Home » हिंदी कविता संग्रह » प्राकृतिक कविताएँ » बसंत पंचमी पर कविता | Poem On Basant Panchami In Hindi

बसंत पंचमी पर कविता | Poem On Basant Panchami In Hindi

by Sandeep Kumar Singh
5 minutes read

बसंत पंचमी पर कविता ( Poem On Basant Panchami In Hindi ) – बसंत एक ऐसी ऋतु जो सबके मन को मोह लेती है। बसंत की ऋतु के आरंभ होने वाले दिन को बसंत पंचमी भी कहा जाता है। इस समय नीला आसमान होता है। पीली सरसों की भीनी-भीनी खुशबू होती है। बाग़ की शांति को चीरती हुयी चिड़ियों की चहकने की मधुर आवाजें। हृदय की अभिलाषा यही होती है की ये दृश्य सदैव यूँ ही बना रहे। एक ऐसा मौसम है ये जो सबको तरोताजा होने का एहसास करवा देता है। तो आइये पढ़ते हैं बसंत पंचमी पर कविता :-

बसंत पंचमी पर कविता
Poem On Basant Panchami In Hindi

बसंत पंचमी पर कविता

बहार है लेकर बसंत आयी

ख़त्म हुयी सब बात पुरानी
होगी शुरू अब नयी कहानी
बहार है लेकर बसंत आई
चढ़ी ऋतुओं को नयी जवानी,

गौरैया है चहक रही
कलियाँ देखो खिलने लगी हैं,
मीठी-मीठी धूप जो निकले
बदन को प्यारी लगने लगी है,

तारे चमकें अब रातों को
कोहरे ने ले ली है विदाई
पीली-पीली सरसों से भी
खुशबु भीनी-भीनी आई

रंग बिरंगे फूल खिले हैं
कितने प्यारे बागों में
आनंद बहुत ही मिलता है
इस मौसम के रागों में

आम नहीं ये ऋतु है कोई
ये तो है ऋतुओं की रानी
एक वर्ष की सब ऋतुओं में
होती है ये बहुत सुहानी

ख़त्म हुयी सब बात पुरानी
होगी शुरू अब नयी कहानी
बहार है लेकर बसंत आई
चढ़ी ऋतुओं को नयी जवानी,

पढ़िए: बसंत ऋतू गीत कविता


आरंभ बसंत हुआ

शीत ऋतु का देखो ये
कैसा सुनहरा अंत हुआ
हरियाली का मौसम है आया
अब तो आरंभ बसंत हुआ,

आसमान में खेल चल रहा
देखो कितने रंगों का
कितना मनोरम दृश्य बना है
उड़ती हुयी पतंगों का,

महके पीली सरसों खेतों में
आमों पर बौर हैं आये
दूर कहीं बागों में कोयल
कूह-कूह कर गाये,

चमक रहा सूरज है नभ में
मधुर पवन भी बहती है
हर अंत नयी शुरुआत है
हमसे ऋतु बसंत ये कहती है,

नयी-नयी आशाओं ने है
आकर हमारे मन को छुआ
उड़ गए सारे संशय मन के
उड़ा है जैसे धुंध का धुंआ,

शीत ऋतु का देखो ये
कैसा सुनहरा अंत हुआ
हरियाली का मौसम आया
अब तो आरम्भ बसंत हुआ।

बसंत पंचमी पर कविता के बार में अपनी अनमोल राय हमें अवश्य दीजिये।

पढ़िए बसंत पंचमी को  समर्पित यह बेहतरीन रचनाएं :-

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें :-

apratimkavya logo

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

2 comments

Avatar
ANONYMOUS फ़रवरी 5, 2019 - 8:47 अपराह्न

VERY NICE BUT THERE ARE SOME GRAMMATICAL MISTAKES

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh फ़रवरी 7, 2019 - 7:58 अपराह्न

It would be better if you point out one of them…

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.