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धरती पर छोटी कविता :- आज के युग में धरती माता की कहानी बताती कविता

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

धरती, जिसे हम माता कह कर बुलाते हैं। लेकिन कभी सोचा है की क्या हम इसे माँ का सम्मान भी देते हैं? आज का इन्सान इतना मतलबी हो गया है कि पर्यावरण को दूषित कर धरती की हालत ख़राब कर रहा है। पर शायद वो यह भूल जाता है कि उसके इस कारनामे से धरती के साथ उसकी भी बर्बादी लिखी जा रही है। आज जरूरत है तो हमें जागने की और अपनी धरती को बचने की। लोगों को जागरूक करने के इसी प्रयास में हम लेकर आये हैं धरती पर छोटी कविता :-

धरती पर छोटी कविता

धरती पर छोटी कविता

दुनिया में एक ही जगह
जहाँ जन्मा है इन्सान,
ये धरती माता है अपनी
और हम इसकी संतान।

खाने को धरा ने अन्न दिया
जल दिया है हमको पीने को
फल-फूल और हैं जीव दिए
हैं श्वास दिए हमें जीने को,
अपना सबको मान कर
रहने को दिया स्थान
ये धरती माता है अपनी
और हम इसकी संतान।

मानव का है इतिहास यहाँ
पढ़ता अब तक सारा जहां
यहाँ वीरों की हैं गाथाएं
जन्में हैं यहाँ पर लोग महान,
सबका एक ही लक्ष्य था बस ये
मातृभूमि को मिले सम्मान
ये धरती माता है अपनी
और हम इसकी संतान।

जैसे जैसे युग है बदला
बदल गए सब लोग
बेईमानी बस गयी रगों में
मतलब का लग गया है रोग,
भूल गए इंसानियत सारी
सब बन गए हैं हैवान
ये धरती माता है अपनी
और हम इसकी संतान।

घोल रहें है जहर ये जल में
कूड़ा-करकट भर रहे हैं थल में
हवा हो रही है जहरीली
बिक रही है चीजें खूब नशीली,
स्वर्ग बनाना था जिसको
उसे बना रहे हैं श्मशान
ये धरती माता है अपनी
और हम इसकी संतान।

अब सबको ये समझाना होगा
इस धरा को हमको बचाना होगा
अस्तित्व बचाने को सन्देश ये
जन-जन तक पहुँचाना होगा,
होगा तभी यह संभव
जब सबको होगा इसका ज्ञान
ये धरती माता है अपनी
और हम इसकी संतान।

दुनिया में एक ही जगह
जहाँ जन्मा है इन्सान,
ये धरती माता है अपनी
और हम इसकी संतान।

पढ़िए कहानी :- पर्यावरण का महत्त्व

धरती पर छोटी कविता आपको कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखें।

पढ़िए हमारी प्यारी धरती से संबंधित ये बेहतरीन रचनाएं :-

धन्यवाद।

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5 comments

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a..Hasini नवम्बर 11, 2022 - 7:40 पूर्वाह्न

Ya do superb infact it helps a new poem thank you bhaut bhaut dhanyavad hai all the best ki aap aisi nahi kabita lik kar apke carrer best position pane ki liye

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Dahlia नवम्बर 14, 2018 - 7:33 अपराह्न

बहुत अच्छी लगी !! I hv not read such a wonderful poem ever!! It should get a big fat thumbs up
????????????????????????????????????????????????????????????????????

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RAGHURAJ KHARE अप्रैल 19, 2018 - 12:50 अपराह्न

many many Beautiful poetry & environment information thak you

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Bhola Bhagat अप्रैल 15, 2018 - 6:26 अपराह्न

पृथ्वी दिवस के अवसर पर जन जागरण निमित इतनी अच्छी प्रेरणादायी कविता के लिए विज्ञान सेवा समिति,मुंगेर की ओर से अप्रतिम ब्लॉग के टीम के साथ श्री संदीप कुमार सिंह को हार्दिक धन्यवाद!
विज्ञान सेवा समिति,मुंगेर ने आपके सौजन्य से लेखक के नाम के साथ इस कविता की प्रतियों को बच्चों के बीच वितिरित करने का निर्णय लिया है ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढाने में मदद मिले।
आपके सूचनार्थ।
15-4-18 भोला भगत,
विज्ञान सेवा समिति,मुंगेर

Reply
ApratimGroup
ApratimGroup अप्रैल 15, 2018 - 7:27 अपराह्न

बहुत-बहुत धन्यवाद भोला भगत जी। अगर संभव हो तो लेखक के नाम से साथ इस ब्लॉग का नाम या पता भी जोड़ दीजिये। जिससे हम इसी तरह के और भी बहुत सारे प्रेरणादायक कविता और लेख अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचा सके।

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