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कुछ लोग हाथों की लकीरों पर बहुत भरोसा करते हैं। ऐसे लोगों को अक्सर उन लोगों की उदहारण दी जाती है। हाँ ये सही है। हमारे हाथों की लकीरें हमारे ही कर्मों से बनती बिगडती हैं। ऊपर वाला भी हमें हमारे कर्मों के अनुसार ही फल देता है। तो कुल मिला कर ये हुआ ऊपर वाला हमें वही देता है जिस चीज के लिए हम काम करते हैं। इसलिए बीती बातों को भूल कर और उनसे शिक्षा लेकर हमें आगे अपने कर्म सुधारने चाहिए। जिससे हम अपने जीवन को सार्थक बना सके। इसी सन्दर्भ में हमने ऐसी ही बातों के लिए प्रेरणा देती कविता लिखी है। तो आइये पढ़ते हैं मेहनत पर प्रेरणादायक कविता :-
मेहनत पर प्रेरणादायक कविता
हाथों की ये लकीरें
तू बदल दे धीरे-धीरे,
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
बहुत हो गया अब तो
कोई राह बनानी होगी
इस जग को तुझे भी अपनी
आवाज सुनानी होगी,
बस तोड़ दे अब तू सारी
मजबूरी की जंजीरें
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
जो तंज कसे ये दुनिया
तो बहरे तुम बन जाओ
बस लक्ष्य के ही तुम अपने
अब गीत सुरीले गाओ,
बदल दो अमृत में तुम
लोगों के बोल जहरीले
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
कहीं बरसते बादल होंगे
कहीं धुप कड़कती होगी
पर फिर भी तेरे सीने में
उम्मीद धड़कती होगी,
फूलों से लगने लगेंगे
फिर पथ भी ये पथरीले
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
थोड़ी से थकावट होगी
थोड़ी होगी परेशानी
तब ही तो जाकर बनेगी
तेरी भी एक कहानी,
मत छोड़ हौसला तू रे
बदलेंगी ये तस्वीरें
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
हाथों की ये लकीरें
तू बदल दे धीरे-धीरे,
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
मेहनत पर प्रेरणादायक कविता आपको कैसी लगी ? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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- मेहनत पर शायरी | उद्यम और श्रम का महत्व बताता शायरी संग्रह
धन्यवाद।
7 comments
Thanks for the you
Great poem
सर मैं भी आपकी कविताएं YouTube पर डालना चाहता हूं
आपकी अनमति हो तो
आपकी अति कृपया होगी
Please contact us in our mail ID [email protected] or whatsapp on 9115672434
Your poem is so impressionable.
I am a student .and i like poems
Poem writing is my passi9n.
Thanks a lit for this poem
I love you
Thanks to you also Sajiya ji ….
I impressed very much with your site. Some poems are very beautiful and very happy to read them. I am a poet. I write in Kannada. I am fan of Hindi language and its beautiness of words. It is a rich language like Kannada. Thanks.
Thank you very much Mallikarjun Javalgi. Be with us like that because your appreciation gives us courage to write more and more….Thanks again…..