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जिंदगी जीने का मजा तब ही आता है जब जीवन में जीने का कोई मकसद हो। बिना किसी मकसद की जिंदगी तो जानवर भी जीते हैं। फिर हम में और जानवरों में अंतर ही क्या रह गया? आपका अस्तित्व तभी कायम रह सकता है जब आप किसी लक्ष्य को लेकर जीवन जी रहे हैं। लेकिन आज के दौर में समस्या ये है कि लक्ष्य कैसे प्राप्त करें ? इसी समस्या के निवारण के लिए आज हम आपके लिए लाये हैं जीवन को सरल और सफल बनाने के लिए कि जीवन में लक्ष्य कैसे प्राप्त करे :-
जीवन में लक्ष्य कैसे प्राप्त करे
लक्ष्य का अर्थ
आज के समय में संसार में मात्र 2 प्रतिशत लोग अपने सपनों या लक्ष्य प्राप्ति के लिए जी रहे हैं। बाकी के सारे लोग बस अपनी जिंदगी को धक्का लगा रहे हैं। उनके जीने का कोई उद्देश्य नहीं है। ठीक उसी तरह जैसे जानवरों का उद्देश्य बस अपना पेट भरना होता है। ऐसे लोग उठते हैं भोजन की तलाश करते हैं, खाते हैं- पीते हैं और सो जाते हैं। ऐसे लोगों का जीना व्यर्थ है। जिंदगी वही जी रहा है जिसके जीवन में लक्ष्य है।
बाकी के लोग किसी और के सपनों के लिए कार्यरत हैं। उनके अपने सपने तो हैं लेकिन बहुत सीमित और उनके सपने उन साधनों पर निर्भर करते हैं जो उन्हें मिल रहे हैं। लक्ष्य की ओर बढ़ने वाले लोग अपने सपनों के लिए जीते हैं। वे अपने सपनों के लिए साधनों का जुगाड़ करते हैं। वे कोशिश करते हैं की उन्हें जो चाहिए उसे प्राप्त करें और बाकी सब लोगों के पास जो है वो उसी में गुजारा करने की कोशिश करते हैं।
जीवन में लक्ष्य साधने की क्या अहमियत है उसके लिए मैं आपको 2 इंसानों के बारे में पहले बताना चाहूँगा। पहला व्यक्ति अपनी कार में निकलता है लेकिन उसे कहाँ जाना है ये निर्णय वो नहीं करता और निकल पड़ता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इतना बेवक़ूफ़ कौन होता है जो ऐसे ही निकल पड़े। तो ये वो लोग हाँ जो कहते हैं जिंदगी में आगे क्या करना बाद में सोचेंगे अभी तो खुल कर अपनी जिंदगी जियें। और आगे चल कर वही लोग पछताते हैं।
फिर जब वो आदमी कार में निकलता है तो बहुत दूर जाकर उसकी कार का पेट्रोल ख़तम हो जाता है। अब ऐसी स्थिति में वहां आस-पास कोई पेट्रोल पंप भी नहीं होता। अब वो ऐसीजगह पे अटक गया है जहाँ से उसे कुछ समझ नहीं आ रहा। और अगर उसे इस परिस्थिति से निकलना है तो उसे और ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। उसे अपनी कार को किसी ढंग से पेट्रोल पंप तक ले जाना होगा। लेकिन अकेले व्यक्ति के लिए ये बहुत ज्यादा कष्टदायक होगा।
वहीं दूसरा व्यक्ति अपना लक्ष्य निर्धारित कर के अपनी कार से निकलता है। जब उसे महसूस होता है कि कार में पेट्रोल ख़तम होने वाला है और मजिल अभी दूर है तो वह कार में पेट्रोल भी डलवा लेता है। इस तरह वो जल्दी से अपनी मनिल पर पहुँच जाता है। इसके बाद वह औए भी बहुत से काम कर सकता है।
दोस्तों ये जो कार है यही हमारी जिंदगी है। अगर हम अपनी जिंदगी को बिना किसी लक्ष्य के जियेंगे तो हमारी जिंदगी भी कार की तरह कहीं अटक जायेगी। उस दिन बहुत देर हो चुकी होगी। जिस तरह कार को पेट्रोल पंप तक ले जाना कष्टदायक होता उसी तरह जिंदगी को भी सही रस्ते पर लाने के लिए काई कष्ट सहने पड़ेंगे। तो क्या किया जाए जिस से हमें ये सब न सहना पड़े।
लक्ष्य का निर्धारण :- लक्ष्य निर्धारित करें
लक्ष्य प्राप्ति के लिए सबसे पहले एक लक्ष्य का होना जरूरी है। अगर आपको फुटबॉल खेलना है लेकिन मैदान में कोई गोलपोस्ट नहीं है तो क्या आप इसे तर्कसंगत मानेंगे? आप फुटबॉल को किसलिए किक मारेंगे और किस दिशा में मारेंगे ? इसी तरह जीवन में अगर आप कुछ पढ़ रहे हैं या कुछ सीख रहे हैं तो उस से आगे ये सोचिये कि कुछ पढ़ कर या सीख कर आगे आपको क्या करना है? पहले लक्ष्य निर्धारित करें तब ही आप आगे बढ़ सकते हैं।
कैसे करें लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित
बहुत से लोग इस समस्या का सामना करते हैं कि उन्हें थोड़े समय के लिए अपने लक्ष्य के बारे में याद रहता है और वो लक्ष्य के प्रति थोड़े समय के लिए प्रेरित रहते हैं। कुछ समय बाद वे सब भूल जाते हैं और फिर से वही जिंदगी जीने लगते हैं। तो इस समस्या के हल इस तरह हैं :-
1. आपने जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे लिख कर ऐसी जगह टांग दें या चिपका दें जहाँ आप सुबह उठ कर रोज देखते हों। ऐसा करने से आपको सुबह से ही अपने लक्ष्य के प्रति सारा दिन कुछ न कुछ याद अत रहेगा।
2. रात को सोते समय उस नोट को फिर से देखें जिस पर आपने अपना लक्ष्य लिखा है और खुद से पूछें कि क्या आ अपने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोई कदम उठाया?
ऐसा करने से आपकी अंतरात्मा एक न एक दिन आपको अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़ने की भावना को जगा देगी।
3. अपने लक्ष्य से जुड़ी हुयी चीजों पर ध्यान दें। चाहे वो फिल्म हो, कोई किताब हो या कोई और जानकारी हो। इन सब चीजों से हम दूर नहीं रह सकते। अक्सर कुछ लोग आपको सलाह देते हैं कि इन सब चीजों से दूर रहें। पर ऐसा नहीं है आप इन सब का प्रयोग अपने फायदे के लिए कर सकते हैं। इनसे जानकारी हासिल कर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कुछ ज्ञान अर्जित कर सकते हैं।
समस्या ये नहीं की ये चीजें हमारी मानसिक एकाग्रता भंग करती हैं। समस्या ये है कि इन सब चीजों के सामने हम अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं। अपने लक्ष्य को अपने सामने रखिये तो खुद-ब-खुद आप इन चीजों से दूर हो जाएँगे। इसका प्रयोग करने से पहले ही यह निश्चित कर लें की आप क्या काम करने जा रहे हैं।
क्यों जरूरी है लक्ष्य
वैसे तो इस बारे में हमने ऊपर कार की उदाहरण से जान ही लिया कि जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी है। लक्ष्य के होने से इन्सान को कहीं भटकना नहीं पड़ता। उसे इस बात का ज्ञान होता है कि उसे क्या प्राप्त करना है। इस बात का ज्ञान होने पर उसे इस बात का ज्ञान भी हो जाता है कि ये सब प्राप्त करने के लिए उसे क्या-क्या करना होगा। इस प्रकार वह उन लोगों से काफी आगे निकल जाता है जो बिना लक्ष्य के आगे बढ़ते रहते हैं।
लक्ष्य कुछ भी हो डटे रहें
अपने जीवन में आप जो भी लक्ष्य निर्धारित करें। अछि तरह सोच विचार कर करें। नहीं तो लक्ष्य निर्धारित करने का कोई लाभ न होगा। एक बार लक्ष्य बना लेने के बाद उके प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हो जाएँ और संयम बनाये रखें। लक्ष्य मिलने में कई बार थोड़ी देरी हो सकती है परन्तु दृढ़ इच्छा रखिये लक्ष्य मिलेगा जरूर।
एकाग्रता है जरूरी
लक्ष्य एकाग्रता को जन्म देता है। यह काफी हद तक सही है। परन्तु ज्यादातर ऐसा होता नहीं है। हम जब भी लक्ष्य की तरफ बढ़ते हैं तो बीच में ही हमारा मन कहीं और दौड़ने लगता है। या फिर आज लक्ष्य निर्धारित किया तो कल हम भूल जाते हैं कि हमारा लक्ष्य क्या था? ये किसी एक के साथ नहीं होता ज्यादातर लोगों के साथ ऐसा होता है। लेकिन कैसे बनायें एकाग्रता जानिए इस लेख में।
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आपको हमारा यह लेखा जीवन में लक्ष्य कैसे प्राप्त करे कैसा लगा हमें अवश्य बताएं। यदि आपके पास भी जीवन से जुडी कोई समस्या है तो हमें बताएं। हम उस समस्या का हल अपने लेख द्वारा प्रस्तुत करने की कोशिश करेंगे जिससे बाकी लोग जो उस समस्या से गुजर रहे हों, उनकी सहायता हो सके।
पढ़िए लक्ष्य से संबंधित एनी बेहतरीन रचनाएं :-
- लक्ष्य प्राप्ति के लिए किन किन गुणों की आवश्यकता है “सुव्यवस्थित कार्यशैली और लक्ष्य प्राप्ति”
- जीवन में लक्ष्य का महत्त्व | लक्ष्य निर्धारण के लिए प्रेरित करता प्रेरणादायक लेख
- लक्ष्य पर कविता “मुसाफिर हूँ मैं यारों” | जीवन में बदलाव की कविता
धनयवाद।
18 comments
प्रणाम संदीप जी,
हमे आपका लेख बहुत ज्ञानपुर्ण लगा, और इसे अपने जिवनमे उतारने का जरुर प्रयास करेंगे,
परंतु प्रश्न ए भी है की कोईभी आदमी अपने जिवनमे जिसभी अवस्था या परिस्थीतीमे हो उसे अपने लक्ष निर्धारीत करणे का सही मार्ग -मापदंड क्या हो सकता क्योंकी हरेक का लक्ष एक या अलग हो सकता है.
कृपया इस विषयपे विचार विमंश किजीये..
aim should be in our life it is very right without aim we will not undertand where we are to go.
बहुत अच्छा जानकारी है
सर आपने बहुत ही अच्छी बात कही लक्ष्य हासिल करने का कोई समय निर्धारित नहीं है
धन्यवाद किशन जी।
Bhut accha lekh tha prh kar accha lga
धन्यवाद अभय दीक्षित जी।
नमस्कार सर ! मेरी आपसे रिक्वेस्ट हैं की आप हमें लक्ष्य प्राप्ति में आने वाली समस्याएं ओर सलूशन भी दे।
जय सिंह जी आप एक बार दुबारा ये पोस्ट पढ़ें। आपके सवाल का जवाब इसी पोस्ट में है।
धन्यवाद।
very nice thought &
Thanks Ravindra Kumar Ji…..
बिना लक्ष्य के जीवन में दिखने के बाद भी अंधकार है जैसे कि चौराये पर खड़े व्यक्ति को पता नही है कि मुझे किस राह जाना है।
सही बात कही आपने Jagmalram जी ……..बिना लक्ष्य जीवन कुछ भी नहीं….
बिना लक्ष्य के जीवन में कुछ भी हासिल नही किया जा सकता है
बहुत ही बढिया पोस्ट
धन्यवाद राकेश जी……..
आपने बहुत अच्छी बात कही कि जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरुरी होता है । लक्ष्य विहीन जीवन जीने का कोई मतलब नही है । धन्यवाद इस बेहतरीन लेख को हम सब के साथ शेयर करने के लिए ।
आपका भी बहुत-बहुत आभार Babita Singh जी….इसी तरह प्रोत्साहन देते रहें। धन्यवाद।
बढ़िया है| लक्ष्यहीन जीवन की कोई उपयोगिता ही नहीं रहती| आपके लेख से समर्पण, संयम, एकाग्रता और लक्ष्य के प्रति जागरूकता की महत्ता प्रतिपादित होती है| ऐसे प्रेरक लेख के लिए शुभाशंसा!
कभी अवसर मिले तो मेरे ब्लॉग पर भी पधारिए|
आपका,
अरविन्दनाभ शुक्ल
https://arvindanabha.blogspot.in/