सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
भगवान शिव के दोहे समर्पित हैं सभी शिव भक्तों को जो भगवान शंकर की शिव , भोले , महादेव , नीलकंठ , नागेश्वर , शूलपाणी आदि नामों से पूजा करते हैं। भगवान शिव जो सबकी मनोकाना पूरी करते हैं। बहुत ही भोले माने जाते हैं। परन्तु जब वो क्रोधित हो अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं तो सब दुष्टों का संहार कर देते हैं। आइये पढ़ते हैं उनकी महिमा का वर्णन इस दोहावली “भगवान शिव के दोहे “ में :-
भगवान शिव के दोहे

1.
ध्यानमग्न रहते सदा, पर्वत पर है वास ।
सबकी भोलेनाथ जी, करते पूरी आस ।।
2.
जपता रहता नाम जो, पास न आता काल।
स्वयं रक्षा उसकी करें, भूतपति महाकाल ।।
3.
त्रिनेत्रधारी साथ हैं, थामें सबका हाथ ।
जिसको आशीर्वाद दें, होता नहीं अनाथ ।।
4.
नीलकंठ के शीश पर, बहे निरंतर गंग ।
ऐसे प्रभु को देखकर ,मन में उठे उमंग ।।
5.
माला सर्पों की गले, वस्त्र पहनते खाल ।
कर थामे त्रिशूल रहें, हमारे महाकाल ।।
6.
जपकर नाम सुधार ले, जन्म-जन्म के पाप ।
शिव भोले तेरे सभी, करें दूर संताप ।।
7.
संग बैठती पार्वती, शिव देते उपदेश ।
ध्यानमग्न सब सुन रहे , कार्तिक और गणेश ।।
8.
चाँद मुकुट मस्तक रहे, ग्रीवा भुजंग हार ।
नीलकंठ भगवान की, महिमा अपरम्पार।।
9.
तुषारमंडित वास है, देह भभूत लगाय ।
ऐसे भोले नाथ ने, गौरा लीन्ह रिझाय ।।
10.
शंकर भोले नाथ है, जग के पालनहार ।
अपने भक्तों का सदा, करते हैं उद्धार ।।
11.
तुषारमंडित वास है, बैठे ध्यान लगाय ।
भज ले भोला नाम जो, जीवन सफल बने ।।
देखिये इस दोहावली की विडियो :-
” भगवान शिव के दोहे ” आपको कैसे लगे? अपने विचार अपने पसंदीदा दोहे के साथ कमेंट बॉक्स के जरिये हम तक जरूर पहुंचाएं।
पढ़िए भगवान शिव को समर्पित ये भक्तिमय रचनाएं :-
- भगवान शिव पर कविता | महादेव शिव शंकर भोलेनाथ की महिमा बताती कविता
- महाशिवरात्रि को समर्पित ” भगवान शिव शंकर की शायरी”
धन्यवाद।
very very nice good……
Very good