सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
दीपावली पर हिंदी कविता – आप पढ़ रहे हैं भगवन श्री राम जी के रावण के अंत और वनवास काटने के बाद अयोध्या वापसी के उपलक्ष्य में दीपों के उत्सव दीपावली पर हिंदी कविता :- मधुर क्षण है आने वाला दीवाली का :-
दीपावली पर हिंदी कविता
सब जन के सदन के आँगन में
मौसम होगा दीपों की उजियाली का।
तैयारियों में जुट जाओ शीघ्र तुम
मधुर क्षण है आने वाला दीवाली का।।
हृदय में पुनः उत्साह जन्मेगा
और नाचेंगे मन में मोर।
घूमने वाली चकरी और पटाखों का
होगा कोलाहल चारों ओर।।
हुआ अंत प्रतीक्षा का
दीवाली पर्व निकट आ गया।
दीपों के श्रृंगार की यामा का रूप
जन जीवन के उर को भा गया।
दीप विचित्र पंक्ति में सजाये
जैसे नीले अम्बर में विहंग रेखा।
वसुधा का अनचाल हो रहा जगमग
यह मोहक दृश्य है सबने देखा।
बच्चे क्रीड़ा करते संग सखाओं के
दीप को समझ खिलौना कोई।
बच्चों ने हराया अँधेरे को
यामा व्याकुल हो पुनः रोई।
बिन रवि करवट बदली तम ने
नन्हें दीपों से हारा बेचारा।
अनमोल सीख देते दीपक सारे
व्यथित तिमिर को एकता से मारा।।
महके जैसे प्रसून प्रभात में
इनसे जाना स्पर्श स्वर्ग का।
मुरझाई प्रकृति पुनः दमक उठी
अंग-अंग रोशन हुआ मार्ग का।।
मुस्कुराती हुयी आई ऐसी शाम है
नहीं स्मरण किसी को याम है।
दीप, तेल, बाती के योगदान से
अँधियारा हुआ नाकाम है।।
दीपों का विटप सा कोमल हृदय
धरा ने रूप रखा है थाली का
स्वागत में न कोई त्रुटी हो
मधुर क्षण है आने वाला दीवाली का।।
यह मधुमय क्षण पुनः कब आएगा
मौन संगीत इसका उर से सुनो।
सदैव के लिए जीवन में बसने वाली
सुखद स्मृतियों को अब तुम बुनो।।
प्रतीत स्वर्ग सी होती है
है वसुधा पर दीपों का तेरा।
मिलजुल करके जग चमका देना
दीप देते प्यारा सा यह संदेश।।
दीवाली पर्व है पावन सा
सदन और मन रोशन करने का।
प्रेम को जीवन में भरने का
बुराइयों को जीवन से हरने का।।
पढ़िए :- दिवाली पर शुभकामना संदेश शायरी
नमस्कार प्रिय मित्रों,
मेरा नाम सूरज कुमार है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।
क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।
‘ दीपावली पर हिंदी कविता ‘ के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।
हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
धन्यवाद।