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कविता पर कविता :- मेरी काव्य शैली ही उसे | Kavita Par Kavita


कविता की हमारे जीवन में क्या महत्वता है। कैसे ये हमारी भावनाओं के साथ जुड़ी हुयी है। बता रहे हैं हरीश चामोली जी इस ( Kavita Par Kavita ) “ कविता पर कविता “ में :-

कविता पर कविता

कविता पर कविता

मेरे दिल की हर धड़कन में
कविता ही विराज करती है
मेरी हर पलों की सोच का
कविता हसीं साज करती है,
मोहब्बत को अपनी कोई
स्वराज न कभी कर पाया जो
मेरी काव्य शैली ही उसे
जगत में अधिराज करती है।

प्रेम के सूने मौसमों को
कविता ही बहार करती है
दिल के सूने साजों का अब
कविता ही श्रृंगार करती है,
रह जाये अगर प्यार कोई
गुमनाम कहीं किसी भवन में
मेरी काव्य शैली ही उसे
जगत में इज़हार करती है।

प्रेमी जाँबाजों को जग में
कविता सुधाकर सा करती है
दिल की बातों को जुबाँन से
कविता ही बाहर करती है,
जिन आशिकों की मोहब्बतें
रह गयी अधूरी कभी कहीं
मेरी काव्य शैली ही उसे
जगत में शायर करती है।

खुशीयाँ हों या हो कोई गम
कविता आंखे नम करती है
यादों में डूबे प्रेमी का
कविता दर्द खत्म करती है,
मोहब्बत में इक दूजे को
प्रेमी बाहों में भरते हैं
मेरी काव्य शैली ही उसे
मिलाकर हमदम करती है।

सैनिकों के हृदयों में भी
कविता ही अब दम भरती है
वीरों की कुर्बानी पर भी
कविता ही पराक्रम करती है,
अमर जवान ज्योति जली जहाँ
शहीदों के लिए सम्मान में
मेरी काव्य शैली ही उनका
अमरत्व कायम करती है।

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harish chamoliमेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

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