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आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देने वाली कविता :- चल आगे बढ़ | बेहतरीन हिन्दी प्रेरक कविता


जिंदगी में कई बार मुसीबतों के ऐसे तूफ़ान आते हैं कि इन्सान की संयम और धैर्य की कश्ती डांवाडोल होने लगती है। ऐसी परिस्थिति में इन्सान को हौसला रखते हुए उस तूफ़ान का सामना करना चाहिए और अपने जीवन की नाव को सागर की लहरों से लड़ते हुए आगे बढ़ाना चाहिए। तो आइये पढ़ते हैं आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देने वाली कविता :-

प्रेरणा देने वाली कविता

आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देने वाली कविता

चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर,
ये लहर जो उठती उठने दे
करना अब तू कोई अगर मगर,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।

ये दुनिया एक तमाशा है
हर शख्स यहाँ पर प्यासा है,
ये प्यास है आगे बढ़ने की
यूँ ठहर के तू प्यासा न मार,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।

जिन्हें सपने अपने पाने हैं
बन जाते वो तो दीवाने हैं,
गर लक्ष्य जो साधा है तूने
उसे पाने की कोशिश तू कर,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।

गुमनाम सा तू क्यों भटक रहा
राहों में क्यों तू अटक रहा,
है रात अँधेरी फिक्र है क्या
एक दिन आएगी अपनी सहर
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।

जो राह न मिलती, नई बना
खुद को अपनी आवाज सुना,
बस रुकना न तू राहों में
कट जाएगी जल्दी ये डगर,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।

मंजिल तू जिस दिन पायेगा
दुनिया में जाना जायेगा,
मौत न तुझको मार सके
हो जायेगा ऐसा तू अमर,
चल आगे बढ़, तूफाँ से न डर
चल कश्ती उठा, सागर में उतर।

प्रेरणा देने वाली ये कविता आपको कैसी लगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स द्वारा हम तक व हमारे पाठकों तक अवश्य पहुंचाएं।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की 5 प्रेरणा देने वाली कविता :-

धन्यवाद।

4 Comments

  1. कविता की कौन-सी पंक्ति मनुष्य के मनोबल को बढ़ाती

    है ?

    (1) गर लक्ष्य जो साधा है तूने ।

    (2) जिन्हें सपने अपने पाने हैं ।

    1(3) एक दिन आएगी अपनी सहर ।

    (4) चल कश्ती उठा, सागर में उतर ।
    इस प्रश्न का सही उत्तर बताए और ये कविता किस किताब में मिलेगी।

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