प्रेम कविताएँ, हिंदी कविता संग्रह

प्रेम दिवस पर कविता – प्रेम दिवस पर आओ हम सब


” प्रेम दिवस पर कविता ” में प्रेम के सच्चे स्वरूप का वर्णन करते हुए जीवन में प्रेम की आवश्यकता को बताया गया है। संत वैलेंटाइन ने प्यार के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था। उनके इस बलिदान की याद में पश्चिमी देशों में ‘वैलेंटाइन डे’ मनाया जाता है। यह दिवस हमें प्रेम का महत्त्व बताते हुए आपस में प्रेम करने का संदेश देता है। प्राचीन समय में भारत में भी मदनोत्सव मनाने की परम्परा रही है। आज युवाओं को वासना के क्षणिक आवेश को ही प्रेम नहीं मानकर इसके सच्चे स्वरूप को पहचानना चाहिए। प्रेम का सम्बन्ध मन के सात्त्विक भावों से है जिससे हमें सच्चे सुख की अनुभूति होती है। 

प्रेम दिवस पर कविता

प्रेम दिवस पर कविता

प्रेम दिवस पर आओ हम सब
जोड़ें मन के तार,
साँसों की सरगम पर गाएँ
मधुर राग मल्हार।

वासन्ती मौसम में छाई
मन में नई उमंग,
बनकर प्रेम यही भरती है
जीवन में नव रंग।

जीवन में जब जब आती है
प्रेम भरी यह भोर,
उजियारा – सा हो जाता है
तब – तब चारों ओर।

जहाँ प्रेम होता है सच्चा
वहीं सुखों का वास,
बना इसी से अच्छाई पर
रहता है विश्वास।

बिना प्रेम के यह जीवन है
इक टूटा – सा साज,
मर जाती है घुटकर जिसकी
अन्दर ही आवाज।

आँखें चार प्रेम के होती
कहो न इसको अन्ध,
यही फूल तो मन – उपवन में
भरता सदा सुगन्ध।

सभी लोग कहते जीवन में
कठिन प्रेम की राह,
प्रेम – पथिक पर कब करते हैं
काँटों की परवाह।

नहीं वासना होता तन की
जो है प्रेम पवित्र,
यह तो मन में सद्भावों के
निर्मित करता चित्र।

प्रेम सदा सहता आया है
हँसकर घाव अभाव
विपदाओं में भी आता है
इसमें ना बिखराव।

प्रेम मित्रता का ही होता
उजला निखरा रूप,
यह देकर सुख – छाँव और को
सहता दुःख की धूप।

सच्चा प्रेम हमें कुदरत का
अनुपम है वरदान,
प्यार भरे दिल में ही छुपकर
रहता है भगवान।

नहीं प्रेम को पाँव तले का
समझें हम कालीन,
मर्यादित हो प्रेम हमारा
और रहे शालीन।

करें प्रेम का हम अपने से
औरों तक विस्तार,
पीड़ित जन का मन सहलाएँ
देकर सच्चा प्यार।

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धन्यवाद।

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