Home » हिंदी कविता संग्रह » नवरात्रि पर भक्ति गीत कविता :- हे जग जननी अंबे शरण मैं तेरे आई हूँ

नवरात्रि पर भक्ति गीत कविता :- हे जग जननी अंबे शरण मैं तेरे आई हूँ

by ApratimGroup
3 minutes read

जब माँ की कृपा होती है तो जीवन के सारे दुःख मिट जाते हैं। हर असंभव लगने वाला काम संभव हो जाता है। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किसी चीज की आवश्यकता है तो वह है भक्ति भाव की। भक्ति भावना से ही माँ की कृपा को अर्जित किया जा सकता है। आइये पढ़ते हैं ऐसी ही श्रद्धा भावना से लिखी गयी नवरात्रि पर भक्ति गीत कविता :-

नवरात्रि पर भक्ति गीत कविता

नवरात्रि पर भक्ति गीत कविता

हे जग जननी अंबे शरण मैं तेरे आई हूँ ।
कुछ पास नही मैंया अँसुवन भेंट में लाई हूँ ।

द्वार तेरे आकर माँ डालूंगी डेरा
तू एक नजर देखे हो जीवन सफल मेरा ।
खाली है मेरी झोली दिखाने तुझे मैं आई हूँ ।।
कुछ पास नही मैंया अँसुवन भेंट में लाई हूँ ।।

ममता मयी माता बस प्यार मुझे दे दो ।
माँ बिन रोती हूँ मैं दुलार मुझे दे दो
हूँ चरणन शरणाई मैं जग की सताई हूँ ।।
कुछ पास नही मैंया अँसुवन भेंट में लाई हूँ ।।

माँ बेटी का नाता माँ आज निभा लेना ।
कुछ और न माँगूं माँ चरणों में जगह देना ।
तेरी दया की अमृत में माँ नहाने आई हूँ ।
कुछ पास नही मैंया अँसुवन भेंट में लाई हूँ ।।

रोये मेरे प्राण हे माँ मुझको ना ठुकराना ।
मूरख हूँ अज्ञानी फिर भी मुझे अपनाना।
दुखियारी बेटी हूँ याद दिलाने आई हूँ ।
कुछ पास नही मैंया अँसुवन भेंट में लाई हूँ ।।

पढ़िए :- नवरात्रि पर दुर्गा भक्ति कविताएँ


kevra yadu meeraयह कविता हमें भेजी है श्रीमती केवरा यदु ” मीरा ” जी ने। जो राजिम (छतीसगढ़) जिला गरियाबंद की रहने वाली हैं। उनकी कुछ प्रकाशित पुस्तकें इस तरह हैं :-
1- 1997 राजीवलोचन भजनांजली
2- 2015 में सुन ले जिया के मोर बात ।
3-2016 देवी गीत भाग 1
4- 2016 देवीगीत भाग 2
5 – 2016 शक्ति चालीसा
6-2016 होली गीत
7-2017  साझा संकलन आपकी ही परछाई।2017
8- 2018 साझा संकलन ( नई उड़ान )

इसके अतिरिक्त इनकी अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें इनकी रचनाओं के लिए लगभग 50 बार सम्मानित किया जा चुका है। इन्हें वूमन आवाज का सम्मान भी भोपाल से मिल चुका है।
लेखन विधा – गीत, गजल, भजन, सायली- दोहा, छंद, हाइकु पिरामिड-विधा।
उल्लेखनीय- समाज सेवा बेटियों को प्रशिक्षित करना बचाव हेतु । महिलाओं को न्याय दिलाने हेतु मदद गरीबों की सेवा।

‘ नवरात्रि पर भक्ति गीत कविता ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.