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पत्नी पर हास्य कविता :- नई नवेली दुल्हन पर हास्य कविता | Patni Par Hasya Kavita

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

कहते हैं शादी के लड्डू जो खाए पछताय जो न खाए पछताय। लेकिन वो पछतावा कैसा होगा ये तो बस लड्डू खाने वाला ही बता सकता है। शादी के इसी लड्डू को खाने के बाद कई बार एक व्यक्ति को ऐसा झटका लगता है कि वो सोचता है इससे बेहतर तो वो कुंवारा ही था। ऐसे ही एक व्यक्ति, जिसने की अभी शादी की है उसके साथ पहली ही रात को क्या होता है? बताया गया है इस हास्य कविता में। ये कविता मेरे लिए ख़ास इसलिए है क्योंकि ये कविता मैंने नहीं मेरे पिता जी ने लिखी है। हाँ, याद रहे ये उनके निजी जीवन का अनुभव नहीं बल्कि मात्र एक कल्पना है। तो आइये पढ़ते हैं ये पत्नी पर हास्य कविता :-

पत्नी पर हास्य कविता

पत्नी पर हास्य कविता

अपनी खुशियों की खातिर सबने हमको दिया फंसाय
ऐसी हो रही हालात, शादी कर के रहे पछताय।

पत्नी आयी ब्याह कर, बैठीं सेज पे जाय
पति जी बोले, आकर अब तुम काहे रही लजाय,
पत्नी बोली अब काहे की लाज है हमको स्वामी
पहले दूध पिलाओ हमको, बाद में लाओ पानी,

पहली रात में क्या ये होता है, पति समझ न पाय
पत्नी जी के बोल ये सुन कर, पति का सिर चकराय
अपनी खुशियों की खातिर, सबने हमको दिया फंसाय
ऐसी हो रही हालात, शादी कर के रहे पछताय।

पति जी सोचे कहाँ ये फंस गए, हैं अब हम ए प्यारे
इससे अच्छा होता अगर हम रह जाते जो कुंवारे
पत्नी बोली कहाँ खो गए, ए प्रिय नाथ हमारे
देर न करिए आसमान में, निकल चुके हैं तारे,

जल्दी करिए नाथ हमें अब, जोरों से नींद सताये
थकी हुयीं हूँ आज जरा, मेरे पैर भी दियो दबाय,
अपनी खुशियों की खातिर सबने हमको दिया फंसाय
ऐसी हो रही हालात, शादी कर के रहे पछताय।

हुई सुबह पत्नी ने फिर था, नया फरमान सुनाया
नाथ कहाँ हो अब तक तुमने, नाश्ता नहीं बनाया
जल्दी करो नाथ अब तुम, नाश्ते की तैयारी
सिर भी थोड़ा दबा दो मेरा, माथा हो रहा भारी,

सुन कर अब ये बात, पति परमेश्वर हैं घबराए
नाश्ता है क्या चीज अभी तो, गैस भी न हैं जलाये,
अपनी खुशियों की खातिर, सबने हमको दिया फंसाय
ऐसी हो रही हालात, शादी कर के रहे पछताय।

पति जी जोड़ें हाथ राम जी, हमको अब तुम बचाओ
दोनों में से एक को अपने, पास में अब तुम बुलाओ,
पत्नी बोली कहाँ खो गए, अब फिर से तुम प्यारे
आज यहाँ मिलने हैं आ रहे, हमसे माँ बाप हमारे,

खाने की तैयारी का दिया, पत्नी ने आदेश सुनाय
सुनकर हुए बेहोश पति जी, न अब तक होश में आये,
अपनी खुशियों की खातिर, सबने हमको दिया फंसाय
ऐसी हो रही हालात, शादी कर के रहे पछताय।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की ये बेहतरीन 4 हास्य रचनाएं  :-

पत्नी पर हास्य कविता आपको कैसी लगी? हमें अवश्य बताएं। जिससे मैं अपने पिता जी की दूसरी रचना जल्द आपके सामने ला सकूँ।

धन्यवाद।

Image Credit :- New Morning News

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6 comments

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Aryan अगस्त 28, 2018 - 5:07 अपराह्न

वाह बढ़िया है जैसे भी जोड़ा अच्छा है

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 28, 2018 - 9:39 अपराह्न

धन्यवाद आर्यन भाई।

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Avinash अगस्त 25, 2018 - 5:37 अपराह्न

Bahut achhi kavita hai. Sahi baat hai shaadi ka laddoo jo khaye wo bhi pachhtaye aur jo na khaye wo bhi pachhtaye. Thanks for sharing the information.

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 25, 2018 - 9:30 अपराह्न

धन्यवाद अविनाश जी…..

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Aditi अगस्त 23, 2018 - 9:18 अपराह्न

Very nice poem actually amazing????still can't believe this is ????????????????????

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 25, 2018 - 11:34 पूर्वाह्न

Thanks Aditi ????????

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