भारत में कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाने वाले एक हिन्दू पर्व छठ को समर्पित छठ पूजा पर कविता :-
छठ पूजा पर कविता
खड़े है सब घाटों में,
हैं सूप लिए हाथों में,
लगा रहे जयकारे,
जय हो छठ मैय्या ।
सूप भरे ठेकुआ से,
सेब नारंगी केला से,
खड़े नारियल लेके,
जय हो छठ मैय्या ।
डाभ सिंघाड़ा व गन्ना,
सुथनी व पनियाला,
लुप्त नहीं होने देंगे,
जय हो छठ मैय्या ।
उगते और डूबते,
सूर्य को हम पूजते,
एक तुम्हीं रोज दिखे,
जय हो छठ मैय्या ।
मिला-जुला परिवार,
बुजुर्गों के संग प्यार,
तुम ही हो सिखलाती,
जय हो छठ मैय्या ।
जो परदेस गये हैं,
अपनों से बिछुड़े हैं,
तुम ही हो मिलवाती,
जय हो छठ मैय्या ।
सूप बनाने वालों को,
दीया बनाने वालों को,
पर्व जो सबको जोड़े,
जय हो छठ मैय्या ।
मनोकामना पूर्ण हो,
दूर सभी के विघ्न हो,
मंगल करने वाली,
जय हो छठ मैय्या ।
पढ़िए :- ईश्वर भक्ति पर कविता ‘प्रभु हमको दो ऐसा ज्ञान’
‘ छठ पूजा पर कविता ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ blogapratim@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
धन्यवाद।