Home » हिंदी कविता संग्रह » नवरात्रि पर दुर्गा भक्ति कविताएँ :- दरबार सजा दिया और अष्टभुजाओं वाली माता

नवरात्रि पर दुर्गा भक्ति कविताएँ :- दरबार सजा दिया और अष्टभुजाओं वाली माता

by ApratimGroup

नवरात्रि के आरंभ होते ही हर जगह मान के दरबार सज जाते हैं और माँ कि पूजा अर्चना शुरू हो हो जाती है। ऐसे में भक्तों की कतारें माँ के दरबार में लग जाती हैं और क्या भावना होती है उनके दिल में, बता रहे हैं हरीश चमोली जी इन कविताओं के जरिये। आइये पढ़ते हैं नवरात्रि पर दुर्गा भक्ति कविताएँ :-

नवरात्रि पर दुर्गा भक्ति कविताएँ

नवरात्रि पर दुर्गा भक्ति कविताएँ

दरबार सजा दिया

दरबार सजा दिया, तेरी थाल भी सजा दी है
करके श्रृंगार तेरा, तुझे लाल चुनरी भी ओढ़ा दी है

पुष्प रख दिए हैं, फलाहार रखा दिया है
धूप दीप जला हमने,तेरा दरबार महका दिया है

शुभ दिन है आया आज, शुभ वार आ गया है
हम करेंगे तेरी सेवा, नवरात्र आ गया है

सब तैयार हो गया, दरबार सज गया है
तेरी राह ताकता, तेरा ये भक्त थक गया है,

शेर पर सवार तुम, मुख पर अमिट तेज है
बिछाकर सुंदर फूल, लगाई  तेरी सेज है,

सर पर सजा मुकुट तुम्हारा, माँग सजी सिंदूर है
आने से तेरे घर से हमारे, हुए सब दुःख दूर हैं,

गले सजी गुलबन्द तुम्हारे, हाथ रखा त्रिशूल है
कर दो सुंदर काया को मेरी, मिटा दो जितने शूल हैं,

दरबार सजा दिया, तेरी थाल भी सजा दी है
करके श्रृंगार तेरा, तुझे लाल चुनरी भी ओढ़ा दी है।

पढ़िए :- माँ दुर्गा पर गीत ‘तेरा दर लागे मुझे प्यारा’


अष्टभुजाओं वाली माता

अष्टभुजाओं वाली माता, सम्पूर्ण जगत हो देख रही
स्वागत में तेरी माता, भजनों की रंगत है बढ़ी,

प्रथम रूप शैलपुत्री तुम्हारा, द्वितीय ब्रह्म चारिणी
मिटाओ अंधकार जग का, तुम ही जगत उद्धारिणी,

तृतीय रूप चंद्रघंटा तुम्हारा, चतुर्थ रूप कूष्मांडा देवी
पाप मिटाया तुमने धरा से, स्थापित कि धर्म की वेदी,

पंचम रूप सुहावे स्कन्दमाता,षष्ठम तुम कात्यायनी
दूर करो अंधकार अज्ञान का, हे माँ ज्ञानदायनी,

सप्तम रूप कालरात्रि माता, अष्टमी बने महागौरी
नवरात्रों में नौं दिन घर में, हम उगाते हरियाली जौ की,

नौ देवियों में प्रसिद्द है माता,नवरूप तुमारा सिद्धिदात्री
दुष्टों का संहार किया, अस्त्र उठाये होकर इक स्त्री,

अष्टभुजाओं वाली माता, सम्पूर्ण जगत हो देख रही
स्वागत में तेरी माता, भजनों की रंगत है बढ़ी।

पढ़िए :- माँ दुर्गा पर भजन गीत ‘तू दर्शन दे दे मुझको’


harish chamoliमेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

‘ नवरात्रि पर दुर्गा भक्ति कविताएँ ‘ के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More