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झूठी दुनिया के झूठे लोग – मतलबी रिश्तों पर संदीप कुमार सिंह का शायरी संग्रह

by Sandeep Kumar Singh
5 minutes read

आप पढ़ रहे है संदीप कुमार सिंह की  मतलबी रिश्तों और दोगले इंसानों पर आधारित  “झूठी दुनिया के झूठे लोग शायरी संग्रह ” :-

झूठी दुनिया के झूठे लोग

 

झूठी दुनिया के झूठे लोग

1.

न परेशानियां, न हालात, न ही कोई रोग है,
जिन्होंने हमें सताया है कोई और नहीं वो झूठे लोग हैं।


2.

झूठे लोगों की दुनिया में सच्चाई की कीमत कौन जानेगा,
टूट कर बिखर जाएगा जो इनसे उलझने कि ठानेगा,
भलाई है दूर रहें ऐसे लोगों से जो अच्छाई का नाटक करते हैं
धकेल देंगे ये बुरे दौर अँधेरे में जो गिरेगा निकल न पाएगा।


3.

मुस्कुराहटें चेहरों पर और दिल में फरेब है,
बातों के धनी हैं खाली इनकी जेब है
अजीब है ये झूठे लोग जो इधर-उधर घूमते हैं
समझते हैं जिसे ये खासियत अपनी वही इनका ऐब है।
(ऐब = दोष)


4.

पल भर लगता है किसी को अपना मानने में
इक उम्र लग जाती है फिर उन्हें जानने में
नकाब अच्छाई का रहता है छिपे हुए चेहरे में
देर लग ही जाती है अक्सर झूठे लोगों को पहचानने में।


5.

झूठी दुनिया के झूठे फ़साने हैं
लोग भी झूठे और झूठे ज़माने हैं
धोखे मिलते है हर कदम पर यहाँ
हर तरफ भीड़ है लेकिन अफ़सोस सब बेगाने हैं।


6.

ख्वाबों की दुनिया में अक्सर कोई आहत देता है,
दूर कर ग़मों को अक्सर चेहरे पर मुस्कराहट देता है
मगर अफ़सोस वो दुनिया और वहां के लोग झूठे हैं
वहां बिताया इक इक पल फिर भी अक्सर दिलों को राहत देता है।


7.

सच्चाई बिक रही है इस झूठी दुनिया में
सच बोलने के लिए झूठे लोग बिकते हैं
कौन सुनता है चीखें मजबूर गरीब लाचारों की
जिसके पास ताकत है दौलत की वहीं इंसाफ टिकता है।


8.

बातें विश्वास और भरोसे की बेमानी सी लगती हैं,
झूठी दुनिया में वफादारी अनजानी सी लगती है
झूठे लोगों से भरी पड़ी हैं कहानियां यहाँ किताबों में
प्यार से बोल दे कोई तो मेहरबानी सी लगती है।


9.

दिखा दी है शीशे ने असलियत झूठे लोगों की
बनावटी चेहरे पहन कर अक्सर जो झूठी दुनिया में घूमते हैं।


10.

मैं भी झूठा, तू भी झूठा, झूठी है दुनिया सारी
झूठे हैं ये लोग सभी, झूठे हैं नर-नारी
झूठ ही सबका दाता, सबका झूठ ही पालनहार है
ऐसा कलयुग आया देखो झूठ हुआ सच पर भारी है ।


पढ़िए – झूठी दुनिया झूठे लोग- हिंदी कविता

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धन्यवाद।

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32 comments

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किरार सौरभ पटेल अगस्त 3, 2020 - 11:29 पूर्वाह्न

अति सुंदर आदरणीय

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Chetantiwari अगस्त 26, 2019 - 11:41 पूर्वाह्न

Bahut sundar rachnaye sir..

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Rizwan Akhtar अगस्त 3, 2019 - 11:20 पूर्वाह्न

बहुत सुंदर,

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Kunalmalpe अप्रैल 27, 2019 - 10:41 पूर्वाह्न

Kya batt hai… Bahot khoob..!!♥️♥️♥️

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 3, 2019 - 10:18 पूर्वाह्न

धन्यवाद कुणाल जी।

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Mozammil alam जनवरी 14, 2019 - 9:34 पूर्वाह्न

bahot hi behtreen likhto ho janab shukriya

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 14, 2019 - 5:35 अपराह्न

धन्यवाद मोज़म्मिल आलम जी……

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Ramsingh osari जनवरी 10, 2019 - 8:09 अपराह्न

nice one

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 11, 2019 - 9:06 अपराह्न

धन्यवाद राम सिंह जी।

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जितेंद्र नवम्बर 11, 2018 - 10:54 अपराह्न

बहुत अच्छा लगता है भैया आपका ये सब लिखना
यदि कोई इसे गहराई से पढ़े तो उसको समझ आ जायेगा कि यह दुनिया कितनी मतलबी है
By जितेंद्र

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh नवम्बर 12, 2018 - 6:53 अपराह्न

प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद जीतेन्द्र जी….

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भरत सिंह सितम्बर 28, 2018 - 9:39 अपराह्न

Bahut acha लिखा है आपने इसे हम तक पहुचाने के लिए धन्‍यवाद

भ रत सिंह

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Meenakshi मई 5, 2018 - 10:38 अपराह्न

Very nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 6, 2018 - 8:27 पूर्वाह्न

Thanks Meenakshi ji

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Gaurav singh rathaur मार्च 25, 2018 - 12:52 पूर्वाह्न

very nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 25, 2018 - 8:36 पूर्वाह्न

Thanks Gaurav Singh ji..

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Deepak Yogi जनवरी 28, 2018 - 7:15 अपराह्न

Shandaar

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 29, 2018 - 1:02 अपराह्न

धन्यवाद दीपक योगी जी।

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अतुल दुबे जनवरी 11, 2018 - 8:25 पूर्वाह्न

बहुत ही सुन्दर रचनाएं है आपकी

पढ़कर बहुत अच्छा लगा

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 11, 2018 - 11:16 पूर्वाह्न

अतुल दूबे जी मुझे प्रसन्नता है कि हमारी रचनायें आपको पसंद आयीं। और बेहतरीन रचनाओं के लिए इसी तरह हमारे साथ बने रहें। धन्यवाद।

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devendra patel दिसम्बर 7, 2017 - 11:24 पूर्वाह्न

कमाल का लिखते हैं आप, आपकी कलम में जादू है

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 7, 2017 - 1:50 अपराह्न

ये सब तो प्रभु की महिमा है देवेन्द्र पटेल जी। हम तो बस लिखते हैं अच्छा तो आप जैसे पाठकों के पढ़ने से हो जाता है।

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Vijay अक्टूबर 21, 2017 - 2:34 अपराह्न

Nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 21, 2017 - 8:52 अपराह्न

Thanks Vijay

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gulshan singh अगस्त 28, 2017 - 1:52 अपराह्न

beautiful sayri

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 29, 2017 - 12:19 अपराह्न

Thanks Gulshan singh.

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gulshan singh अगस्त 28, 2017 - 1:51 अपराह्न

kya Baat hi

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 29, 2017 - 12:18 अपराह्न

Thanks Gulshan singh.

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akshay जून 14, 2017 - 1:04 अपराह्न

Very good shyari ?

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 14, 2017 - 6:28 अपराह्न

Thanks akshay bro…

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जमशेद आज़मी सितम्बर 18, 2016 - 12:08 पूर्वाह्न

वाह क्‍या बात है, एक से बढ़ कर एक रचनाओं की प्रस्‍तुति। आपकी इस रचना के माध्‍यम से मुझे झूठ नगर की अजब गजब दुनिया से रूबरू होने का मौका मिला। इसके लिए आपका धन्‍यवाद।

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Mr. Genius
Mr. Genius सितम्बर 18, 2016 - 5:18 पूर्वाह्न

धन्यवाद जमशेद आज़मी जी,
आप जैसे पाठकों का प्यार ही है जिसके कारण मैं यह सब लिख पता हूँ। इसी तरह प्यार बरसाते रहिये। जिस से हम और सुन्दर लखनी का प्रदर्शन कर सकें।
धन्यवाद।

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