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दिल टूटने की कविता :- गजल मेरी है जल रही | दिल का दर्द कविता

by ApratimGroup

ये कविता है एक ऐसे प्रेमी की जिसे उसकी प्रेमिका छोड़ कर चली गयी है। तब वह प्रेमी ज्येष्ठ के महीने में उसके लिए लिखी सारी गजलों को जला रहा है। उस समय उसके मन के भाव क्या हैं आइये पढ़ते हैं इस दिल टूटने की कविता में :-

दिल टूटने की कविता

दिल टूटने की कविता

स्वप्न सब बिखर रहे, पतझड़ के विनाश में
गजल मेरी है जल रही ज्येष्ठ के मास में,
बैचैनी है उठ रही जीवनान्त की सांस में
गजल मेरी है जल रही ज्येष्ठ के मास में।

दीप है एक बुझ रहा, अंधकार ढल रहा
पुष्प सब मुरझा गए अब बिरह है पल रहा,
अश्रु हैं बरस रहे प्रेम की प्यास में
गजल मेरी है जल रही ज्येष्ठ के मास में।

भाव सब मिट गए शूल भी हैं बढ़ गये
मूक मैं बन गया रिश्ते भी हैं घट गये,
तेरे लिए तरस रहा शेष इक आस है
गजल मेरी है जल रही ज्येष्ठ के मास में।

गाता हुआ ग़ज़ल मैं अब, तुझको याद कर रहा
हर जगह हरपल अब, जीकर भी मैं हूँ मर रहा,
साँस मुझमें शेष है बस तू ही नहीं है पास में
गजल मेरी है जल रही ज्येष्ठ के मास में।

पहरे लगा कई मैं अब, खुद को ही हूँ रोकता
भूलने को तुझको मैं, खुद को ही हूँ नोचता,
दिल में जो प्रेम है लगा हूँ उसके नाश में
गजल मेरी है जल रही ज्येष्ठ के मास में।

जब थी तू पास में दिल में एक सुकून था
सिर पर मेरे चढ़ा बस तेरा ही जुनून था,
तू कहीं है गुम हुई विरह के इस आकाश में
गजल मेरी है जल रही ज्येष्ठ के मास में।

बची इक उम्मीद है, तेरी राह तक रहा।
आजा तू लौट आ कब से हूँ भटक रहा।
तू आएगा लौट कर, जी रहा विश्वास में।
गजल मेरी है जल रही ज्येष्ठ के मास में।

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harish chamoli

मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

‘ टूटे दिल की कविता ‘ के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

2 comments

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Shiva garg April 15, 2020 - 9:48 PM

Very nice????????

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh April 23, 2020 - 5:31 PM

Thank you Shiva Ji…

Reply

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