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बाल दिवस के उपलक्ष्य में बाल दिवस की कविता :-
बाल दिवस की कविता
हम बच्चे हैं देश की शान
करते हैं सबका सम्मान
देश की गौरव गाथा पर
रहता हमें सदा अभिमान,
कर्णधार हैं हम इस देश के
गिरने न देंगे इसका मान
देश हमें देता है सब कुछ
हम बच्चे हैं देश की शान।
अर्जुन के गांडीव सा हमने
तेज है जग में पाया
श्री कृष्ण के सुदर्शन सा हमने
पराक्रम भी अदभुत पाया,
लहरे देश की विजय पताका
गिरने न पाये इसकी शान
देश हमें देता है सब कुछ
हम बच्चे हैं देश की शान।
याद करेंगे हम हरपल
देश के वीरों का बलिदान
करके अच्छे कर्म देश में
करेंगे जग में देश महान,
देश द्रोहियों को दूर भगाकर
बचाएंगे अपना स्वाभिमान।
देश हमें देता है सब कुछ
हम बच्चे हैं देश की शान।
सच्चाई की राह चलें हम
न बनें कभी बेईमान
चाहे कितने लोभ मिले
न डिगे कभी ईमान,
छोड़ेंगे धरा हम भी एक दिन
छोड़ स्मृतियों के निशान
देश हमें देता है सब कुछ
हम बच्चे हैं देश की शान।
संस्कृति की करेंगे रक्षा
बढ़ेंगे आगे हम हर बार
देश की सेवा हित हम
सदा रहेंगे हम तैयार,
हम हैं सूरज नील गगन के
चमकाएंगे सारा आसमान
देश हमें देता है सब कुछ
हम बच्चे हैं देश की शान।
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रचनाकार का परिचय
मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
‘ बाल दिवस की कविता ‘ के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।
धन्यवाद।
2 comments
बहुत खूबसूरत रचना हार्दिक बधाई
धन्यवाद Mani Aggarwal जी…..