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Morning Poem In Hindi – सुबह कविता में आलस छोड़कर प्रातः काल जल्दी उठने का आग्रह है। सुबह का समय दिन का सबसे सुन्दर समय होता है। इस समय प्रकृति नई अँगड़ाई लेती प्रतीत होती है यह समय ताजगी और उमंगों से भरा होता है। सुबह के समय सैर करने, व्यायाम करने या कोई भी कार्य प्रारम्भ करने से तन स्वस्थ और मन प्रसन्न रहता है। सुबह के समय प्रकृति का सौन्दर्य देखते ही बनता है। अतः हमें सुबह जल्दी उठकर इन दृश्यों का आनन्द उठाना चाहिए।
Morning Poem In Hindi
सुबह पर कविता
फूट रही पूरब से लाली
नई किरण है आने वाली,
नहीं रहेगा अब अँधियारा
जगमग होगा यह जग सारा।
फूल खिलेंगे सुन्दर सुन्दर
झूमेंगे मस्ती में तरुवर,
गई रात की है परछाई
जीवन लेता फिर अँगड़ाई।
आँगन में आ चिड़िया चहकी
हवा सुबह की लगती महकी,
पंछी उड़ते नील गगन में
नव उमंग है जन – जीवन में।
समय सुबह का बड़ा सुहाना
इसको यूँ ही नहीं गँवाना,
नई ताजगी तन में भरता
यह मन के तापों को हरता।
करें योग हम सुबह सवेरे
रोग नहीं तब हमको घेरे,
हवा सुबह की शुद्ध मिलेगी
मुरझे मन की कली खिलेगी।
आलस छोड़ें अब उठ जाएँ
घूम तनिक बाहर को आएँ,
सुबह – सुबह का दृश्य मनोहर
भर लें इसको अपने अन्दर ।
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