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जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है योजना बनाना। जीवन में आधा लक्ष्य तो योजना बनाने पर ही प्राप्त हो जाता है। बाकी का आधा लक्ष्य उस योजना अनुसार काम करने के बाद प्राप्त हो जाता है। जो काम ताकत और पैसों से नहीं किये जा सकते वह काम योजना से बहुत अच्छे ढंग से किये जा सकते हैं। योजना से जुड़ी ऐसी ही “ योजना पर कहानी ” हम आपके लिए लाये शिक्षाओं से भरी किताब ” पंचतंत्र की कहानियां ” से :-
योजना पर कहानी
एक विशाल बरगद के पेड़ के ऊपर एक कौवा और उसकी पत्नी रहते थे। उसी पेड़ के नीचे एक काला साँप रहता था। कौवों के यहाँ जब भी कोई बच्चा अंडे से जन्म लेता तो वह काला साँप उनके बच्चे को आकर खा जाता। कई बार ऐसा होने पर वे बहुत परेशान हुए।
एक दिन वे दूसरे पेड़ के पास रहने वाले अपने एक दोस्त सियार के पास सहायता मांगने पहुंचे।
“प्रिय मित्र, हम जिस पेड़ पर रहते हैं उसी पेड़ के नीचे एक काला सांप रहता है। जो हमारे बच्चों को खा जाता है। ऐसे में हम क्या करें? इस समस्या का कोई हल बताओ मित्र।”
कौवे ने अपनी समस्या बताते हुए सियार से कहा।
सियार ने उनकी समस्या सुनते हुए कहा,
“इस विषय के बारे में ज्यादा मत सोचो और न ही उदास हो। उस लालची साँप बिना उचित योजना के नहीं मारा जा सकता। बुरे समय में कभी भी धैर्य नहीं खोना चाहिए। एक योजना बनाकर हम किसी भी शत्रु को भी सरलता से पराजित कर सकते हैं लेकिन अस्त्र-शस्त्र से नहीं। एक दुर्बल व्यक्ति भी योजना बनाकर बहादुर व्यक्ति पर विजय प्राप्त कर सकता है।”
कौवे ने कहा,
“तो हमें वह ढंग बताओ जिस से उस दुष्ट सांप को मारा जा सके।”
सियार ने उन्हें उपाय बताया,
“तुम नगर में जाओ। वहां राजा, राजा का कोई मंत्री या फिर कोई धनि व्यक्ति जब सावधान न हो। तब उनके मूल्यवान आभूषण उठा कर ले आओ और उसे साँप के बिल के पास गिरा दो। जब कोई उस आभूषण को लेने आएगा तब वह साँप भी मारा जाएगा।”
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योजना सुनते ही दोनों कौवे नगर की ओर उड़ गए। वहां जाकर उन्होंने देखा कि राजा एक तालाब में स्नान कर रहा है। उसके वस्त्र और आभूषण तालाब के किनारे रखे हुए थे। मादा कौवे ने उनमें से एक हार पकड़ा और उड़ गया।
राजा के सेवक उसका पीछा करने लगे। कौवा उड़ते-उड़ते जैसे ही पेड़ के पास पहुंचा। उसने वह हार साँप के बिल में गिरा दिया और खुद कुछ दूरी पर जाकर बैठ गया।
जैसे ही राजा के सेवकों ने हार लेने के लिए बिल में देखा तो साँप बाहर आकर फन उठा कर बैठ गया। हार लेनें के लिए राजा के सेवकों ने पहले साँप को लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला और फिर हार लेकर चले गए।
कौवों का शत्रु मारा जा चुका था। अब दोनों ख़ुशी-ख़ुशी बरगद के पेड़ पर रहने लगे।
दोस्तों, हमारी भी जिंदगी में कई बार परेशानियाँ आती हैं। उस समय हम में से कई लोग अपना धैर्य खो देते हैं और अपनी जिंदगी को अपने लिए ही दुष्कर बना लेते हैं। परिस्थिति कुछ भी हो बदलती जरूर है। बस हमें समय के साथ अपना कर्म करते रहना चाहिए।
भूतकाल में जो बीत चुका है उसे तो हम नहीं बदल सकते लेकिन जो आने वाला समय है उसे जरूर बदल सकते हैं। उसके लिए आपको कर्म करना पड़ेगा वह भी आज ही। जो काम आप आज करेंगे उसी का फल आपको कल मिलेगा। आप अपने जीवन में जो भी लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं उसके लिए आपके पास एक योजना का होना जरूरी है।
सफल व्यक्ति हर काम योजना बना कर ही करते हैं। वह का चाहे छोटा हो चाहे बड़ा। स्पेन के महान चित्रकार पाब्लो पिकासो कहते हैं,
“अपने लक्ष्यों तक हम केवल एक योजना के वाहन के माध्यम से पहुँचा साकते हैं, जिसमें हमें पूर्ण विश्वास करना चाहिए, और जिस पर हमें सख्ती से काम करना चाहिए। सफलता का कोई दूसरा मार्ग नहीं है।”
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धन्यवाद।
1 comment
Bahot hi sundar story thi ap aise hi majedar story hamare liye late rahe bhagwan apki har manokamna puri kare