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स्वच्छ भारत अभियान पर कविता :- भारत को स्वच्छ बनाना है


स्वच्छ भारत अभियान के बारे में कौन नहीं जानता। 2 अक्टूबर 2014 को यह अभियान महात्मा गाँधी के जन्म दिवस पर आरंभ किया गया था। इसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ और सुन्दर बनाना है। इस अभियान के तहत सब लोगों तक यह्ज सन्देश पहुँचाया जाता है कि अपने आस-पास सफाई रखें और इस तरह देश को सुन्दर और गंदगी मुक्त बनाने में सहयोग दें। इसी दिशा में खुले में सौच मुक्त भारत बनाने का सपना भी है। इन्हीं उद्देश्यों को प्रोत्साहित करने के लिए हम आपके लिए लाये हैं :- स्वच्छ भारत अभियान पर कविता ।

स्वच्छ भारत अभियान पर कविता

स्वच्छ भारत अभियान पर कविता

उठा लो झाड़ू, उठा लो पोंचा
पहुँचो जहाँ कोई भी न पहुंचा
कोई जगह न रहने पाए
हर जगह को हम चमकाएं,
सपना यही है बस अपना
स्वच्छता को अपनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है।

सफाई का जो रखें ध्यान
बिमारियों से बचती जान
ख्वाब से न कोई आगे बढ़ता
बस कर्मों से बनता महान,
इधर उधर न फैंक के कूड़ा
कूड़ेदान में हमें पहुँचाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है।

न फैंके नदियों में कूड़ा
न प्लास्टिक का उपयोग करें
कुदरत को नुक्सान न हो
ऐसी चीजों का उपभोग करें,
वातावरण को भी तो हमको
प्रदुषण मुक्त बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है।

आस-पास जो स्वच्छता होगी
मन भी तब ही पावन होगा
खुशियों की बारिश से हरदम
भरा हुआ हर आँगन होगा,
यही सन्देश तो जन-जन तक
अब हमको पहुँचाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है।

जिम्मेदार है हमको बनना
और औरों को बनाना है
देश के गर्व को अब हमको
हर कोशिश से आगे बढ़ाना है,
सबसे सुन्दर देश है मेरा
पूरे विश्व को ये दिखाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है।

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धन्यवाद।

21 Comments

  1. स्वच्छ भारत अभियान के बारे में कौन नहीं जानता। 2 अक्टूबर 2004 को यह अभियान महात्मा गाँधी के जन्म दिवस पर आरंभ किया गया था। इसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ और सुन्दर बनाना है। isme aapko btana chahta hoo ki ye abhiyan 2004 ko nhi balki 2oct.2014 ko prarnbh kiya gaya shayad bhool vas 2004 likha gaya h ise apdet jarur kijiyega.

  2. संदीप कुमार जी, पहले तो आपको ढेर सारी शुभकामनाएं कि भगवान ने आपको अदभुत लेखन कला का उपहार दिया हैं, और यही आशा हे की आप इसी तरह सुंदर एवम पसंशनीय कविताएँ लिखते रहें

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