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दीपावली पर कविता :- राम अवध को पधारे | Diwali Par Kavita

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

दीपों का त्यौहार दीपावली, भगवान् श्री राम के 14 वर्ष के वनवास के उपरांत अयोध्या वापिस आने की ख़ुशी में मनाया जाता है। इस दिन मात्र अयोध्या ही नहीं अपितु पूरा देश ही रौशनी कि माला से जगमगा जाता है। लेकिन कैसा रहा होगा वो समय जब भगवन श्री राम अयोध्या वापिस आये होंगे। उसी दृश्य का वर्णन कर रही है ये दीपावली पर कविता :-

दीपावली पर कविता

दीपावली पर कविता

रात अमावस की काली
पर नगर में फैली उजियारी
दशरथनंदन के आने की
हुई पूर्ण अब तैयारी,
चारों ओर उल्लास है फैला
लग रहे हैं जैकारे
रावण का कर के संहार
राम अवध को पधारे।

झूम रहे सब करते नर्तन
आज हुए हैं प्रभु के दर्शन
जैसे भी थे सब दौड़े आये
किसी ने देखा नहीं है दर्पण,
चौदह बरस हैं बीत गए
अपने प्रभु को निहारे
रावण का कर के संहार
राम अवध को पधारे।

बचपन निकला गुरुकुल में
यौवन में वनवास मिला,
ऐसी स्थिति में सब जन पहुंचे
जैसे मरते को श्वास मिला,
भक्ति भाव से अब हर कोई
जय श्री राम पुकारे
रावण का कर के संहार
राम अवध को पधारे।

एक ओर हैं लक्ष्मण भाई
दूजी ओर हैं सीता माता
अभी भी न जो देखने पाया
वो व्याकुल होता जाता,
आकर हैं उन्होंने थाम लिया
अब तक थे हम बेचारे
रावण का कर के संहार
राम अवध को पधारे।

देख-देख कर हर्षित होते
राम का यूँ सम्मान
राम नाम है जपते जाते
राम भक्त हनुमान,
उनकी शरण में जो भी रहता
उसका क्या कोई बिगाड़े
रावण का कर के संहार
राम अवध को पधारे।

धन्य हुयी है धरा अवध की
दीपों की सजी है माला
अंधकार है दूर हुआ
कुछ ऐसा हुआ उजाला,
इनकी ही कृपा से जग ये चलता
ये ही हैं सबके सहारे
रावण का कर के संहार
राम अवध को पधारे।

चारों ओर उल्लास है फैला
लग रहे हैं जैकारे
रावण का कर के संहार
राम अवध को पधारे।

पढ़िए भगवान राम को समर्पित यह बेहतरीन रचनाएँ :-

‘ दीपावली पर कविता ‘ आपको कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखें।

धन्यवाद।

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3 comments

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sukhmangal singh नवम्बर 3, 2019 - 6:51 पूर्वाह्न

Sandeep Kumar singh जी हार्दिक शुक्रिया

Reply
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Sukhmangal singh अक्टूबर 13, 2018 - 6:26 अपराह्न

रचना सुन्दर बधाई

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 16, 2018 - 10:24 पूर्वाह्न

धन्यवाद सुखमंगल जी।

Reply

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