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हिंदी कविता आजादी पर :- आजादी का गान | Azadi Poem In Hindi

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हिंदी कविता आजादी पर

हिंदी कविता आजादी पर

तोड़ गुलामी की जंजीरें
हुआ देश आजाद,
आपस के मतभेद भुला अब
रहें सभी आबाद।

अमर शहीदों के सपनों का
हमें बनाना देश,
श्रम की गन्ध लुटा महकाएँ
हम अपना परिवेश।

अपना – अपना काम करें हम
इसको पूजा मान,
नव विकास में आज लगा दें
हम अपनी जी-जान।

वृद्धों का सम्मान करें हम
बच्चों को दें प्यार,
गौरवमय जीवन जीने का
हो सबको अधिकार।

अन्यायों का नाम नहीं हो
ना हों अत्याचार,
जाति – धर्म के भेदभाव का
तनिक न हो व्यवहार।

देश – प्रेम के भरे हुए हों
सबके मन में भाव,
मिले विभाजन के जो हमको
भर जाएँ सब घाव।

भारत देश चमन है अपना
हम सब इसके फूल,
खिलें सभी के मन खुशियों से
बीती बातें भूल।

रहे तिरंगे की दुनिया में
बनी निराली शान,
आओ मिलकर हम सब गाएँ
आजादी का गान।

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आजादी का गान कविता आपको कैसी लगी ? अपमने विचार कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें।

धन्यवाद।

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