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शराब छुड़ाने के उपाय | शराब की नशे की लत से छुटकारा कैसे पायें?


ऐसा अड़ियल मुश्किल से ही कोई होगा, जो शराब पीने की बुराइयों को कुछ ही महीनों में भली भांति अनुभव ना कर ले। पियक्कड़ को अपनी दशा से कष्ट होता है। वह शराब छोड़ना चाहता है, शराब छुड़ाने के उपाय ढूंढ़ता है, परन्तु छोड़ नही पाता। इससे उसे अपने ऊपर ग्लानी होती है। यदि उसे उचित सहारा और मार्गदर्शन मिल जाए, तो वह मद्यपान छोड़ भी सकता है।

शराब छुड़ाने के उपाय

शराब छुड़ाने के उपाय | शराब की नशे की लत से छुटकारा पाने के असरदार तरीके

कठिन, पर असंभव नही:

मद्यपान बंद करने पर रोगों की एक नई श्रंखला शुरू हो जाती है, जिसमे कम्पन, मतिभ्रम, मिर्गी और उन्माद ये सब प्रमुख है। ये रोग शराबी को नरक की सी यातना देते हैं। मजे की बात यह है की शराब पीने से कुछ देर के लिए इन रोगों के कष्टदायक लक्षण दब जाते हैं। लेकिन कोई भी व्यक्ति लगातार तो शराब पीते नही रह सकता।

पहला कारन तो यह है की शराब पैसे से मिलती हैं और इतना पैसा बहुत कम लोगो के पास होता है की वे देर तक शराब पीते रह सके। दूसरा कारन यह है की शराब देर तक पीते रहने से अलग प्रकार के रोग और कष्ट हो जाते है। सबसे ज्यादा कष्ट यह है की शराबी उचित मात्र में पोषक भोजन नही कर पाता। जिससे उसका शरीर कमजोर होते चला जाता है। इन करनो से उसे कभी न कभी तो शराब पीना बंद करना ही पड़ता है। जब भी वह शराब पीना बंद करता है, तभी उसे कम्पन, मतिभ्रम, मिर्गी, उन्माद, अनिंद्रा, बेचैनी आदि कष्ट सताते है।

मद्यपान की आदत को त्यागना बहुत ही कठिन काम है। यदि डॉक्टरो और मनोचिकित्सकों की सहायता से भी इसमें सफलता मिल जाये तो बड़ी बात है।

दृढ़ संकल्प:

शराब पीना बंद करने के लिए सबसे आवश्यक वस्तु है, दृढ संकल्प। पियक्कड़ को यह पक्का निश्चित करना होगा की मद्यपान ने उसे जिस दुर्दशा में ला पटका है, उसमे उसे नही हारना है। उसे मद्यपान को अवश्य और सदा के लिए छोड़ देना है। डॉक्टर तथा अन्य सलाहकार उसके संकल्प को दृढ बनाने में सहायता दे सकते है। शराब को त्यागने का इच्छा पियक्कड़ के अपने मन में जागनी चाहिए। जब तक इस विषय में उसकी अपनी इच्छा जाग्रत नही होती, तब तक जबरदस्ती उसकी शराब छुड़ाने से कोई लाभ नही होगा। पहला मौका मिलते ही वह फिर शराब पीना शुरू कर देगा।

कुसंगति का त्याग:

शराब पीने के लिए एक बड़ा प्रेरक कारण है कुसंगति। जो मनुष्य शराब पीना बंद करना चाहता है, उसे शराबी मित्रों की संगती को दृढ़तापूर्वक छोड़ देना होगा। उसे अपनी भीतरी इच्छा के विरुद्ध लड़ने में ही कठिनाई होगी। शराबी मित्रों का साथ होने पर उसे शराब पीने का प्रलोभन होगा। वे शराबी मित्र यह तो नही चाहेंगे की उसके अच्छे उदहारण की नक़ल करके स्वयं भी शराब पीना छोड़ दें, बल्कि यह चाहेंगे की किसी प्रकार उसे भी अपने गुट से बाहर ना निकले दे। इसलिए इस कुसंगति को छोड़ना बहुत जरुरी है।



नई रुचियाँ नए साथी:

पियक्कड़ आदमी की रुचियाँ बहुत ही सिमित हो जाती है। जो आदमी मद्यपान की आदत को छोड़ना चाहते है। उसे अपनी नई रुचियाँ बनानी पड़ेगी। नियम से घूमना फिरना, व्यायाम करना, खेल-कूद, मंदिरों, सत्संगो तथा अन्य सभा सम्मेलनों में भाग लेना आदि में वह अपना ध्यान लगा सकता है। उसे नए साथी ढूंढने होंगे, जो जीवन सुधारने में उसकी सहायता करें। सार्वजनिक जीवन में भाग लेने से उसे इस प्रकार के साथी आसानी से मिल सकते हैं।

शुरू का एक महीना अस्पताल में:

शराब छोड़ने का संकल्प पक्का कर लेने पर आदमी को कम से कम एक महीना अस्पताल में रहना चाहिए। कारन यह है की शराब पीना बंद करने के कारन अनेक कष्टदायक उत्पात खड़े होते हैं। घर पर रहते हुए व्यक्ति उन कष्टों से घबरा जाता है और उनसे बचने के लिए फिर शराब पीना शुरू कर देता है। शराब पीने से कुछ देर के लिए वे कष्टदायक लक्षण दब जाते है। जब भी शराब पीना बंद किया जायेगा, तभी वे लक्षण फिर से उसी तरह होंगे। इसलिए मन पक्का करके एक बार उनसे निपट ही लेना भला है।

यदि मनुष्य अपने निश्चत पर डटा रहे, तो अधिकांश कष्टदायक लक्षण चौदह दिन में समाप्त हो जाते हैं। फिर भी उसे सावधानी के तौर पर कम से कम एक महीना अस्पताल में रहन चाहिए, क्योंकि किसी किसी व्यक्ति में वे कम्पन, मतिभ्रम, मिर्गी, उन्माद आदि लक्षण दुबारा उत्पन्न हो सकते हैं। अस्पताल में तो उनके कष्टों को दवाइयों द्वारा कुछ कम किया जा सकता है, परन्तु घर पर आदमी उनसे बचने का एक ही इलाज करता है- फिर से शराब पीने लगता है। इससे वह सारा अकारथ हो जाते है, जो उसने शराब त्यागने के प्रयत्न में सहा। अब जब वह दुबारा शराब छोड़ने का यत्न करेगा, तब उसे वह सारा कष्ट फिर उसी प्रकार सहना पड़ेगा।



शराब छुड़ाने की मेडिसिन:

कुछ दवाइयाँ भी ऐसी हैं जो मद्यपान की आदत को छोड़ने में सहायक होती हैं। एलोपैथी में ऐसी एक दवाई है- डाईसल्फिरैम (Diasulfiram)। इसी को एंटाब्यूज (Antabuse) भी कहते है। पियक्कड़ से कहा जाता है की वह एक दवाई की एक गोली खा कर शराब पिए। इस दवाई के कारन शराब का बड़ा भयानक असर होता है। जी मिचलाना, उल्टी और बेचैनी बहुत अधिक होती है। इससे रोगी के मन में यह बात बैठ जाती है की इस दवाई के बाद शराब पीने में आनंद नही मिलेगा, बल्कि भारी कष्ट होगा। इसलिए वह शराब पीने से बच सकता है।

परन्तु डाईसल्फिरैम के प्रयोग के बाद शराब पीनी नही चाहिए, यह बात रोगी को भली भांति समझ लेनी चाहिए, क्योंकि इसके साथ साथ शराब पीते रहने से शरीर को भरी नुकसान पहुंचता है और मृत्यु भी हो सकती है।

इसी प्रकार की एक और दवाई है एम्फीटैमाईन सलफेट (Amphitamine Sulphate)। कहा जाता है की इसके प्रयोग से पुराने पियक्कड़ो में शराब पीने की हुड़क कम हो जाती है। इसी प्रकार दो अन्य दवाइयाँ हैं टेम्पोसिल (Temposil) और साईट्रेटीड कैल्सियम कार्बिमाइड (Citrated Calcium Carbimide)। इनका असर भी डाईसल्फिरैम जैसा ही होता है।

परन्तु इस प्रकार की दवाइयों के प्रयोग से लाभ की आशा तभी है, जब की पियक्कड़ स्वयं सच्चे दिल से शराब छोड़ना चाहता हो। नहीं तो जब भी वह शराब पीना चाहेगा, तभी इन दवाइयों को खाना बंद करके शराब पीने लगेगा।

संबंधियों और मित्रों का सहयोग:

पियक्कड़ के घर वाले और मित्र लोग अपने सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार द्वारा शराब त्यागने में पियक्कड़ की वास्तविक सहायता कर सकते हैं। उन्हें पियक्कड़ पर दबाव तो कभी नही डालना चाहिए, क्योंकि उससे वह जिद पकड़ लेता है और अपमानित अनुभव करता है; परन्तु जब कभी वह स्वयं ही शराब त्यागना चाहे, तब उसे प्रोत्साहन अवश्य देना चाहिए।

अल्कोहलिक एनोनिमस:

एक अन्तराष्ट्रीय संस्था है, अल्कोहलिक एनोनिमस (Alcoholic Anonymous)। इसका काम है पियक्कड़ो को शराब त्यागने में सहायता देना। पुराने पियक्कड़, जो शराब पीना छोड़ चुके हैं, इसके सदस्य होते है। वे उन पियक्कड़ो को सलाह देते है, जो शराब छोड़ना चाहते है। भारत में भी टेम्परेंस सोसाइटी इसी प्रकार का काम कर रही है।

शराब का एकदम और बिलकुल त्याग:

अनेक पियक्कड़ों के अनुभव से चिकित्सकों की यह राय बनी है की शराब छोड़ने का सही तरीका यह है की शराब पीना एकदम और बिलकुल बंद कर दिया जाये। धीरे-धीरे शराब की मात्रा घटाते जाने का तरीका सफल सिद्ध नहीं हुआ। शराब पीना बिलकुल बंद कर देने से कष्ट से जल्दी छुटकारा मिल जाता है और सफलता की आशा अधिक रहती है।


(प्रस्तुत लेख विष से विकट शराब नामक किताब से लिया गया है जिसके लेखक है विराज। इस लेख को यहाँ पब्लिश करने का उद्देश्य, उनके नशा मुक्ति के संदेशों को जन-जन तक फैलाना है ताकि समाज को शराब के लत से छुटकारा पाने में अहम् जानकारी लोगों को मिल सके। इस किताब में आप शराब से सम्बंधित बहुत सारी जानकारियां प्राप्त कर सकते है।)

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धन्यवाद।

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