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Poem On Leaf In Hindi – ‘ पत्ते पर कविता ‘ में वृक्षों के पत्तों की जीवन्तता और परोपकार के भाव को दर्शाया गया है। पेड़ों के पत्ते, सर्दी गर्मी और बरसात के कष्टों को सहकर भी प्रसन्न रहते हैं। ये अपना दुःख किसी के आगे प्रकट नहीं करते और मस्ती में झूमते रहते हैं। इन्हें पतझर के मौसम में झर जाने का भी डर नहीं लगता, वरन ये तो वसन्त ऋतु में नई कोपलों के रूप में अपने नवजीवन की प्रतीक्षा करते हैं। पेड़ों के पत्ते दुनियाभर की दूषित वायु का अवशोषण कर हमें स्वच्छ प्राणवायु प्रदान करते हैं। पत्तों की यह परहित की भावना, हमें औरों की भलाई करने की जीवन-दृष्टि प्रदान करती है।
Poem On Leaf In Hindi
पत्ते पर कविता
थिरक रहे हैं आज शाख पर
कल तक तो गिर जाने पत्ते,
अपनी धुन में झूम रहे हैं
हर दुःख से अनजाने पत्ते।
नहीं सताती इनको चिंता
पतझर भी आने वाला है,
वासन्ती ऋतु के ही हरपल
गाते रहते गाने पत्ते ।
आतप में रहते हैं शीतल
सर्दी को भी हँसकर सहते,
वर्षा में तो बच्चे बनकर
लगते खूब नहाने पत्ते।
वायु प्रदूषित पीकर जग की
धूल धुएँ को झेल रहे हैं,
मैंने पूछा कैसे हो तो
लगे सभी मुस्काने पत्ते।
विष पीते हैं शंकर जैसे
सदा सुधा देते औरों को,
जीवन जीना सिखा रहे हैं
हमको इसी बहाने पत्ते।
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