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राधा कृष्ण होली कविता :- कृष्ण न आये बरसाने राधा जी राह निहारें


जब होली आती है तो मन में रंगों के प्रति प्यार कुछ बढ़ सा जाता है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ-साथ राधा कृष्णा के प्रेम का भी प्रतीक है। एक ऐसा प्रेम जो पवित्रता की सबसे बड़ी उदाहरण है। उन्हीं राधा कृष्णा के जीवन से हमने एक दृश्य प्रस्तुत करने की चेष्टा की है। जिसमे होली के दिन राधा जी बरसाने में कृष्णा के आने की प्रतीक्षा कर रही हैं। तो आइये पढ़ते हैं ( Radha Krishna Holi Kavita In Hindi ) राधा कृष्ण होली कविता में उस दृश्य को:-

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रंगों की बरात लेकर देखो होली आयी है
राधा जी से मिलने को आने वाले कृष्णा कन्हाई हैं,
चारों ओर रंग बरस रहा हुए रंग बिरंगे सारे
कृष्ण न आये बरसाने राधा जी राह निहारें।

श्याम मनोहर मुरली बजाते बैठे हैं तैयारी में
गोपियों को रंगने की खातिर रंग भर के पिचकारी में,
कान्हा के दर्शन को देखो लग गयी हैं लम्बी कतारें
कृष्ण न आये बरसाने राधा जी राह निहारें।

याद हैं करती बीते समय को जो कान्हा संग बिताये थे
कितनी बार ही छिप-छिप कर वो इनसे मिलने आये थे,
प्रेम के सागर में जो डूबे पार उसको कौन उतारे
कृष्ण न आये बरसाने राधा जी राह निहारें।

सखियों संग बैठी राधा जी रख के अबीर गुलाल
खूब मैं रंग लगाउंगी जब आयेंगे नन्दलाल,
बस जल्दी से आ जाये कि अब पल नहीं जाते गुजारे
कृष्ण न आये बरसाने राधा जी राह निहारें।

सारा जग जिनका दीवाना वो राधा के दीवाने हैं
जप लो राधे कृष्णा गर जो अपने भाग्य जगाने हैं,
जो रंग जाता प्रभु के रंग में क्या कोई उसका बिगाड़े
कृष्ण न आये बरसाने राधा जी राह निहारें।

यदि आपको लगता है की इस गीत ‘ राधा कृष्ण होली कविता ‘ में कोई त्रुटी है तो बताने की कृपा जरूर करें। साथ ही यह गीत आपको कैसा लगा इस बारे में भी आप अपने विचार भी कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

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धन्यवाद।

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