टूबर 29, 2016 - 8:39 पूर्वाह्न

Thanks Priya…….

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