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जिंदगी क्या है – जिंदगी पर कविता | Zindagi Poetry In Hindi Poem On Zindagi


जिंदगी क्या है ? ( Zindagi Poetry In Hindi ) जी हाँ दोस्तों, हम सब के मन में ये बात कभी ना कभी जरुर आता है। खासतौर से तब जब हम किसी तरह की परेशानी में फसे हो,जब जीवन दुखदायी हो रही हो, कही से कोई उम्मीद की रौशनी दिखाई ना दे ऐसे समय में अक्सर हम इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करते है, की आखरी ये जिंदगी है तो है क्या? बस ऐसे ही कुछ भावनाओ को कविता के रूप में उतार के मैंने २ कविताए लिखी है जो आपके सामने पेश है… जिंदगी क्या है कवितायें।

जिंदगी क्या है – जिंदगी पर कविता

जिंदगी क्या है - जिंदगी पर कविता

कविता 1. एक किताब है ज़िन्दगी

बनते बिगड़ते हालातों का
हिसाब है जिंदगी,
हर रोज एक नया पन्ना जुड़ता है जिसमें
वो ही एक किताब है जिंदगी।

हर पल एक नया किस्सा,
तैयार रहता है अपना अंत पाने को,
ग़मों के दौर में खुशियों की
राह 
तकते हैं कई लोग,
तड़पते हैं पेड़ और पंछी पतझड़ में
जैसे 
बसंत पाने को।

कभी कड़ी धूप सी परेशानियाँ
जलाती रहती हैं दर्द की एक आग सीने में,
कभी खुशियों में आनंद मिलता है तो
खुशबू आती है पसीने में,
मजबूरियों का सिलसिला
चलता रहता है सबकी राहों में,
बदल देते हैं वो शख्स कायनात अपनी
होती है जान हौसलों की जिनकी बाहों में।

छिपा कर रखती है कई राज अनजाने से
कहने को वो हिजाब है जिंदगी
हर रोज एक नया पन्ना जुड़ता है जिसमें
वो ही एक किताब है जिंदगी।

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कविता- २. ज़िन्दगी का राज किसने पाया है

कभी धूप कभी छाया है
कभी सत्य कभी माया है
बीत रही इस जिंदगी का
राज़ किसने पाया है?

कभी आस कभी विश्वास है
खुशदिल है कभी उदास है ,
महफ़िलों में नजर नहीं आती है
तन्हाई में दुश्मन जैसे पास है,
कभी हंसाया है इसने
कभी जी भरकर रुलाया है,
बीत रही इस जिंदगी का
राज किसने पाया है?

किसी के लिए सरताज है जिंदगी
कभी दो वक़्त की रोटी की मोहताज है,
कोई रो-रो कर निकाल रहा है
किसी के लिए एक बिंदास अंदाज है जिंदगी
कोई ठोकरों से टूट गया है देखो
किसी ने दूसरों की जिंदगी को सजाया है
इस बीत रही जिंदगी का
राज किसने पाया है?

नफरत की आग लिए दिल में
जलते रहते हैं कई लोग
और कुछ
खुशियों की दवाई बाँट रहे हैं
मिटाने को ग़मों के रोग,
जिंदगी ने अपने रूप से हमें
इस तरह से मिलाया है,
इस बीत रही जिंदगी का
राज किसने पाया है?

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आपको ये कविता ( Zindagi Poetry In Hindi ) जिंदगी क्या है कैसे लगी? आपके क्या विचार है जिंदगी के बारे में? अपने विचार हमें कमेंट के माध्यम से जरुर बताये.. धन्यवाद ।

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70 Comments

  1. Bante bigdte halato Ka aagaz hai jindki..
    Har roj badlne ke liye ek badlaav hai jindki..
    Bachpan se budhape tak jeene ke liye ek Raj hai jindki..
    sapno ko haqiqat main badlne ke liye ek Aas hai jindki..
    gareebo ki galiyon main bdi badnaam hai jindki..
    Do dilo ke milan ke liye ek Mukaam hai jindki..
    Bhagwaan se mila ek vardaan hai jindki..
    kisi ke liye nafrat toh kisi ke liye bdi mahaan hai jindki..
    Behisab baate krne wali ek Aawaj hai jindki khud ko badalne ke liye ek Badlaav hai jindki…

    1. धन्यवाद Ghanshyam Meena जी।
      जिंदगी को शब्दों का रूप देने में हम कामयाब हो गए। जब किसी रचना को सराहा जाता है तभी वह जीवंत मानी जाती है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
      इसी तरह हमारे साथ जुड़े रहिये।

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