सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
पर्यावरण की दृष्टि से पीपल का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। पीपल का पेड़ रात दिन ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है, अतः वायु प्रदूषण के नियंत्रण में पीपल की विशेष भूमिका है। हमारे धर्मों में पीपल को पूजनीय वृक्ष माना गया है। बुद्ध ने इसी वृक्ष के नीचे तपस्या कर ज्ञान प्राप्त किया था। पर्यावरण को शुध्द बनाये रखने के लिए अधिक से अधिक पीपल के पेड़ लगाए जाने चाहिए। आइये पीपल के पेड़ के प्रति लोगों को जागरूक करने के एक छोटे से प्रयास को पढ़ते हैं “ पीपल का पेड़ कविता में ”
पीपल का पेड़ कविता
पीपल का तरुवर है हमको
कुदरत का अनुपम वरदान,
प्राणवायु जो रात दिवस ही
करता रहता हमें प्रदान।
हवा विषैली पीकर जग में
जीवन को रखता गतिमान,
सब आघातें सह मौसम की
यह गाता खुशियों के गान।
पवन चले तो इसके पत्ते
बहुत देर तक रहते डोल,
सरसरसर के मधुर सुरों से
कानों में देते रस घोल।
पीपल के पेड़ों पर हमने
कभी न देखे खिलते फूल,
ढेरों छोटे गोल फलों से
पर रहती शाखाएँ झूल।
छाल दूध पत्ते सब ही तो
पीपल के आते हैं काम,
पावन वृक्षों की गणना में
सर्व प्रथम है इसका नाम।
हिन्दू जैन बौद्ध धर्मों में
पीपल का है बड़ा महत्व,
इसके नीचे ही गौतम ने
सच्चाई का जाना तत्व।
गीता में श्री कृष्ण कह रहे
मैं वृक्षों में पीपल पेड़,
अतः उगाएँ हम पीपल को
और काटकर करें न छेड़।
पढ़िए :- पेड़-पौधों पर कविता “पेड़ पौधे हमारी शान”
‘ पीपल का पेड़ कविता ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ [email protected] पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
धन्यवाद।