Home » हिंदी कविता संग्रह » गीत गजल और दोहे » मीठी वाणी पर 10 दोहे :- मधुर वाणी के महत्व पर दोहे | मधुर वचन पर दोहे

मीठी वाणी पर 10 दोहे :- मधुर वाणी के महत्व पर दोहे | मधुर वचन पर दोहे

by Sandeep Kumar Singh

जीवन में एक व्यक्ति की पहचान उसकी बोली से ही हो जाती  है। उसकी वाणी ही उसके व्यवहार और उसकी शिक्षा के बारे में बता देती है। इसीलिए हमें सदैव ही मीठी वाणी का प्रयोग करना चाहिए। हमें बोलने से पहले सौ बार सोच लेना चाहिए। क्योंकि शारीरिक चोट तो कुछ दिनों में भर जाती है लेकिन बुरे शब्दों से लगी मानसिक चोट आजीवन वैसी ही बनी रहती है। इसलिए हमें अपनी भाषा में प्रेम भाव रखना चाहिए और साथ ही पूरा नियंत्रण भी रखना चाहिए। जो मृदु वाणी का उपयोग करना सीख लेता है वह सबसे सम्मान प्राप्त करता है। आइये इसी सन्दर्भ में हम पढ़ते हैं “ मीठी वाणी पर 10 दोहे ”

मीठी वाणी पर 10 दोहे

मीठी वाणी पर 10 दोहे

1.
मीठी वाणी बोलना, काम नहीं आसान ।
जिसको आती ये कला, होता वही सुजान ।।

2.
जीवन में यदि चाहिए, सबसे अपना मान ।
वाणी मीठी बोलना, सबको अपना जान ।।

3.
मुंह से निकली बात का, इस जग में है मोल ।
ज्ञानी जन कहते सदा, सोच समझ कर बोल ।।

4.
गाँठ बाँध लो आज तुम, संत जनों का ज्ञान ।
मीठी वाणी कर सके, हर मुश्किल आसान ।।

5.
कुटिल वचन सबसे बुरा, दुश्मन बने जहान ।
मीठी वाणी बोलकर, फैला दो मुस्कान ।।

6.
मीठी बोली बोलकर, सबका मन लो जीत ।
बोली से हो शत्रुता, बोली से हो प्रीत ।।

7.
मृदु वाणी जो बोलता, रखता सबसे मेल।
जीवन सुखमय बीतता, जैसे कोई खेल ।।

8.
मधुर शहद से बोल हों, उत्तम हो व्यवहार ।
वह प्राणी बिन युद्ध ही, जीते यह संसार ।।

9.
मंगलमय जीवन बने, पूर्ण सभी हों काज ।
ऐसी वाणी बोलिए, सुन्दर बने समाज ।।

10.
कहने से पहले सदा, करना सभी विचार ।
मुख से निकली बात पर, होता ना अधिकार ।।

मीठी वाणी पर दोहे का विडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :-

पढ़िए :- सत्य पर दोहे | सच और झूठ से संबंधित दोहे

“ मीठी वाणी पर 10 दोहे ” आपको कैसे लगे? अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स के जरिये जरूर पहुंचाएं।
धन्यवाद।

आपके लिए खास:

11 comments

Avatar
Jyoti April 12, 2023 - 10:33 PM

Nice

Reply
Avatar
chandrakant January 22, 2023 - 11:59 PM

વ્યક્તિની સાચી ઓળખાણ એના વસ્ત્રોથી, આભૂષણો કે બાહ્ય સુંદરતા ઉપરથી નથી મળતી. વાણી એ આંતરિક સૌંદર્યનું દ્યોતક છે. વાણી અને વરસાદનું પાણી બન્ને સરખા છે. બન્ને યોગ્ય પ્રમાણમાં અને યોગ્ય સમયે હોવા જોઈએ. વધુ, ઓછો કે કમોસમી વરસાદ માત્ર નુકસાન જ કરે છે તેવી જ રીતે વ્યક્તિ પ્રમાણભાન ભૂલીને વાણી વિલાસ કરે છે, ત્યારે ઘણું નુકસાન થાય છે. બોલવું અતિ જરૂરી હોય ત્યાં મૌન રહેનારને તેના ગંભીર પરિણામો માત્ર તે વ્યક્તિને જ નહિ; પરંતુ તેના કુટુંબ, સમાજ અને દુનિયાને પણ ભોગવવા પડે છે. શિશુપાલ, દ્રૌપદી, ભીષ્મ પિતામહ, ધૃતરાષ્ટ્ર વગેરે તેના ઉત્તમ ઉદાહરણો છે

Reply
Avatar
Kaisiki October 10, 2022 - 10:20 AM

It is very helpful

Reply
Avatar
Dev June 16, 2022 - 3:32 PM

Nice👏👏

Reply
Avatar
Devanshi May 30, 2022 - 3:54 PM

Good

Reply
Avatar
ria May 26, 2022 - 9:10 PM

who has written these??

Reply
Avatar
Geeta Negi May 17, 2022 - 10:36 AM

Awesome

Reply
Avatar
mannat June 30, 2021 - 12:55 PM

Good

Reply
Avatar
Anju gosain May 22, 2020 - 11:01 AM

Good ????

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh May 23, 2020 - 12:51 PM

Thank You Anju Ji….

Reply
Avatar
saurav s k December 28, 2019 - 12:08 PM

very good

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More