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छोटे भाई पर कविता :- राम को जैसे मिले थे लक्ष्मण | भाई भाई के लिए कविता


इस कविता के भाव वही पाठक समझ सकते हैं जिनका कोई छोटा भाई है। छोटा होने की वजह से वो सबका लाडला तो होता ही है साथ ही शैतान भी बहुत होता है। घर मे सबसे ज्यादा प्यार उसी पर लुटाया जाता है। उसके घर में रहने से एक अलग ही रौनक रहती है और जब वह कहीं बाहर जाता है तो घर मने एक ख़ामोशी सी छा जाती हैै। बाकी क्या-क्या होता है छोटे भाई में आइए पढ़ते हैं छोटे भाई पर कविता में :-

छोटे भाई पर कविता

छोटे भाई पर कविता

राम को जैसे मिले थे लक्ष्मण
बलराम को कृष्ण कन्हाई,
ऐसे ही इस जनम में मुझको
मिला है मेरा प्यारा भाई,

घर में उस से ही रौनक रहती
हरकत करता है बचकानी,
उम्र बढ़ रही है फिर भी
अब तक करता है शैतानी,

न चिंता माथे पर रहती
न होठों पर खामोशी,
ऐसा कोई काम न करता
जिस से हो कभी नमोशी,

जितना वो लड़ता है मुझसे
उतना ही प्यार जताता है,
चेहरे पर देख कर उलझन वो
झट उसको दूर भगाता है,

उम्र भले छोटी है मुझसे
पर बातें करता सयानी है,
हर घटना को ऐसे बताता
जैसे कोई कहानी है,

कितना भी डराऊँ उसको मैं
वो कभी न मुझसे डरता है,
मेरी हर एक बात में वो
मेरे लिए हामी भरता है,

कैसे बयां करूँ मैं कैसी
किस्मत है मैंने पायी,
भगवान सरीखे माँ-बाप हैं मेरे
फरिश्ते जैसा भाई,

राम को जैसे मिले थे लक्ष्मण
बलराम को कृष्ण कन्हाई,
ऐसे ही इस जनम में मुझको
मिला है मेरा प्यारा भाई।

छोटे भाई पर कविता हिंदी कविता:-

Chhote Bhai Par Kavita | छोटे भाई पर कविता ( राम को जैसे मिले थे लक्ष्मण ) Poem On Brother In Hindi

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धन्यवाद।

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