गीत गजल और दोहे

तिरंगे का महत्त्व दोहे – “उड़े तिरंगा आज” कविता रूप में | तिरंगा स्टेटस


तिरंगे का महत्त्व दोहे जब भी मेरे देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराता है। हर भारतीय का सिर गर्व से ऊपर उठ जाता है। बहुत किस्मत वाले होते हैं वो लोग जिनको कफ़न के रूप में तिरंगा नसीब होता है। यह तिरंगा किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे देश की शान है। आइये पढ़ते हैं स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर विशेष रूप से लहराए जाने वाले तिरंगे का महत्त्व दोहे –

तिरंगे का महत्त्व दोहे

तिरंगे का महत्त्व दोहे

पूरे भारत देश में,
उड़े तिरंगा आज ।
तू ही मेरी शान है,
हमको तुम पर नाज ।।

तीन रंग के मेल से,
झंडा ये लहराय ।
केसरिया सफेद हरा,
बीच में चक्र सुहाय ।।

रंग केसरिया तुझ से,
मांगे है बलिदान ।
आपस में न तुम उलझो,
श्वेत रंग पहचान ।।

पर्यावरण साफ रखो,
हरे रंग की बात ।
कहता है चक्र बीच में,
सतत चलो दिन-रात ।।

छुट्टी का दिन न समझो,
निकलो घर से आज ।
जश्न मना सभी मिल के,
छोड़ सभी तुम काज ।।

ईद दीवाली से बड़ा,
है यह पर्व महान ।
शहीदों को न भूलना,
उनकी हो गुणगान ।।

देना न इसको झुकने,
इसकी शान न जाय ।
जो इस पर कुर्बान हो,
वो सपूत कहलाय ।।

पढ़िए :- तिरंगे पर कविता “लहर-लहर लहराए तिरंगा”

रचनाकार का परिचय

Vinay kumar

यह रचना हमें भेजी है आदरणीय विनय कुमार जी ने जो की अभी रेलवे में कनिष्ठ व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं।

रचनाएं व अवार्ड: इनकी रचनाएं देश के 50 से अधिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है। जिस के फलस्वरूप आप कई बार सम्मानित हो चुके हैं। गत वर्ष 2018 का रेलमंत्री राष्ट्रीय अवार्ड भी रेल मंत्री ने दिया था।

लेखन विद्या: गीत, ग़ज़ल, दोहा, कुण्डलिया छन्द, मुक्तक के अलावा गद्य में निबंध, रिपोर्ट, लघुकथा इत्यादि। तकनीकी विषय मे हिंदी में लेखन।

‘ तिरंगे का महत्त्व दोहे ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

धन्यवाद।

12 Comments

  1. आपके स्नेह सींचन के लिए मैं आपका आभारी हूँ। इसी प्रेरणा से मैं और भी अधिक प्रयास करता हूँ। आगे भी आपकी सेवा में उपस्थित रहूँगा और साहित्य साधना करता रहूँगा।

  2. बहुत खूब, सच मे दिल को छू जाने वाली कविता है जिसमें देशभकति और परयावरण का रस घुला हुआ है। ऐसे करमचारी कवि को सतत् नमन। जय हिन्दी जय हिन्दुस्तान.

  3. आज तक हमने जितने भी देश भक्ति से सबंधित कविताए पढ़े, उनमे सिर्फ देश भक्ति की भावन होते थे. लेकिन इस कविता में देश भक्ति के साथ पर्यावरण की रक्षा की भी प्रेरणा दी गयी है, और आपस में मिल जुलकर सबसे बड़े उत्सव के रूप मे मनाने की बाते कहा गया है…

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *