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मीठी वाणी पर 10 दोहे :- मधुर वाणी के महत्व पर दोहे | मधुर वचन पर दोहे

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

जीवन में एक व्यक्ति की पहचान उसकी बोली से ही हो जाती  है। उसकी वाणी ही उसके व्यवहार और उसकी शिक्षा के बारे में बता देती है। इसीलिए हमें सदैव ही मीठी वाणी का प्रयोग करना चाहिए। हमें बोलने से पहले सौ बार सोच लेना चाहिए। क्योंकि शारीरिक चोट तो कुछ दिनों में भर जाती है लेकिन बुरे शब्दों से लगी मानसिक चोट आजीवन वैसी ही बनी रहती है। इसलिए हमें अपनी भाषा में प्रेम भाव रखना चाहिए और साथ ही पूरा नियंत्रण भी रखना चाहिए। जो मृदु वाणी का उपयोग करना सीख लेता है वह सबसे सम्मान प्राप्त करता है। आइये इसी सन्दर्भ में हम पढ़ते हैं “ मीठी वाणी पर 10 दोहे ”

मीठी वाणी पर 10 दोहे

मीठी वाणी पर 10 दोहे

1.
मीठी वाणी बोलना, काम नहीं आसान ।
जिसको आती ये कला, होता वही सुजान ।।

2.
जीवन में यदि चाहिए, सबसे अपना मान ।
वाणी मीठी बोलना, सबको अपना जान ।।

3.
मुंह से निकली बात का, इस जग में है मोल ।
ज्ञानी जन कहते सदा, सोच समझ कर बोल ।।

4.
गाँठ बाँध लो आज तुम, संत जनों का ज्ञान ।
मीठी वाणी कर सके, हर मुश्किल आसान ।।

5.
कुटिल वचन सबसे बुरा, दुश्मन बने जहान ।
मीठी वाणी बोलकर, फैला दो मुस्कान ।।

6.
मीठी बोली बोलकर, सबका मन लो जीत ।
बोली से हो शत्रुता, बोली से हो प्रीत ।।

7.
मृदु वाणी जो बोलता, रखता सबसे मेल।
जीवन सुखमय बीतता, जैसे कोई खेल ।।

8.
मधुर शहद से बोल हों, उत्तम हो व्यवहार ।
वह प्राणी बिन युद्ध ही, जीते यह संसार ।।

9.
मंगलमय जीवन बने, पूर्ण सभी हों काज ।
ऐसी वाणी बोलिए, सुन्दर बने समाज ।।

10.
कहने से पहले सदा, करना सभी विचार ।
मुख से निकली बात पर, होता ना अधिकार ।।

मीठी वाणी पर दोहे का विडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :-

पढ़िए :- सत्य पर दोहे | सच और झूठ से संबंधित दोहे

“ मीठी वाणी पर 10 दोहे ” आपको कैसे लगे? अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स के जरिये जरूर पहुंचाएं।
धन्यवाद।

आपके लिए खास:

12 comments

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Jyoti अप्रैल 12, 2023 - 10:33 अपराह्न

Nice

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chandrakant जनवरी 22, 2023 - 11:59 अपराह्न

વ્યક્તિની સાચી ઓળખાણ એના વસ્ત્રોથી, આભૂષણો કે બાહ્ય સુંદરતા ઉપરથી નથી મળતી. વાણી એ આંતરિક સૌંદર્યનું દ્યોતક છે. વાણી અને વરસાદનું પાણી બન્ને સરખા છે. બન્ને યોગ્ય પ્રમાણમાં અને યોગ્ય સમયે હોવા જોઈએ. વધુ, ઓછો કે કમોસમી વરસાદ માત્ર નુકસાન જ કરે છે તેવી જ રીતે વ્યક્તિ પ્રમાણભાન ભૂલીને વાણી વિલાસ કરે છે, ત્યારે ઘણું નુકસાન થાય છે. બોલવું અતિ જરૂરી હોય ત્યાં મૌન રહેનારને તેના ગંભીર પરિણામો માત્ર તે વ્યક્તિને જ નહિ; પરંતુ તેના કુટુંબ, સમાજ અને દુનિયાને પણ ભોગવવા પડે છે. શિશુપાલ, દ્રૌપદી, ભીષ્મ પિતામહ, ધૃતરાષ્ટ્ર વગેરે તેના ઉત્તમ ઉદાહરણો છે

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Kaisiki अक्टूबर 10, 2022 - 10:20 पूर्वाह्न

It is very helpful

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Dev जून 16, 2022 - 3:32 अपराह्न

Nice👏👏

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Devanshi मई 30, 2022 - 3:54 अपराह्न

Good

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ria मई 26, 2022 - 9:10 अपराह्न

who has written these??

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Geeta Negi मई 17, 2022 - 10:36 पूर्वाह्न

Awesome

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mannat जून 30, 2021 - 12:55 अपराह्न

Good

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Anju gosain मई 22, 2020 - 11:01 पूर्वाह्न

Good ????

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 23, 2020 - 12:51 अपराह्न

Thank You Anju Ji….

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Bhupendra Singh फ़रवरी 12, 2024 - 6:07 पूर्वाह्न

Very good sir

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saurav s k दिसम्बर 28, 2019 - 12:08 अपराह्न

very good

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