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प्रेरक लघु कविता :- मन की उदासी को कभी छुपाना नहीं चाहिए


सबके जीवन में कभी न कभी ऐसा मोड़ आता है जब इन्सान उदास हो जाता है। लेकिन यही वो समय होता है जब इन्सान के पास एक मौका होता है कि अपनी उदासी को न छिपाते हुए उसे अपनी ताकत बनानी चाहिए अपनों के साथ बात कर उस उदासी को दूर करने का समाधान करना चाहिए और अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ना चाहिए। बस आप में उदासी को दूर कर प्रेरणा भरने वाली है यह प्रेरक लघु कविता  :-

प्रेरक लघु कविता 

 

 

प्रेरक लघु कविता

मन की उदासी को कभी छुपाना नहीं चाहिए
कभी किसी का दिल दुखाना नहीं चाहिए
मुश्किलें आयें चाहे लाख जिंदगी में
कभी हार कर बैठ जाना नहीं चाहिए,
मन की उदासी को, कभी छुपाना नहीं चाहिए।

मन हो उदास तो प्रभु का ध्यान कीजिये
अपने हैं जो ख़ास उनसे बात कीजिये
समय का जो चक्र है चलता ही ये जायेगा
देख बुरे वक़्त को घबराना नहीं चाहिए
मन की उदासी को, कभी छुपाना नहीं चाहिए।

जो भी मिले जीवन में उसको अपनाते जाइये
कैसे भी हों हालात बस संघर्ष करते जाइये,
देर से सही मगर मंजिल तो मिल ही जायेगी
खाली बैठ किस्मत को आजमाना नहीं चाहिए
मन की उदासी को, कभी छुपाना नहीं चाहिए।

ये जिंदगी है जियो इसे चैन और सुकून से
काम कोई भी करो बस करो जूनून से
बढ़ते रहें कदम सदा चाहे जैसी राह हो
कभी भी राहों में थक कर रुक जाना नहीं चाहिए
मन की उदासी को, कभी छुपाना नहीं चाहिए।

दिल में जो आग हैं उसे जलाये तुम रखो
जो आसमान में उड़ना पर फैलाये तुम रखो
आएगा वो दिन जब क़दमों में जहान आएगा
मगर अपनी इस जमीन को भुलाना नहीं चाहिए
मन की उदासी को, कभी छुपाना नहीं चाहिए।

मन की उदासी को कभी छुपाना नहीं चाहिए
कभी किसी का दिल दुखाना नहीं चाहिए
मुश्किलें आयें चाहे लाख जिंदगी में
कभी हार कर बैठ जाना नहीं चाहिए,
मन की उदासी को, कभी छुपाना नहीं चाहिए।

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मुझे उम्मीद है आप सब को यह प्रेरक लघु कविता जरूर पसंद आई होगी। अगर सच में यह कविता आपको पसंद आई तो अपने विचार कमेंट बॉक्स के जरिये हम तक अवश्य पहुंचाएं।

धन्यवाद।

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