देशभक्ति कविताएँ, हिंदी कविता संग्रह

हे मातृभूमि कविता हिंदी | Hey Mathrubhumi Kavita Hindi


प्रस्तुत है राम प्रसाद बिस्मिल जी द्वारा रचित मातृभूमि को समर्पित ” हे मातृभूमि कविता हिंदी “

हे मातृभूमि कविता हिंदी

हे मातृभूमि कविता हिंदी

हे मातृभूमि ! तेरे चरणों में शिर नवाऊँ ।
मैं भक्ति भेंट अपनी, तेरी शरण में लाऊँ ।।

माथे पे तू हो चंदन, छाती पे तू हो माला ;
जिह्वा पे गीत तू हो मेरा, तेरा ही नाम गाऊँ ।।

जिससे सपूत उपजें, श्री राम-कृष्ण जैसे;
उस धूल को मैं तेरी निज शीश पे चढ़ाऊँ ।।

माई समुद्र जिसकी पद रज को नित्य धोकर;
करता प्रणाम तुझको, मैं वे चरण दबाऊँ ।।

सेवा में तेरी माता ! मैं भेदभाव तजकर;
वह पुण्य नाम तेरा, प्रतिदिन सुनूँ सुनाऊँ ।।

तेरे ही काम आऊँ, तेरा ही मंत्र गाऊँ।
मन और देह तुझ पर बलिदान मैं जाऊँ ।।

राम प्रसाद बिस्मिल

पढ़िए और भी देशभक्ति रचनाएं :-

राम प्रसाद बिस्मिल जी की ” हे मातृभूमि कविता हिंदी ” की तरह ही यदि आप और भी कोई रकना पढ़ना चाहते हैं तो उस रचना का नाम कमेन्ट बॉक्स में लिखें।

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें :-

apratimkavya logo

धन्यवाद।

One Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *